Really superb, so wonderful highly impressive thrillings and greaceful creativity in this dance act and unbelievable so much very nice body language performance and the God bless you with all good wishes.
आप सब से GST के विषय में ये कहना चाहता हूँ कि 1954 में फ़्रांस से vat को यथार्थ रूप से समझा नही गया है इस कारण प्रत्येक देश में प्रत्येक व्यापारी निर्माता के साथ साथ उस दुकानदार को भी सम्मलित कर लिया गया है जो पूर्ण निर्मित वस्तुओं का क्रय विक्रय करता है जैसे थोक या फुटकर प्रकार से :-मेडिकल स्टोर्स,किराना सामग्री,जनरल मर्चेंट,खाद,सीमेंट,हार्डवेयर-पेंट सामग्री,रेडीमेड वस्त्रों ,स्टेशनरी की वस्तुएं,इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं,इलेक्ट्रिक वस्तुएं,औजारों की फुटकर दुकान,लकड़ी या प्लास्टिक फर्नीचर ,आभूषण ,आदि आदि जैसी पूर्ण निर्मित वस्तुओं का क्रय विक्रय करता है उसके लिए vat में टैक्स देय नहीं हो सकता क्योंकि इस प्रकार की पूर्ण निर्मित वस्तुओं का क्रय विक्रय करने वाले दुकानदार RESALE (पुनर्विक्रय) की परिभाषा के अंतर्गत समाविष्ट नहीं होते हैं I पुनर्विक्रय की परिभाषा इस प्रकार से है ---“पुन:विक्रय का तात्पर्य किसी व्यक्ति द्वारा किसी माल को उसी रूप और दशा में जिसमें ऐसे माल को ऐसे व्यक्ति द्वारा क्रय किया गया हो,विक्रय करने से है “ अर्थात “उसी रूप और दशा “ का आशय है की बिना कोई परिवर्तन,संशोधन,निर्मित किये; वस्तु को विक्रय करना है, अब समझो की पूर्ण रूप से निर्मित वस्तु का क्रय-विक्रय करने वाला कोई भी वस्तु का दुकानदार; अपने द्वारा क्रय की गयी वस्तु में किस प्रकार कोई परिवर्तन या संशोधन या निर्माण कर तदुपरांत विक्रय कर सकता है; कदापि नहीं ,असंभव I VAT में “पुन:विक्रय” को परिभाषित किया गया है लेकिन पूर्व में प्रचलित बिक्री कर कानून में इसको परिभाषित नहीं किया गया है मात्र “बिक्री” को ही परिभाषित किया गया है I VAT के सभी प्रारूपों (फॉर्म) में भी “मात्रा और परिमाण” शब्द का प्रयोग किया गया है “संख्या” शब्द का कोई प्रयोग किया ही नहीं गया है उपरोक्त लिखित थोक या फुटकर दुकानदार के लिए न तो “मात्रा” शब्द का प्रयोग और न ही “परिमाण” शब्द का प्रयोग किया जा सकता है हाँ “संख्या” का ही ये दुकानदार प्रयोग कर सकते है और करते भी हैं I “महर्षि पतंजलि” ने अपने सुप्रसिद्ध ग्रन्थ “महाभाष्य” में एक स्थान पर “वेदों” के सम्बन्ध में लिखते हुये कहा है कि “एक; शब्द:सम्यग ज्ञात: सुप्रयुक्त:स्वर्गे लोके कामधुग भवति “I अर्थात यदि वेद के एक शब्द को भी भली-भांति समझ लिया जाये और समझ कर उसके अनुसार आचरण किया जाये तो वह हमारे लिया इस संसार को स्वर्ग बनाने की शक्ति रखता है तथा हमारे लिए कामधुग बन जाता है I ......