जय जिनेन्द्र पंडित जी ,आपका प्रत्यक्ष प्रवचन सुनने की इच्छा है ,आप गुरुदेव जैसा कार्य कर रहे है ,ऐसा प्रतीत होता जैसे साक्षात सुनने पर निश्चित सम्यक दर्शन रूपी फल जरूर फलित होगा
साधना जैन,,, आत्मा अनंत गुना का धनी फिर भी देखो पर्याय मे roli humko to निज रूप निरख ना है,,, अनुभव कर भाव सागर tairna hai,,, मुक्ति की यह रीत पुरानी है केवली ने अनुभव से प्रमणि है,,, निज के अवलंबन से सुख की प्राप्ति होगी शाश्वत है मार्ग यही 😊🙏😊