बोलदन की पहाड का रीत और पहाड का गीत केन नी जाडिन। कती खेरी खादन कति खेरी लदान बस यु मन ही जाणधु । मन की पीड़ा केमा लाड़ बस पीड़ा यु उचा डाडियो मा ही रादि l आस छे औलाद छे जीड़ो कु पराड छे रुमख द खाडू खाड़ तू मेरु सारू छे , आज कखगे तू क्या मेरी त्वे पर यथी आस छे l ❤ गॉ ⛰️गौलोमा 🐦 घुघुती हिलास छे, खोल्यो पर गणेश कु वास छे, यु गाँ⛰️ गौलोमा, चौक तिवारियों तू डंडे ल्यु मा गॉ का ग्वाला बालों की आस छ ❤ 💐❤ आप और आप की संपूर्ण टीम को मेरी और मेरे संपूर्ण गांव की और से ढेर सारी शुभकामनाएं आप आगे भी यूं ही काम करते हैं 🍁⛰️पहाड़ की पीड़ा एक पहाड़ी जानता है❤
बहुत सुंदर गीत है मेने इस कि शूटिंग एक ब्लॉग के थुरु देखी थी बेसब्री से इंतजार था देखकर आंखों में आंसू आ गए क्योकि इसी तरह मेरी सास जी ने भी अपनी जवान बेटी को खोया है पूरी टीम को बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं 😭😭😭😭😭
Bahut achhu roll ch kariyu ma ki or hirdya par peeda pahunçhon walu geet ch mi ak din ma bahut bar sundu ye geet the wati bar rondu Sachi bonu ma ka so ye gana ju noni ma ku roll kani ch hu roll hirdya ma peeda pahunçhon ch ak achhi klakar ch hin aap log