देवरानी नही दयोराणी बोलते है हजबैण्ड को मैस भी बोला जाता है बुआ को दीदी और फूफा को भिन ज्यू ही बोला जाता है । ककी सास को कही नान ज्यू या नान सास और छोटे ससुर को नान सौरज्यू भी बोलते है सास को ज्यू भी बोला जाता है।
पवन भाई कोई कोई भाभी और देवर भाभी कितना प्यार होता है देवर जी भी अपनी भाभी को कितना अच्छा मानती है और देवर की भाभी को बहुत अच्छा मानता है मगर आदमी गलत सोचते हैं बहुत मैं तो भाई और मां का रिश्ता वाना कह देना भाभी मां के समान होती है😂❤❤❤😂🙏🙏🙏🙏
Wah pawan da maja aaa gya itni acchi pahadi aaj tak kisi ne bhi nahi samjahai😁😁Bina dekhe hi pehele comment kar de rha hu kyuki pta hai aapne accha hi samjahaya hoga😂 Ab dekhta hu video apki😃😃
हर कुमाऊनी के लिए यह जरूरी नहीं है कि वह अपनी भाषा बोलना जानता हो। बल्कि गांव में आज की नयी पीढ़ी अपनी कुमाउनी भाषा में बोलने में बड़ा संकोच और हीन महसूस करते हैं। आपके द्वारा कुमाउनी में बोले जाने पर भी वे हिंदी में उत्तर देने में अपनी शान समझते हैं। पवन भाई हमारे जैसे लोगों को जो अपने काम/नौकरी के सिलसिले में उत्तराखंड से बाहर हैं ये उन्हें कुमाऊंनी भाषा सिखाकर बहुत पुण्य का काम कर रहे हैं तांकि पलायन कि वजह से हमारी इस भाषा को विलुप्त होने से बचाया जा सके। पवन भाई को उनकी इस मुहिम के लिए बहुत बहुत साधुवाद।