Parmatma ne to Insan banakar bheja lekin yah ulte ulte Gyani paida hoga sab ulta hi paida hoga sab Parmatma mein bantane mein Lage hue Hain Mera Parmatma man Mera Bhagwan mahaveer Insan Bano kutta Sher mat bolo
मूढ सनातन धर्म के ठेकेदारो को किसी भी आज के महापुरुषो के शब्दो मे त्रुटियाँ ही नजर आयेंगी, चूंकि आज के हिसाब से ज्ञानी वही है जिसे जमाना गंवार कहता है, इसलिऐ कि उसके कंठ,ह्दय, मस्तक मे भगवान शिव जी की कृपा का गुप्त रहस्य छिपा है,,,। जब शिवजी मनुष्य के ह्दय कंठ और मस्तक मे पृकट होते है तभी वह श्रोता,वक्ता, और रचयिता बनकर संसार मे पृचलित हो जाता है,,,।
एक के पीछे पड़ गये है सब अपने आप को बड़े संत मानते है पहले अपनी आत्मा को तो साफ कर लो इन लोगों ने सनातन धर्म को मजाक बना रखा है जै श्री राम 🙏 जै सम्भू🙏
शब्दो में से खाल की बाल निकाल कर और शब्दों से खेल कर अपने ही सनातन धर्म का मजाक बना रहे है ... बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय । जो दिल खोजा आपना, मुझसे बुरा न कोय ।। हर हर महादेव 🚩🙏 अकाल मृत्यु वो मरे जो कर्म करे चांडाल का, काल उसका क्या करे जो भक्त हो महाकाल का 🙏
तिल का ताड़ बनाया जा रहा है प्रदीप मिश्रा जी के भाव का गलत अर्थ निकाला जा रहा है, संत शिरोमणि तुलसी दास जी ने श्री रामचरितमानस में स्वयं अपने आपको को कई स्थानों पर मूढ़ मन्द बुद्धि लिखा है ।
Gwar shabd ka prayog ni Kiya bhai me bhi ramayn padta hu Tulsidas ji ne apne aap ko Adam yani ki neech bataya hai ki vinamrta se Apne ghamand Ko swikar Kiya unhone❤ bhai parwachan hame bhi ate par dete nahi 😅
और रही बात विरोध की तो कुछ जमाने में श्री तुलसीदास जी का भी विरोध हुआ था तो यह तो एक शिव कथा वाचक सिर्फ प्रदीप मिश्रा जी हैं आप सब मिलकर इनका विरोध क्यों कर रहे हैं
हम स्वयं को अधम नीच पतित गंवार मूढमती कह सकते हैं किंतु दूसरे को नहीं वो भी तुलसीदास जी जैसे महान संत शिरोमणि को तो बिलकुल भी नहीं हमें स्वयं की वाणी पर कंट्रोल रखना चाहिए। राधे राधे
जो संत होते है वह किसी से खुद की तुलना नही करते वह उनका बडकपण होता है जो खुद को मूढ बोलते है.. और जब धर्म की बात आती है तो संत भी आवाज उठाते है.. अगर गलती से शब्द बोले गये तो क्षमा मांग लेना चाहिए यही अपना सरलता स्पष्ट हो जायेगी.. राधा रानी कृपालु है। राधे राधे🙏
O bharti siv kya fheke h kya radha tumhari nhi humri bhi tumlog siv ko jante ho premanand siv ko jante h ya nhi tridev h kaloke kal mahakal h wo devo ke dev Mahdev h tumhe trikaal se kon bachyega ye jo kahena kahe lo premanand kya srap dega uske sath karodo me Sariwad h kahi is bhasha ka pryog kiya asa laga rha h gyan ka ghamnd ho gya h jai mahakaal
एक वक्त ऐसा भी आएगा जब कोई साथ नहीं देगा सिवाय महादेव के। माना कि संकट बड़ा है लेकिन आदरणीय पूजनीय श्री पंडित प्रदीप मिश्रा जी के साथ हमारा डमरु वाला खड़ा है। Har har mahadev 🚩❤️ चिन्ता नहीं काल की बस कृपा बनी रहे महाकाल की🙏🚩
लोगों को भड़काया जा रहा है, किसी न किसी तरह उन्हें नीचे दिखाने की कोशिश की जा रही है. जो कोई भी यह दुष्कर्म कर रहा है वह महादेव की नजर से नहीं बच पाएगा
शिव पुराण की आड़ लेकर ये अधम सनातन का अपमान कर रहा है । इसका हाल आसाराम से भी बुरा होगा । इसे विधर्मियों का फंड मिल गया है । ये वाणी से विष्टा उगल रहा है । शिव की भी जो आराध्या है ,उसे ये वैशाखीनंदन निंदित कर रहा है । इसका घड़ा भर चुका है । बस फूटने वाला है ।
