सबसे बड़ा लालच है ऊंची जाति का कहलाने का। सवर्णों को हर हाल में हर जगह सारे आरक्षण से ऊपर आरक्षण मिलता है चाय किसी इंटरव्यू में हो प्राइवेट नौकरी में हो और किसी लायक नहीं है तो पंडित बनकर लाखों छपता है जिसमें वो मंत्रों के बीच किस खेत का नामबोलकर भी निकल जाए तो कोई पूछनेवाले नहीं है क्योंकि इस काम को आस्था का विषय बना दिया गया है।
@@arjunat9714पूर्वाग्रह से ग्रस्त व्यक्ति का कोई इलाज नहीं है, कोई किस जाति में पैदा होता है यह उसके वश की बात नहीं है यह तो प्रकृति के विधान से होता है लेकिन इंसानियत इसी में है कि कार्य की भिन्नता होने पर भी परस्पर सहयोग की भावना रहनी चाहिए जिससे आपसी वैमनस्य नहीं हो।
पहले जबरदस्त बहुमत दिया था न? फिर भी कृषि कानून वापस ले लिया! उसी वक्त यह तय हो गया था की बार बार ऐसा होगा। सब को सरकार की कमज़ोरी पता चल गई है - शोर मचाओ, मोदी को झुकाओ!
@@sangeetabahadur4536जी आपको फर्क नजर आ रहा होगा कृषि कानून पास होने के कितने दिन बाद और कितनी मौतों के बाद वापस हुआ था। 2 महीने में 4 बिल पास ही नहीं हुए और वापस हुए है। यही सही लोकतंत्र है जब एनडीए की सहयोगी पार्टियां भी अपनी आवाज उठा रही हैं
भाई जी आप क्यों उन सभी का सहयोग है जिन्होंने विपक्ष को इतना मजबूत बनाया। कम से कम अपनी गलती अपने आप नही पकड़ में आती है निंदक नियरे राखिए आंगन कुटी छवाय अच्छे लोकतंत्र की यही निशानी है वैसे तो यही हो रहा था क्या ? जो तुमको हो पसंद वही बात कहेंगे तुम दिन को कहो रात तो हम रात कहेंगे
मैं अनुसूचित जाति से हूँ और मैं क्रीमीलेयर और आरक्षण के बर्गीकरण का समर्थक हूँ..... लेकिन बर्तमान की राजनीती मे बिपक्ष sc और जनरल को आपस मे लड़ाकर सामाजिक विद्वेष बढ़ा रहा है..... हमें इस सत्य को मानना होगा l
Ek kahawat bhojpuri mein bolte hain ki " Gotia aur Daal " ke galne ka hi mahatva hai. Kahne ka matlab jo aage barh gaye wo nahi chahte ki baki aage barhe.
Daram be Q likhay jaya ? Sirf Indian /Bharati likhna kaafi nehi hai kiya ? 2027 meh Yogi ji harrnay wallay hain . 2029 meh BJP centre say be jaanny wallay hain . Brahmin +Rajput , jithna marzi ikattha ho lay , PDA + ka muqabala karna ab BJP kay bass meh nehi hai . Modi ji ke gallth neethu nay PDA +ko na sirf jagrook kar dhiya , balke PDA + ko ikattha kar dhiya hai . Oonchi jaathi , neechi jaathi ke dushmani ab bahuth bad chukki hai .
