Mahan? Jihadi mulle b murti puja ka virodh krte hain murti pujako ka katal e aam krte hain hum nhi chhodenge murti puja krna jo ukhadna hai ukhad le jihadi ya unke dalle
सत्यार्थ प्रकाश को पढ़कर भगत और अन्य क्रान्तिकारी भारत देश के लिऐ फांसी पर चढ़ गए। 👉भगत सिंह ने कहा,, मेरे आधिकांश विचार satyarth prakash की देन है👈 सुभाष चंद्र बोस ने कहा था 👉 आर्य समाज तो मेरी मां है जिसने मुझे पैदा किया। लाखों लाख क्रान्तिकारी
महिषी दयानंद सरस्वती जी नै मानव कल्याण व राष्ट्र की आजादी कि प्रथम आवाज को दैश के सभी बुद्धीजीवी , नेताओं,व आजादी के मतवालों ने संघर्ष का मार्ग अपनाकर देश को आजादी दिलाई। क्या हम भारतवासी महिषी दयानंद सरस्वती जेसे महान रिषी के लिए केदारनाथ, बद्रीनाथ जैसी जगह पर एक स्मारक नहीं बनवा सकते हैं ।
आज भारत में अगर सनातनी आज अल्प संख्यक नही हुआ तो उसका एक ही कारण है आर्य समाज जो स्वामी जी ने सुरू किया ,कई लाख हिंदू को जो मुस्लिम ,क्रिस्टियन होगया था उनको वापिस हिंदू बनाया
वे ईश्वर उनमे हम जैसे गुण नही पाए जाते. वे सभी को एक जैसा ही मानते है. वे जितना प्रेम हमसे करते है. उतना ही प्रेम वे इस संसार के प्रत्येक प्राणी से करते है. हम तो इंसानों मे भी करते है. ओर वे प्रत्येक जीवात्मा का कल्याण करते है. इसलिए वे ईश्वर है.
भारत में सनातन संस्कृति अभी जिंदा है तो शिर्फ स्वामी दयानंद सरस्वति के अथक प्रयास की वजह से और उसका मूर्तरूप है आर्य समाज। बाकी 60-70%हिन्दु तो मिलावटी हिन्दु हो ही गये हैं। मुझे गर्व है अपनी वैदिक संस्कृति पर। स्वामी जी को कृतज्ञ नमन🙏🙏🙏🙏
सभी विद्यालयों से विश्वविध्यालयों तक सत्यार्थ प्रकाश को पढ़ाया जाता तो समाज का उत्तम सुधार होता और एक अच्छी समाज का निर्माण होता। महर्षि स्वामी दयानन्द सरस्वती जी को कोटि कोटि नमन 🙏🙏🙏
Swami Dayanand was a true world teacher. His teachings were for whole of humanity. His courageous character was unparalleled. He was greatest among greats in his time.
हमारे प्यारे भारत के महान संत एवं महापुरुष स्वामी दयानन्द सरस्वती जी को हृदय से श्रद्धांजलि और संसद टीवी के टीम को भी हृदय से धन्यवाद जिन्होंने अपने कुशलता और परिश्रम से इतनी सुंदर विश्लेषण किया 🙏
I am a student of gurukul kangri vishwavidhyala, a university for vedic study and sciences, which later adopted technical and engineering education as well..... is the prestigious and valuable diamond in india(haridwar)..... thanks to such a great personality...
