शहादत की उस धरती पर, नाम लिखा है हुसैन का..
प्यास और लहू लथपथ करबला, इतिहास रचा है हुसैन का..
पाक रखा था इस्लाम को, ऊंचा रहे परचम हुसैन का..
मुहर्रम का मातम छाया, सारे जहां में हुसैन का..
सुनील येलने_
_____________________________________________________
इस्लाम शांति और अहिंसा का धर्म, जीसकी नीव पैगंबर मोहम्मद साहब ने रखी. दुनिया को कुरान दिया, अल्लाह के रचना को बताया. नबी मोहम्मद ने जिस दुनिया को कलमा पढ़ना सिखाया, इस दुनिया के स्वार्थी एवं अहंकारी लोगों ने हिंसा के बल पर उनके नवासी (पोते) को शहीद किया गया. हजरत हुसैन (मोहम्मद के नवासे) ने अमन के लिए सिर्फ 70 योद्धाओं के साथ मिलकर दुश्मनों से जंग किया. हजारों जखमों से घीरकर जब वे जमीन पर गिरे, उन्होंने पानी मांगा, वह भी अपने 6 माह के बेटे के लिए, तब दुश्मन ने पाणी तक नहीं दिया. जहां एक और इस्लाम में पानी पिलाना इंसानियत का फर्ज माना जाता है. हज के लिए निकले हुसैन को जब पता चला उनकी हत्या के लिए दुश्मन उनके पीछे है, तब वे वहां से चले गए. क्योंकि ऐसे पवित्र स्थान पर वे हिंसा नहीं चाहते थे. दूर कर्बला में उनको और उनके परिवार को घेर लिया गया, और वहीं पर शहीद किया गया. मुस्लिम समुदाय में इस दिन को मोहर्रम के दिन में यानी मातम का दिन मनाते हैं. जहां हजरत हुसैन ने शहीद होकर भी दुनिया को जीत लिया, वहीं दूसरी और दुश्मन की यजिद ने जंग जीत कर भी हार गया. इस तरह हजरत हुसैन ने जाते-जाते दुनिया को प्रेम, समर्पण, धर्म और अमन का संदेश दिया.
______________________________________________________
#muharram
#hussain
#karbala
#17july2024
#muharram2024
#shabbiraliwarsi
20 сен 2024