O bhai jara sabjalke siv ka arth batao jata mahadev ka arth bato trikal ka arth batao tumne to mahadev ke upar samjhte ho apne apko chalo bato duniya kaise chalte mahadev
आपस मे आप सभी संत क्यों लड़ रहे है और गुरु जी आप संत तुलसीदास जी के बारे मे आप कैसे बोल रहे हो आप ने भी समाज को एक नया दिशा दिये है अब किस तरीके से बात कर रहे है गुरु जी सब ठीक हो जय श्री राधे कृष्णा🙏🙏🚩🚩🚩 जय श्री राम जी🙏🙏🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩
शब्दो पर ध्यान दो,,,प्रदीप मिश्रा ने तुलसीदास को नहीं बल्कि स्वयं को ग्वार बताया है।।ये बात भाव में कही गई है।।जिस प्रकार तुलसीदास स्वयं को उदारता में दिन हीन,,ग्वार मानते थे,,पर परम रामभक्त थे,,इसी प्रकार उन्होंने भी स्वयं को गवार बोला है,,लेकिन han राधा रानी पर जो कुछ बोला वो बिल्कुल गलत है,,, निंदनीय हैं।
पंडित प्रदीप मिश्रा जी कुछ भी अपशब्द नहीं बोलते हैं हो सकता है कभी-कभी जवान फिसल जाती है तो शब्द इधर का उधर हो जाता है वहां अपने आप को गंवार कह रहे हैं तुलसीदास जी को नहीं
जी नहीं प्रदीप मिश्रा जी के भाव अलग है वो ये कहना चाहते की जैसे रामायण जी में तुलसी दास जी ने अपने आप को बिलकुल अज्ञानी बताया हे वैसे ही बह भी कहना चाहते ही की में भी उनकी तरह ही अज्ञानी हूं उनका यह भाव नहीं हे की तुलसी दास जी गवार हे बड़े लोगो की यही पहचान हे की बो अपने आप को गवार ही कहते है
तुम लोग कितना भी राय का पहाड़ बना लो पंडित प्रदीप मिश्रा जी का कुछ नहीं कर सकते उनके साथ महाकाल राजा है काशी विश्वनाथ है उनके साथ शिव है और शिव ही सत्य है और सत्य को तुम लोगों को स्वीकार करना चाहिए जयश्री राम
पंडित प्रदीप मिश्रा जी ने लाखों लोगों को जीने का सहरा दिया है भले ही टोटके के जरिए भगवान का दूसरा नाम पंडित प्रदीप मिश्रा है उनके ऊपर कोई बवाल मत खड़ा करिए प्लीज🙏🙏
प्रदीप मिश्रा इतना बड़ा कथा वाचक होने के नाते इस तरह का बयान देना सच में शोभा नहीं देता शीघ्र ही उसे क्षमा याचना कर लेना चाहिए उसी में भलाई है जगमोहन सोरेंग सारंगढ़ छत्तीसगढ़ धन्यवाद
जब आपको कुछ नहीं आता और नहीं जानते हो तो फिर क्यों जनता को बहकाने का काम करते हो ये दुकान को बंद करो और रही बात तुलसीदास जी की बात आप उनके चरणो की धूल के बराबर भी नहीं हो आप जैसे कथा की आड में व्यापार चला रखा
Ap kon ho duniya me mahan gyani mahadev ke upar ho kya tulsidas kitna bhi gyaan kyo na le fir mahadev se barabar h kya wo pahle khudka buddi saf rakho fir batana thik h ki trikal kon h ye batao mahdev kon ye bato siv kon h ye bato insab ka arth batao gyani ho
तुलसीदास जी ने श्रीरामचरितमानस मे स्थान-स्थान पर स्वयं को मतिमंद, जड़मति, मूढ़, सठ आदिक कहा है।यह तुलसी जैसे महाकवि व संत की विनम्रता है, संतत्व है। आदरणीय प्रदीप मिश्र जी भी उसी विनम्रता का अनुगमन करते हुए स्वयं को तुलसीदास जैसा गँवार कह रहे हैं। कृपया संदर्भ से हटकर व्याख्या न करें। इस विषय मे कुछ भी कहने से पूर्व श्रीरामचरितमानस का बालकाण्ड और विनयपत्रिका को पढ़ लें।
एक वक्त ऐसा भी आएगा जब कोई साथ नहीं देगा सिवाय महादेव के। माना कि संकट बड़ा है लेकिन आदरणीय पूजनीय श्री पंडित प्रदीप मिश्रा जी के साथ हमारा डमरु वाला खड़ा है। Har har mahadev 🚩❤️ चिन्ता नहीं काल की बस कृपा बनी रहे महाकाल की🙏🚩
