जब कभी आप परेशानी में हो तो इस अष्टक को ध्यान पूर्वक सुने, आपकी परेशानी खुद व खुद दूर हो जाएगा पिछले 40साल से मेने इस अष्टक को अपनी पूजा में शामिल किया हुआ है। भगवान शिव की बड़ी कृपा है।
@@shivabadonia2262 bhai jyada bolne wala apne aap ko hoshiyar samjhta hai jaise ke tum unhone kya likha hai padho sahi se "mujhe bhi" likha hai mujhe hi nahi aur tumhare bas ka ho to yad kar lo tum v likh do.bewakoofiyat ki hadd hai 🙄
वंदनीय श्री रमेश भाई ओझा जी को मेरा प्रणाम 🌹🌹🙏 आपके द्वारा गाया हुआ,,रुद्राष्टक एवं लिंगाष्टकम् बहुत अच्छा लगता है,, मैं अक्सर भगवान् भोले नाथ के इन दोनों स्त्रोतों को सुनती हूँ कई बार तो मैं कितनी ही बार सुनती हूँ,, ये दोनों स्त्रोत मुझे आत्मिक एवं मानसिक शांति प्रदान करते हैं,, ऐसा लगता है कि सुनती ही रहूँ,, और उमापति, गिरिजा पति शिव शंकर भगवान् की कृपा से,,रुद्राष्टकम् मुझे कंठस्थ है जिसकी मैं अक्सर स्तुति करती रहती हूँ..... ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् | उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् || हर-हर महादेव🌹🌹 🙏 जय जग जननी जगदंबिका 🌹🌹🙏 है शिवशंकर भगवान् सब के दु:ख और कष्टों को हरना,, स्वास्थ अच्छा रहे 🌹🌹🙏 ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय🌹🌹🙏
Namah sivay,jay maa gori gnesh, Jai radhe syam,jai shri ram Ye stuti meri atma me santi, or mere mansik presani me bhot labh deti h, Vakay ise sunne matr se bhole baba ki kripa mahsos ki ja sakti h
मेरे पापा हमेशा सुबह रुद्राष्टकम किया करते थे, पर हम ध्यान से भले ना सुने लेकिन सालो बाद सुना तो तुरंत ही हमे याद आ गया कि पापा हर दिन शिव जी की कितनी सुन्दर स्तुति करते थे पापा 😭😭😭😭😭
रुद्राष्टक गोस्वामी तुलसीदास के द्वारा लिखा गया आठ श्लोकों का स्तोत्र है जो रामचितमानस के उत्तरकाण्ड के दोहा 107 दिया गया है। यह स्तोत्र भगवन शिव को समर्पित है। न जानामि योगं जपं नैव पूजां नतोऽहम सदा सर्वदा शम्भु तुभ्यम् । जराजन्म दुःखौघ तातप्यमानं प्रभो पाहि आपन्नमामीश शम्भो।। मैं न तो योग जानता हूँ, न ही जप और न पूजा ही। हे शम्भो मैं तो सदा सर्वदा आपको ही नमस्कार करता हूँ। हे प्रभो ! बुढ़ापा और जन्म ( मृत्यु ) के दुःख समूहों से जलते हुए मुझ दुखी की दुखों से रक्षा कीजिये। हे ईश्वर ! हे शम्भो ! मैं आपको नमस्कार करता हूँ।।
@@PrashantSharma-vb3ib aap Shree Ramcharit Manas ka Uttar kand padh Lena, aur wo bhi naa padh sako to khali ye jo Rudrakshtakam he uske last ke 2-3 shlok ka hindi meaning padh lena
गुरुजी जी ने जितनी अंतरात्मा से यह रुद्राष्टकम गाया है उतनी अंतर आत्मा से एक सच्चा शिव भक्त है गा सकता है।😊😊🚩 जितनी प्रशंसा की जाए उतनी कम है, गुरुदेव 🧘🙇