@@amardeo5599 kuch hi jagah dhandhali Hui hai baki aur jagah dhandhali nahi hui hai Hazaribag aur Kota mein centre badalne ko le huwa hai Jo log dhandhali karke exam qualify kiye hai unka exam dubara huwa tha nahi qualify kar pae the Exam radd kiya jata aur student ka career down ho jata Kashkar tum jaise logo ke wajah se desh barbaad ho gya hai Bina soche samjhe jhoot ka propoganda failane walo ko bina tarq vitrq kiye sach mante ho Fake narrative failne wale ke chamche
त्रिपाठी जी आने वाले समय में सामाजिक सौहार्द्र गंभीर खतरे में है, लोकतांत्रिक व्यवस्था भी खतरे मैं है,देश अराजकता फ़ैलाने में विपक्ष सफल होता हुआ दिखाई दे रहा है,गृह युद्ध जैसी स्थितियों के लिए देश को तैयार रहने की जरूरत है।।
बिलकुल चिंता का विषय है ये समय है कुछ सच्चे अर्थों में त्याग करने का तो वो है अपनी जाति पर गर्व को त्यागने का और सच मानिए केवल एक यही त्याग आज के समाज में संतान को जोड़कर संगठित कर सकता है और इन पप्पू, लालू के कुनबे और अखिलेश इत्यादि को को मुहतोड़ जवाब दे सकता है। अगर स्वच्छ से कोई जाति आधारित आरक्षण छोर रहा है तो उसको सम्मान देना चाहिए न कि छोटी जाति का बोलकर बैकवर्ड बनाए रखने का पूर्वाग्रहपूर्ण भेदभाव होना चाहिए।
@@kmsoni2296 एससी एसटी ओबीसी का आरक्षण गरीबी दूर करने के लिए नही है बल्कि उनका आरक्षण सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े होने के कारण है। केवल ईडब्ल्यूएस का आरक्षण गरीब सवर्णो के लिए है।
Taaki Farziwada krke 100% Government Vacancies Forward ko de diya jaaye Reservation Category wise population aur Economically Socially dekhkr liya jana chahiye Tamilnadu ki trh sabhi jgh OBC ko 50% reservation milna chahiye Ya EWS khatam hona chahiye
@user-mn2jl6tj6dजबतक त्रिपाठीजी जैसे हिंदू अपनी जाति पर गर्व करते रहेंगे, हिन्दू कभी मिलेगा ही नहीं, ठीक वैसे ही जैसे कभी एक विदेशी को भारत में पंजाबी, बिहारी, बंगाली, मराठी सब मिले लेकिन भारतीय एक भी नहीं मिला। ठीक वही हाल है हिंदुओं का, ब्रह्म, राजपूत, बनिया, बाकी नीची जातीवाले (मैं, तथाकथित सवर्णों के द्वारा घोषित) भाड़े परे हैं। मैने अपनेआपको सनातनी मानकर दो रोटी कमखकर भी अपने बच्चों को सामान्य से अच्छा ही शिक्षा दिया और देश भक्ति की पथ है पढ़ाया लेकिन फिर भी ये हमसे जाती पूछकर हमें नीचा दिखाने से बाज नहीं आते हैं हर जगह चाहे वो ट्रेन हो या ऑफिस यवफिर हो अपना का महफिल।
जब ये फुल पावर में थे तब अराजकतत्वों के दबाव में कृषि कानून वाले निर्णय को पावस ले लिया था संसद में दोनो सदनों के पास कर देने और राष्ट्रपति के हस्ताक्षर कर देने के बावजूद तो अब अल्पमत में होने से ये निर्णय वापस हो जाता है तो कोई आश्चर्य नहीं।
सरकार कठोर फैसलों से चलती है 😮😮😮😮😮। मोदी जी और अमित शाह जी में कठोर फैसला लेने की औकात नहीं है 😮😮😮😮😮। योगी बाबा और हेमंत विश्व शर्मा के हाथों में सत्ता आनी चाहिए 😮😮😮😮। योगी लाओ देश बचाओ 🎉🎉🎉🎉🎉
मोदीजी के लेटरल भर्ती वापसी के निर्णय का हम दिल खोलकर स्वागत करते हैं कारण इस समय कांग्रेस और विपक्षी पार्टी के नेता सोरोस के टूल किट के तहत काम कर रहे हैं और वो किसी भी तरीके से देश में अराजकता फैलाना चाहते हैं। मोदी सरकार को कुछ समय के लिए कोई भी ऐसा कठोर निर्णय लेने से बचना चाहिए जो विरोधी पार्टियों को देश में तांडव फैलाने का मौका देता हो।
@@mohanswaroopgupta9517 सर अपने बिल्कुल सही कहा है। लोकसभा चुनाव से पहले भी आरक्षण का शोर मचा था।बीजेपी विपक्ष के इस एजेंडे को रोक नहीं पाई थी।अब बीजेपी को विपक्ष को कोई अवसर नहीं देना चाहिए।