प्रदीप मिश्रा जी कह रहे हैं कि शंकर जी की पूजा करना मैंने सिखाया है लोगों को इसके पहले लोग कुछ भी नहीं जानते थे क्या यह बात सही है जब प्रदीप मिश्रा जी नहीं थे उसके पहले मंदिर शंकर जी के बंद रहते थे और कोई शंकर जी की पूजा करना नहीं जानता था क्या यह बात सही है आप लोग बताइए
इतने दिन तक सब सोए हुए थे 14 साल पुराना वीडियो जिसे काट काट कर दिखाया जा रहा है आज जब प्रदीप मिश्रा सब से आगे बढ़ गए है और सभी पंडितो को रोजी नहीं बन रही है क्योंकि सब महादेव के सहारे चल रहे है
तुलसी दास को गंवार बोलना कितना सही,, मैं कहता हूं आज तक तुलसी को पूर्णता से न कोई जान सका है और न कोई जान सकेगा,, तुलसी के साहित्य सागर में जितने नीचे जाओगे उतने ही कीमती ज्ञान मोती पाओगे,, यही तुलसी दास जी की विशेषता है,, मुझे लगता है प्रदीप कथावाचक को अपने तथाकथित ज्ञान पर घमंड हो गया है, इन पर राधा रानी की कृपा का उलटा प्रभाव शुरू हो रहा है, इसलिए तुलसी दास जी को भी गंवार बोल दिया,
राधा के बारे में थोड़ा सही थोड़ा गलत बोला था तो किसी ने ज्यादा नही ध्यान दिया पर अब जो तुलसीदास की बराबरी करने की कोशिश की जा रही है ये गलत है तुलसी दास सिर्फ भगवान के लिए पागल थे सब जगह भगवान को ढूंढा करते थे और भगवान मिल भी गए थे उनको ( प्रदीप मिश्रा जैसे धन के लिए काम करने वाले लोग भी तुलसीदास से अपनी तुलना करने ये लोग तुलसीदास के पैरो की धूल भी नही है )
Pradeep Mishra maharaj ji ne Tulsi dass ji ko gawar nhi kaha h unhone apne ap ko kaha h..phle achche se bar 2 us video ko suno...ap log bs unko nicha dikha rahe ho aur sanatan ko badnam kr rahe ho...
एक वक्त ऐसा भी आएगा जब कोई साथ नहीं देगा सिवाय महादेव के। माना कि संकट बड़ा है लेकिन आदरणीय पूजनीय श्री पंडित प्रदीप मिश्रा जी के साथ हमारा डमरु वाला खड़ा है। Har har mahadev 🚩❤️ चिन्ता नहीं काल की बस कृपा बनी रहे महाकाल की🙏🚩
प्रदीप मिश्रा का गंवार तुलसीदास कहना,और पत्रकार भी बार,बार समाचारों में तुलसीदास सम्बोधन करना कहां तक उचित है? पत्रकार से तुलसीदास जी कहना भी गवारा नहीं,इतनी बड़ी हो गई यह पत्रकार?
श्री राम चरित्र मानस अर्थ सहित किस किस ने पढ़ी है उसमे खुद लिखने वाले बार बार अपने आप को निराज्ञानी मूर्ख अज्ञानी और भी कई तरह से खुद अपनी व्याख्या कर रहे हैं भगवान, से राम जी से भोले नाथ जी से बार बार प्राथना करके कह रहे हैं
@@sanchitsingh2313 q krenge baba vinash....or na maine Mishra ji ka vinash k lie bola ....maine kha sadbuddhi de....wo baba Tulsidas ...swamini kishori ju ko bol rhe h wo shi h.?kh dena video edit hai....uske baad jo omkareshwar Katha m kha uska kya, interview m bola uska kya? Brijwasio ko dhenkukasur bola uska kya...fir bhi Mishra ji shi..baki sab sant....Shri Shankaracharya bhawan....puran...Mahadev khud...sab galat h....bhut ache mere bhai👍👍
महान संत गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरित मानस में चार वेद छह शास्त्र अठारह पुराण उपनिषद संतो के विचार सभी के सार तत्व को समाहित करने वाले महान संत को गंवार कहना उचित नहीं है।
Sabse pahle TV channel me jitna gandagi parosa ja raha usme koi kuch bhi nahi bol Raha, Radha Krishna ka serial, aur bhi bahut se jo chiz huaa hi nhi usko manoranjan ka jariya bana Diya, sare clips delete Kiya jana chahiye
Yeah toh galat nahi hai Tulsidas ji khud kehte hai ki main gawar hoon main aapke (ram ,seeta ) ji ke charitra,roop saundrya ka vardan nahi kar sakte Gawar ek tadbhav sabd hai jiska tatsam grammeen hota hai.