ru-vid.com/video/%D0%B2%D0%B8%D0%B4%D0%B5%D0%BE-YzMWUH5Gdf8.html। श्रावण विशेष सत्संग। रुद्राष्टक की व्याख्या? विस्तार से जानने के लिए देखे प्रस्तुत सत्संग। स्वामी श्री राजेश्वरानंद जी महाराज। श्री परमहंस आश्रम राजकोट गुजरात।
आपने शिव स्तुति इतनी मधुर गाई है बार बार मन सुनने को करता है। मन को शांति देता है। ऐसा प्रतीत होता है शिवजी जी सामने विराजमान है। अदभुत शक्ति मिलती है। शिवजी सब पर कृपा बरसाये। जय महाकाल जी
🙏 हे! प्रभु तुम्हारे चरणों में मेरा कोटी कोटि प्रणाम 🙏 गुरुजी आपको बहुत बहुत धन्यवाद 🙏 आप ने रुद्रा्ष्टकम इतना सुंदर ग़ज़ब का गाया है कि मन का कोना कोना प्रफुल्लित हो जाता है ॥ गाए बीना रहा ही नहीं जाता ॥
यह स्तुति सोमनाथ मन्दिर के प्रांगण में हमेशा बजता रहता हैं laudispikar के माध्यम से...ये सुनकर लगता है कि अभी भी उस अलौकिक शक्ति के प्रांगण में खड़ी हूं। जय सोमनाथ 🙏🙏
सूर्य संवेदना पुष्पे, दीप्ति कारुण्यगंधने। लब्ध्वा शुभं होलिकापर्वेऽस्मिन कुर्यात्सर्वस्य मंगलम्।। भावार्थः जिस तरह सूर्य प्रकाश देता है, संवेदवा करुणा को जन्म देती है, पुष्प सदैव महकता रहता है, उसी तरह आने वाला यह होली का पर्व आपके लिए हर दिन, हर पल के लिए मंगलमय हो. हर हर महादेव❤ ❤🌿🙏
बहुत सही लिखा है आपने कि बहुत सुंदर गाते हैं लगता है इनके गले के अंदर कोयल बैठी हो.....? में इनसे एक बार मिला हुआ हूं रमेश भाई ओझा का व्यवहार अच्छा है मैं तो इनका बहुत बड़ा फैन हूं उनके सारे श्लोक सुनता हूं
I heard this bhajan at Somnath Temple first time and searched at tube so many days at last I got it. Pranam Great Guruji Thulasidasji. Pranam Bhaiji for making this Bhajan alowkik.
स्तोत्र सुनते सुनते कभी बच्चों से धीरे से प्रेम से अगर कहते हैं कि चलो रूद्राष्टक गाते हैं आयुष्मान ...तो खुश होकर बिना झिझक मुस्कुराते तैयार हो जाते हैं। तब मन पूज्य भाईश्री जी के चरणार्विंद में झुक जाता है नमन् करने लगता है। कि अगर आपकी कृपा न होती ...तो कहाँ ये... इतनें प्यारे स्तोत्रों को सुन पाते।🙏
हे महादेव हम खुश नसीब हे की आप का स्रोत सुनने को मिला मन इतना लीन हो गय की प्रभु आँखों में खुशि के आंसू आ गये प्रभू आप हमेशा अपनी शरन में रखना मेरे नाथ
N@@shreermadan1346nnnnnnn. nnnn N. nnnn nn nnnnn nnnnbNnnnnnnnnnnnnnnnnnnNnNnnn nnn n. Nnnnnnnnnnnn n nnnnnn nn n nn nnnnnnnn nnnnnnnn nnn n n n n nnnnn nn n n n . N nnnn. N nnn nnnnnnn n n. N. n nn nnnnn
N@@shreermadan1346nnnnnnn. nnnn N. nnnn nn nnnnn nnnnbNnnnnnnnnnnnnnnnnnnNnNnnn nnn n. Nnnnnnnnnnnn n nnnnnn nn n nn nnnnnnnn nnnnnnnnnnn nnn n n n n nnnnn nn n n n . N nnnn. N nnn nnnnnnn n n. N. n nn nnnnn
