गायन और गायक तो देश के हर घरानों में है परंतु हमारे बनारस में, यहां की बात तो अलग है , जिसमें पंडित जी बंधु द्वय का गायन अलौकिक आनन्द दायक चर्मोत्कर्ष समाधि दायक है ,और तबला संगति तो पूर्णिमा का चंद्रमा है न तो सुना ही न देखा ही गंधर्वराज तुम्बुरु, चित्रसेन को परंतु पढ़ा हूं उनके विषय में मुझे तो वहीं आनन्द अवस्था प्राप्त होती है पंडित जी को प्रणाम