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Karma puja in my Village//टोटाम्बी गाँव में करमा पूजा/ 

anup oraon
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जय धरम! जय चाला! जय सिंगबोगा ! जय आदिवासी।
झारखंड में किसी भी कहीं भी अतिथियों का स्वागत लाल पैर साड़ी पहन कर किया जाता है।
आपको पता होगा कि " आदिवासी प्रकृति का सबसे बड़ा पुजारी है और हमेशा से ही रहा है। और सरना में उनका पूजा करना भी सबसे अलग है। वे धूप- धुवन का इस्तेमाल करते हैं ।
आदिवासियों के झंडे में सफेद और लाल रंग का कुछ खास मतलब है।
सफेद रंग- सादगी का प्रतीक है क्योंकि आदिवासी मन के सच्चे और दिल के साफ़ होते हैं।
वहीं लाल रंग क्रांति का प्रतीक है।
जब कभी भी आदिवासियों पर अत्याचार होता है तब तब यह सादगीपन एक क्रांति का रूप ले लेता है और उन्हें विजय दिलाती है।
सलाम सभी आदिवासी भाई-बहनों को ।
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धन्यवाद!....

Опубликовано:

 

8 окт 2024

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