सामान्य वर्ग वाली दुनिया पर कब्जा करे सकते हैं अपनी बुद्धिमत्ताकी वजह से। डॉ आंबेडकर के शब्दों को दिल में लिया है सामान्य वर्ग वालों ने। आपको जान के अच्छा लगेगा मेरे कुछ दोस्त SC ST कैटिगरी पुलिस और ARMY में हुए हैं (आर्थिक रूप से बहुत मजबूत है_ जाटव है) उनके पिता भी पुलिस में ही है। लेकिन वह अपना आरक्षण नहीं छोड़ रहे हैं। उनके आरक्षण का लाभ उन्हीं की जाति के लोग उठाएंगे SC ST कैटिगरी के ही।
आज यदि आरक्षण खत्म हो जाय चाहे वह जाति का हो या ईडब्ल्यूएस, पैसे का हो या जुगाड़ तो मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि कुछ पदों को छोड़ कर 80 प्रतिशत ओबीसी और एससी/ एसटी चुने जाएंगे
सही निर्णय लिया मोदी जी , आरक्षण पर पहले ही भाजपा बिहार मे 2015 मे और अभी यूपी में लोकसभा में परिणाम भुगत चुकी है , यूपीएससी को lateral entry में आरक्षण का पालन करना चाहिए ,लेकिन आवश्यक योग्यता बराबर की रखना चाहिए उसमे कोई छूट ना हो . इंटरव्यू बोर्ड मे सभी केटेगरी के मेंबर हो ताकि पक्षपात की संभावना ना हो . योग्य उम्मीदवार ना मिलने पर ओपन से वो पद भर देना चाहिए ,
सबसे बड़ी धूर्तता तो यही है भईया, पिछड़ी जाति बोलकर किसी को नीचा भी दिखाओगे और आरक्षण को गरीब आधारित सही ठहराकर दोहरी फायदा पाओगे। अपनी गिरेबान में झांकना तो सिखा ही नहीं जैसे कि अमेरिका जैसा देश दुनिया में बाकी developing countries के साथ करता रहा है।
@@shitalapandey2006 क्या आपने कभी नेहरू की सात पीढ़ियों की जाँच की है नेहरू के बाप दादा मुसलमान थे और राहुल खान के दादा फिरोज खान चेक करो बिना कुछ सोचे समझे मत बोलो हम मथुरा से हैं जन्म भूमि से जय श्री कृष्ण
मोदीजी के तिहरे कार्यकाल से आज तक कोई ऐसा दिन नहीं गया जिससे मन में शांति महसूस हो, आपके किस्सा कुर्सी का शो में देख रहा हूं, चुनाव से पहले इस शो में आपके सहयोगी विजयी के तेवर भी बदले लग रहे हे, यही हालात पुरे देश में मोदीजी को चाहने वालों का हे, पुरी भाजपा जाति के मुद्दे में फसी नजर आती है, भाजपा के पास कुशल सेनापति है, पर कुशल सैनिकों की भारी कमी नजर आती हैं, लोकसभा में कुशल और चतुर वक्ता की कमी नजर आती हैं, लोकसभा चुनावों में महाराष्ट्र, यु पी, राजस्थान, हरियाणा और बंगाल के परिणामो का सही तरह से आकलन कोई भी चेनल और स्वयं भाजपा में हुआ हो ऐसा नहीं दिखाई देता हर राज्य में हार के कारण मुझे अलग अलग दिखते हे, भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रीओ को थोड़ा एग्रेसिव होना होगा, बिखरे जनादेश कि में लोकसभा और राज्य सरकारों का काम करने का तरीका १९९६ से २००४ तक से हमें सिखना पड़ेगा बांग्लादेश के प्रकरण से भाजपा हिंदुओ कों इकठ्ठा करने का अवसर चूक गई हे।
इसका मतलब आप केवल वोट दे आते थे और देश में क्या हो रहा है इसका पता नही करते थे।अरे भाई तब बिल पास हो जाते थे और जब लागू हो जाता था इसके बाद लोग जान पाते थे ।
मोदीजी की ताकत को कम करने का काम हिन्दुओं ने ही किया है लेकिन कुछ कठोर कानून मोदीजी पूर्ण बहुमत की sarkar में भी बना सकते थे अब तो उनकी राह में. मुश्किलें ही मुश्किलें हैं
सर मुझे तो लगता है अब मोदी जी को भी इस्तीफा दे देना चाहिए क्योंकि मोदी जी भीं OBC समाज से आते है 10 साल से प्रधान मंत्री बने बैठे हैं। अब किसी SC/ ST समाज के लोगो को प्रधान मंत्री बना देना चाहिए 10 साल से एक OBC प्रधान मंत्री बन कर मजा लिए जा रहे हैं। अब तो SC और ST जैसे मांझी जी को प्रधान मंत्री बना देना चाहिए। और गृह मंत्री चिराग पासवान को बना देना चाहिए। एक ही बार में दोनो आरक्षण वाले देश की शीर्ष कमान संभालेंगे। टेलेंट तो मांझी जी में भीं है और पासवान जी में भी।
हर फील्ड में और हर वर्ग मै अच्छी प्रतिभाएं हैं। अगर ऐसा नहीं होता तो देश में मोदीजी कहां से आ गए कोई आसमान से तो नहीं आए । वह भी पिछड़े वर्ग से ही हैं। जो कांग्रेस ने किया कितना सही था उनका निर्णय इसका क्या पैमाना था । इसका हम यह मान कर बैठ गए कांग्रेस ने जो किया वह बहुत बेहतर तरीके से किया। फिर उनका विरोध ही क्यों,? और इसका मतलब
