आज जो भी लोग इस उतराखण्ड से पलायन हुये वो कह रहे हमारी मजबूरी थी, वो मजबूरी नहीं सब देखा देखी है, कहावत है केचुयें ने सांप की बराबरी की वो तड़प तड़प के मरा यही कहावत आज उतराखण्ड से पलायन हुये लोगों पर सटीक बैठती है उसमें मैं शामिल हूं।
जो खुद पलायन कर रहे उन लोगों ने पलायन की बात नहीं करनी चाहिए आप के घर की हालत ये हो रही कभी इसे सही कराते आते रहते तो ऐसा नहीं होता आप पलायन की बात कर रहे आपने से इसकी शुरुआत करो सही बनाओ
आपको तो चालीस वर्ष हुए हैं, हमें बावन वर्ष हो गए हैं लेकिन हम पहाड़ बीच बीच में जाते रहते हैं, हमारे मकान और गांव की ऐसी बुरी हालत नहीं हुई है।सभी लोगों को अपनी पैतृक सम्पत्ति की देखरेख करते रहना चाहिए। बाहरी लोग करोड़ों रुपए में पहाड़ में भूमि खरीद रहे हैं। हमारी अरबों की भूमि है जिसे हमारे पूर्वज रख गये हैं।उसे हमने संभालकर रखना चाहिए । धन्यवाद।
ऐसे घर को देखकर दर्द नहीं होता है मंगलदा आपको जिस घर में जनम लिया बचपन बीता भाबर चले गये वह अलग बात है लेकिन पहाड़ का घर भी आवाद रहना चाहिए बडा घर नहीं दो कमरे पहाड़ में होने चाहिए
pahar me rahana parega ham sab autrakhnd walk ko ek sure me aawaj dena parega Bahut mast jagag h apna pyara Dada Dhura jagal pyaro pahar Namaskar jiwnda or magal da ko or tumar pariwar ko pelag Ese hi hamare paharo ka Dyan dete rahana
कुछ तो दिक्कत रही होगी पलायन की लेकिन गॉव मै आना जाना करते रहना चहिये पैतृक स्थान एक विरासत है उसकी देखरेख करती रहनी चाहिए। सिटी में रहकर गांव को भूल जाना अधूरी सफलता है। उम्मीद है मंगल दा
मंगल था अपना घर दिखा कर अपने को दूनिया अपनी इज्जत कम मत करो जो अपना घर नहीं देख पा रहा ववो पहाड़ निवासी का दर्द क्या जाने अपना प्रचार प्रसार करने मैं लगे रहो
पहाड़ कभी मत छोड़ना ये हम किसी को सलाह भी नहीं दें सकते, लेकिन ये राय तो दे सकते है कि साल मे एक महीने पहाड़ जाने का एक कार्यक्रम अवश्य होना चाहिए, फालतू घास पेड़, सिसुड, जैसी वृक्ष को कटाई कर अपने घर मे रहें,तो घर कि हालत मांगलदा के घर जैसी कभी नहीं होंगी,
Pahad me rah nhi sakte par ghar ki halat sahi hona chahiye kabhi aayenge to kis ke ghar rahenge ye me sabhi logo ko kahna chahta hu jinhone pahad choda h
इसमें शर्म वाली क्या बात है यह सभी जानते हैं कि पहाड़ों में पलायन किन कारणों से होता पेट की भूख सबसे बड़ी होती है, ऐसा लगता है आपके पेट पहले से भरे हुए हैं इसलिए पलायन करने वालों को आप नहीं समझ पाए हैं