इसी प्रकार जैसे जो बात वेद के विषय में सत्य है ठीक उसी प्रकार वैट के सम्बन्ध में भी यही यथार्थ सत्य है ,इसको शब्दों के अनुसार समझा नहीं गया है यही कारण है की जिस भी देश में वैट उपरोक्त लिखित दुकानदार के ऊपर आरोपित किया गया उस देश की अर्थव्यवस्था गिर चुकी है केवल आंकड़ो के आधार पर किसी तरीके से व्यवस्था को बनाये रक्खा जा रहा है परन्तु इस व्यवस्था को अब समाप्त होना निश्चित है I वर्तमान में GST के आधिकारिक पोर्टल में जो कमोडिटी कोड दिए गये हैं वो प्रचलित वैट के अधिकारिक पोर्टल से सर्वथा भिन्न हैं और GST में कमोडिटी कोड की संख्या भी प्रचलित VAT की कमोडिटी कोड की संख्या से अधिक है सूक्ष्मता से अध्ययन करने पर ये तथ्य प्रकट हो रहा है की उपरोक्त लिखित दुकानदार कमोडिटी कोड जैसी GST की औपचारिकता के पहले स्तर पर ही खड़े नहीं हो सकते, इन दुकानदारों के लिए कोई दूसरी औपचारिकता तो हो सकती है परन्तु GST के किसी भी स्तर पर इनको सम्मलित किया नहीं जा सकता I अभी कुछ ही देशों में GST का परिचालन किया जा रहा है :-- ऑस्ट्रेलिया,न्यूजीलैंड,कनाडा,सिंगापूर और मलेशिया इसके अतिरिक्त और कहीं GST परिचालन में नहीं है हाँ VAT के नाम से कई देशों में चलन में तो है लेकिन उपरोक्त लिखित दुकानदार को सम्मलित किया जाने से अब वो भी दुविधा में अवश्य है अब निगाहेँ लगी हैं ऐसे स्थान पर जहाँ से यथार्थ रूप GST का परिचालन प्रारम्भ किया जाना है और मेरा विश्वास है की वो स्थान अखंड भारत ही होगा जो GST को यथार्थ रूप से परिचालन में लाकर पुन:विश्वगुरु के पद पर प्रतिष्ठित अवश्य हो जायेगा I समस्त विधिवेत्ताओं/राष्ट्रवादियों/नीति-निर्माताओं/उपरोक्त लिखित दुकानदार/निर्माताओं/व्यापारियों/व्यवसाईयों /सरकार-अधीनस्थ-कर्मचारी गणों /से कहना चाहता हूँ की सत्य को समझने और समझाने का प्रयास करें साथ ही परिचालन में लाकर अखंड भारत को पुन: विश्वगुरु के पद पर आसीन करें I माना की बहुत से लोगों को vat समझ में नहीं आया कोई बात नहीं गलतियों को जान कर उसका सुधार कर लेना ही प्रार्थना का एक रूप है लेकिन अपराध न होने पाए इसका ध्यान भी अवश्य रखना आवश्यक है भूल वश गलती क्षमा की जा सकती है लेकिन जानबूझ कर किया गया अपराध सदैव दंडनीय ही होता है I राष्ट्र की उत्तरोत्तर उन्नति के GST यज्ञ में प्रत्येक वर्ग को अपनी तरफ से योगदान करने हेतु “सकारात्मकता” की आहुति देनी है और “नकारात्मकता” को तिलांजली देनी है और साथ ही “सर्वोत्तम विवेक बुद्धि” का परिचय “राष्ट्र हित = स्व हित” हेतु प्रदर्शित करना अपरिहार्य है वन्देमातरम www.jaihindassociates.webs.com
BUDAPESTE - NAGASITA - dancarina- amei e sou sua admiradora - HORTENCIA DO NASCIMENTO -:CRC n. 2626 func. Publ. SES - M.S. em ARACAJU SERGIPE BRASIL AMERICA DO SUL Aprendiz da DANÇA DO VENTRE e ESPADA
Hey Katt - it was done with a Canon 7D DSLR camera - unfortunately I was at the first row with 50mm prime lens, thus had to improvise + this was my first tribal dance recording ever + it was pretty mesmerizing to witness her mind-blowing performance ;)
this is my favors good old tribals dance with lots of hips movement i don't like it when they 're try to br too india that took a way the tribal concept she's such a good dancer i love her
Ерунда какая то. Не танец а несуразная пляска. Движения сменяются очень резко, танцовцица торопится, то одно то другое исполнить. Нету пластики и грации. Все выгибания какие то карявые.