हर क्षेत्र के योग्य व्यक्ति देश छोड़ रहे हैं। डॉक्टर, इंजीनियर, वैज्ञानिक, प्रबंधक इत्यादि सभी जो भी योग्य हैं देश छोड़ कर जाने के लिए विवश हैं। इस परिस्थिति में देश का भविष्य कैसा होगा स्पष्ट रूप से दिख रहा है।
मोदी जी समझदार हैं इसमें तनिक भी संदेह नहीं हैं और हर बात का आकलन पहले के निर्णयों के द्वारा करना शायद उचित नहीं हैं । मुझे लगता हैं कि ये समय मोदी जी के राजनीतिक जीवन का सबसे कठिन समय हैं और वो सच्चे और गंभीर इंसान हैं और भगवान बिल्कुल उनके साथ हैं और वो इस समय से भी पार पा लेंगे । जब उनका लक्ष्य ही हैं कि देश 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाना हैं तो वो इन सब समस्याओं से निपट ही लेंगे । जय भारत जय संविधान जय सनातन संस्कृति 🙏🙏
🎉आज स्वतंत्र भारत में बीस प्रतिशत ब्राह्मण आगे है ओ भी सरकार के रहमो करम पर नहीं,अपने परिश्रम और पुरुषार्थ से।अस्सी प्रतिशत ब्राह्मण गरीब है पर सरकार के आगे अन्य जातियों जैसे कटोरा लेकर नही खड़ा है।यही स्वाभिमान इसे महान बनाएगा।पचासी प्रतिशत वाले पहले देश को डूबा लें
Well said and very truthfully said HarshJi: “Accept the differences : Enjoy the Similarities” - This ‘positive slogan’ Only Always Works In Life and Will Always Promote Your Relationships as Sustainable❤🎉
हर्षवर्धजी, यह लोकतंत्र अब भीड़तंत्र मे परिवर्तित हो चुका है, और भीड विवेकशून्य होती है.. इसमें साशन के विवेक पर हमेशा भीड का दवाव भारी रहता है। इसीलिए यह सब घटित हो रहा है..
अन्याय किस क्षेत्र में नही है? चारो तरफ अन्याय का साम्राज्य है। धर्मान्तरित ईसाई अपने को आदिवासी बताकर पुरे आदिवासी समाज का आरक्षण हड़प रहे हैं इससे बड़ा अन्याय क्या होगा? सबको पहले वोट बैंक और सरकार बचाने की चिंता है। 10 साल दिए क्या किया बीजेपी ने ? देश की आंतरिक दशा विस्फोटक अवस्था में पहुँच चुकी है अब इस सरकार से क्या आशा रखें जिसके पास खुद का बहुमत नही है
मोदी जी तो अब अपने निर्णय वापस लेने की लिए मशहूर हो चुके हैं। कृषि कानून वापस लेने के बाद अब सबको पता है कि शोर मचाओ, मोदी को झुकाओ! अब यह हमें बार बार देखने को मिलेगा। कमज़ोर नेतृत्व साबित हो चुका है। जब ३०३ पर भी झुक गए, तो अब २४० पर क्या क्या उखाड़ लेंगे?
Sir, I totally agree with you on this U-turn. It has dented his credibility. There may be two things, one is that the cabinet didn't take the allies in confidence and the second one is that the cabinet took it very lightly while ignoring the fact that they're a coalition government. It's good that Modiji has been forced to realise that he will have to keep it in his mind and think before acting. Because now some opposition parties, allies in disguise, are in his cabinet. And It will embarrass him always. His rivals are in constant search of opportunities to hit him badly. If Modi ji learnt it fast, I tell you he will be a little ng race ka ghoda. I am 100 % sure that he will turn the tables very soon. Because he has excellent good learning skills. May God bless him to become a winner.
I too agree, government policies should not be reversed because of few people opposition....we should all work for the greater good and employ based on merits
शायद मोदीजी ने सही किया.... किसी भी देश के लोगों को वही मिलता है, जो वो deserve करते हैं.... जिस नेता ने संविधान खतरे का झूठ खूब जम कर बोला था, उसको देश की जनता ने दो जगह से जिता दिया.... जहां पर बहुत से लोग स्वयं ही आत्म घाती प्रवृत्ति के बन चुके हों, उनके लिए अधिक चिंतित होने की जरुरत नहीं है।
ये u turn सरकार है। पहले कुछ भी लाना फिर जब पृष्ठ भाग दो हिस्सो में होने लगता है तो फिर वापस ले लेना😂😂😂 CAA वापस ले लिया कृषि कानून वापस ले लिया Land Acquistion Act वापस ले लिया