उपन्यासकार फणीश्वरनाथ रेणु हिंदी साहित्य के सबसे सफल और प्रभावी लेखकों में से एक रहे हैं. 'मैला आँचल' और 'परति परिकथा' जैसे उनके अमर उपन्यासों और 'मारे गए गुलफ़ाम', जिस पर गीतकार शैलेंद्र ने बासु भट्टाचार्य के निर्देशन में फ़िल्म 'तीसरी क़सम' बनाई थी, ऐसी अनेक कहानियों के शिल्पी फणीश्वरनाथ नाथ रेणु को उनके उसूलों और मानवीय मूल्यों के लिए ताउम्र संघर्ष करने वाली शख़्सियत के तौर पर जाना जाता है. लेकिन आज उनका परिवार उनकी विरासत और रचनाओं को संजोने के लिए संघर्ष कर रहा है. उनके बेटों का कहना है कि बिहार के अररिया ज़िले में स्थित उनके घर को संरक्षित करने के लिए उन्हें अपनी ज़मीन बेचने तक की नौबत आ गई है.
वीडियो रिपोर्ट: विष्णु नारायण, बीबीसी के लिए
एडिटिंग: निमित वत्स
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6 сен 2024