कहानी में लेखक निरंजन देव शर्मा ने एक ऐसी युवती को चित्रित किया है, जो अपने बच्चों और परिवार को एक उज्ज्वल भविष्य देना चाहती है। असहयोग की परिस्थितियों में स्त्री संघर्ष की कहानी है सितारा।
यह एक नया माध्यम है पाठकों / श्रोताओं तक कहानी पहुंचाने का और इस प्रयास के लिए अर्चना भाटिया और उनके कथासागर का बहुत आभार। कहानी सुनाते हुए उन्होंने स्थानीय टोन को खूब पकड़ा है। कहानी सुनाना भी कला है जिसके साथ अर्चना भाटिया पूरा न्याय करती हैं। वैसे यह कहानी कथादेश के जून अंक में प्रकाशित हुई है। पत्रिका सब तक नहीं पहुंच पाती लेकिन यू ट्यूब के माध्यम से कहानी आसानी से कहीं भी शेयर की जा सकती है। मुझे आप सभी का स्नेह मिला , आपकी टिप्पणियों के लिए बहुत आभार।
हर औरत में ऐसी ही सितारा मौजूद हैं, जो अपने परिवार के लिए अंतिम समय तक संघर्ष करती रहती है। कहानी की विषयवस्तु समाज की हर औरत से जुड़ी है। कथा वाचक का धन्यवाद।
कहानी सितारा में, सितारा जो एक बेटी,बहन, पत्नी और मां के रूप में समाज की सभी औरतों के जीवन का संघर्ष, व्यवहार और जिम्मेदारी को प्रस्तुत करती है। औरतों के जीवन की कठिन परिस्थितियों और परिवार को सुचारू रूप से चलाने की सत्यता से अवगत करवाया करवाती है। कहानी की पात्रा सितारा के जीवन में समाज की असंख्य सितारा मौजूद है। कथा वाचक ने अपनी अविरल गति से रोचकता में चार चांद लगा दिए। कथाकार का धन्यवाद।