सच कहव ता एक बेटी आऊ बहन के दर्द ला वही जान सकत हे जेखर साथ ऐसे होगे हे बेटी पराया कबर हो जाते ऐसे लगते विदाई के टाइम जैसे की अपन दिल के टुकड़ा हा छूट ge 😢😢 कोई भी हा ऐसे रीति रिवाज कबर बना हे की बेटी हा पराई हो जाये ये वो दिन हरे की अपन घर के चिराग हा छूट जाते आऊ एक पंछी की तरह उड़ जाते मोरो बाहिनी के पिछले साल होइसे बिदाई vokhar दुख मोला आज भी ही😢😢😢😢😢😢
Jab mor Didi ke vidai hoy rahis Tab may ghuland ghuland ke rot rhew sangwari 😂😂abhi hasi aathe otna time aise lgt rhis ki mor Didi ka apn se dur mat hotis 😢😢