शिक्षण एक बहुत ही महान पेशा है जो किसी व्यक्ति के चरित्र, क्षमता, और भविष्य को आकार देता हैं। अगर लोग मुझे एक अच्छे शिक्षक के रूप में याद रखते हैं, तो मेरे लिए ये सबसे बड़ा सम्मान होगा।
महापुरुषों के बारे में जानकारी उपलब्ध कराने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद कृपया करके ऐसे वीडियो बनाते रहे जो कि विद्यार्थियों की परीक्षा में कारागार साबित हो
💐महर्षि दयानंद सरस्वती ने हर क्षेत्र में कार्य किया और समाज व राष्ट्र को एक पृथक दिशा दी। ओ3म्। सर्वराष्ट्रभक्तों को यथायोग्य नमस्ते जी।। भारत माता की जय।।।💐
🚩🕉हमारे वेद और ग्रंथों में इतना मिलावट कर दिया गया था हम वर्ड व्यवस्था जात पात में बट गए थे और हमारा सनातन धर्म मिटने की कगार पर था तब ईश्वर ने दयानंद सरस्वती जी के रूप में जन्म लिया इतने बड़े महामानव महा ज्ञानी पुरुष दयानंद सरस्वती जी एक ज्ञान का भंडार है और सनातन की पहचान सनातन धर्म की लाज रखने वाले यही एक महापुरुष महामानव ईश्वर के अवतार हैं आज इन्हीं की देन है कि हमारा सनातन धर्म जिंदाबाद है हर मानव का कल्याण हो यही सत्य सनातन धर्म है 🚩बोलो जय महाकाल
मेरे अंदर बहुत बड़ा बदलाव आया महर्षि स्वामी दयानंद जी सरस्वती जी का कालजयी ग्रंथ सत्यार्थप्रकाश पढ़कर। अन्यथा मैं भी कई प्रकार के आडंबर, अंधविश्वास आदि में लगा हुआ था। 🚩🚩🚩🚩🚩 सत्य सनातन वैदिक धर्म की जय 🚩🚩
@saloni2244 सत्यार्थ प्रकाश को पढ़कर भगत और अन्य क्रान्तिकारी भारत देश के लिऐ फांसी पर चढ़ गए। 👉भगत सिंह ने कहा,, मेरे आधिकांश विचार satyarth prakash की देन है👈 सुभाष चंद्र बोस ने कहा था 👉 आर्य समाज तो मेरी मां है जिसने मुझे पैदा किया। लाखों लाख क्रान्तिकारी स्वामि दयानंद जी से प्रेरित थे
There is a Famous Quote Injustice anywhere is a threat to Justice everywhere this is what Dayanand Saraswati sir explained in his Arya samaj and in his book Satyarth Prakash.Satyarth prakash cover the 14 Samullas which covers the entire socio,geopolitic situation during that time 19 century.Great social Reformer advocated fearlessly believe in one God and last line impressed a lot.Jai Hind sir🇮🇳❤️.Country never forget the contribution sir🇮🇳❤️
क्यों हम सब इन बुराइयों के गुलाम बनते चले जा रहे है. और अपने जीवन को विनाश की ओर ले जा रहे है. क्यों हम सब सत्य को जानते हुए भी असत्य को ही महत्त्व देते है.
दयानन्द सरस्वती जी ने तो ये ज्ञान प्राप्त कर लिया कि एक दिन ये जीवन समाप्त हो जायेगा. और उन्होंने अपने जीवन को सत्य की खोज मे लगा किया. लेकिन हम कब इन रूढ़िवादी धारणाओं से बाहर निकलेंगे. और सत्य को जानेंगे.
We have to follow this man's progressive thinking, and eliminate the regressive practices of casteism, sectarian/communal politics and gender discrimination.
some politicians use casteism as their vote bank and promote it also classism isnt wrong? DMs showing off their power on weak ppl isnt that wrong too? also some women take advantage of their being female isnt that wrong to play the FEMALE card
angrezo k samay mein zyadatar bhartiyon k paas khane ko khana nhi hota tha to padhai kya krte ameer gharon k log hi padhai krte the uss samay isme inn so called reformers ka koi yogdan nhi baad mein logo ka standard of living improve ho raha to log padhai krne lage aaj b jo log bhuk mar rahe wo padhai nhi krte pet bharta hai tabhi baki cheezein fulfil krte hain log
पाखंड तो देश में आज भी फैला है बहुत जबरदस्त और कुरीतियां भी है और तब तक रहेंगे तब तक यह प्रजातंत्र राज्य प्रणाली अंग्रेजों की प्रणाली रहेगी यह भारतीय संस्कृति की राज्य प्रणाली नहीं है