वाराणसी स्थित वल्लभाचार्य की बैठक के नाथद्वारा के रिश्ते पर प्रातःकाल की खास रिपोर्ट
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भारत की आध्यात्मिक नगरी काशी के साथ मेवाड़ में विराजित प्रभु श्रीनाथजी के टेंपल बोर्ड का एक गहरा संबंध है। और ये संबंध जगतगुरु वल्लभाचार्य जी के कारण है। सर्व विदित है कि वल्लभाचार्य जी ने अपने जीवन का महत्वपूर्ण समय काशी में ही बिताया, और यही देह त्याग कर हमेशा हमेशा के लिए प्रभु श्री नाथ जी के श्री चरणों में विलीन हो गए। 15वीं शताब्दी में श्री कृष्ण शरणम मम, नाम के महामंत्र के माध्यम से जगत के जीवों का कल्याण करने वाले वल्लभाचार्य जी ने काशी प्रवास के दौरान अपने भक्त सेठ पुरुषोत्तम दास की हवेली में विराज कर वेद , रामायण और भागवत जैसे पवित्र ग्रंथों का पाठ किया और प्रवचन दिए। कालांतर में वही स्थान बैठक जी के स्वरूप में हमारे सामने है। इस बैठक का संचालन नाथद्वारा टेंपल बोर्ड द्वारा किया जा रहा है। यहां पर वल्लभ कुल के तिलकायत राकेश महाराज व विशाल बाबा के मार्गदर्शन में पुष्टीमार्गीय परंपरा के अनुसार वर्ष पर्यंत उत्सव व कार्यकम आयोजित किये जाते हैं। इस बैठक के इतिहास को आपसे रूबरू करा रहे हैं हमारे संवाददाता मनीष पालीवाल
19 июн 2024