माननीय प्रबुद्ध किसान श्री काहन सिंह जी,व जैन साहब को बहुत बहुत नमस्कार,श्री मान जी आप का कथन शत -प्रतिशत सत्या है, भारतीय गाय का गोबर व गाय मुत्र की किमत सोने से भी किमती है,गऊ मां को हमारे ऋषि मुनियों ने माता का दर्जा बहुत ही सोच समझ कर दिया है, जयहिंद,जय गऊ माता,,
सर आपके बहुत सारे व्हिडीओ यू ट्यूब पर देखे मै आपको शत शत प्रणाम करता हू बहुत ही सुंदर आपकी वाणी से खूप सारे खेती करणा सिखाया मुझे एक ही समज मे नही आया पवधे जड से पाणी नही लेते मेरी खेती मे पवधे सुख गये अवर उसे पाणी देणे के बाद खील जाते हॆ मै 6महिने से 0बजेट खेती कर रहा हू क्या सूक्षम जीव कमी होणे का कारण होगा मुझे ऐसा लग्रहा हे क्या ये सही हो सकता हॆ
Sir duniya maut ki taraf badh rahe hai . Jameen bech rahe hai . Logo ko jagruk kerna chahiye kisan ki jameen bikni band honi chahiye . Jyada se jyada log kheti kare gopalan kare . City life bilkul bekar hai . Sarvnash hone wala hai .
आपकी बाते धरातल की हकीकत है,अब समय आ गया है, हमें पारम्परिक मिश्रित खेती करनी होगी,खरीफ में मूंग ,मोठ,गवार,तिल,मतिरा,काकड़ी,बाजरा, झड़ बेरी।रबि में गेहूं, जौं,चणा,बड बेरी, सरसों, तारामीरा,सभी एक ही खेत खड़ीन में करनी होगी।