अद्भुत। साक्षात् शिवमय मन हो जाता है। उज्जयनी में महांकालेश्वर मंदिर में भाई श्री जी की मधुर ध्वनि में ही रुद्राष्टक प्रतिदिन बजाया जाता हैं। संभवतः ४- ५ आवृत्तियाँ तो होती ही हैं।
Jay mata di jai namaste maa good morning maa jay ho aapki wo bhi anant tak har har Mahadev ki jay ho jay Bala Ji Maharaj Jay anjni mata ki jay ho wo bhi anant tak Jay anant tak har har Mahadev ki jay ho wo bhi anant tak har har Mahadev ki jay ho wo bhi anant tak har har Mahadev ki jay ho wo bhi anant tak har har Mahadev ki jay ho wo bhi anant tak
हृदय हीन लोगों ने dislike किया है, न वो भाव समझते है, न भक्ति, आँख बन्द करके सुनो लगेगा महादेव सामने बैठे है... हर हर महादेव💐 मेरी बात से सहमत होने के लिए आप सभी का धन्यवाद... पहली बार मेरे comment को इतने अधिक Like मिले है😊
अत्यंत मधुरवाणी,देवादिदेव महादेव की स्तुति से, तनमन मे अपार भक्ति का संचार होता है,रचियता🧡📙वंदनीय🍂श्री रमेश भाईजी ओझा को बारम्बार प्रणाम है,🙏🏻🙏🏻जय महादेव🚩
सभी मंदिरो पर यह ध्वनि प्रातः काल में कुछ समय के लिए चलाई जाए तो बहुत उचित हो सकता है। इससे वातावरण में शुद्धता भी आएगी और मन में भी ❤️😊। लाउडस्पीकर के माध्यम से।🚩🚩
हाँ अवश्य, यह मनुष्य की हुई आत्मा को जागृत करने का एक वैज्ञानिक उपाय है । इन उच्च ऊर्जा के स्तुतियों की निरन्तर पुनरावृत्ति ही मन्त्र के रूप में बाँये मष्तिष्क में उत्पन्न बुद्धि की हरकतों को काबू करने में समर्थ होती हैँ । 🙏
हम आभार प्रकट करते हैं गोस्वामी तुलसीदास जी का जिन्होंने इतने सुन्दर शब्दों में भोलेनाथ की स्तुति की है और साथ ही में पूज्य नमन भाई ओझा जी का जिन्होंने इतने मधुर स्वर में गाया है। हमारे पिता जी सुबह ही उठकर अपने फ़ोन में रुद्राष्टक सुनते हैं।सच में हृदय क्या अन्तरात्मा तक को शान्ति मिलती है।ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय।
पूज्यश्री रमेश भाईजी , आपको सादर प्रणाम है । सिर्फ रुद्राष्टक ही नहीं बल्कि आपके द्वारा गाई गई भगवान की सभी स्तुति हम सब श्रोताओं पर एक बड़ा भारी एहसान है । आपको बारंबार नमन है और महादेवजी से प्रार्थना है कि आपको सदैव स्वस्थ और प्रसन्न रखते हुए दीर्घायु प्रदान करें ।
ना ही आपका रहस्य जाना जा सकता है । ना ही यह जानने की इच्छा है । जब हिमालय में साधना करने वाले योगी जन इतने महान है । तब आपकी अपार महानता, आपका स्मरण तत्काल कल्याण करने वाला है । हे महा ध्यानी मुझे अब समझ में आया है ,मेरे बड़े-बड़े भयंकर शत्रु हैं(काम, क्रोध, मोह ,लोभ, अहंकार आदि मेरी रक्षा करें) मेरा मन कई जन्मों से हमेशा अपने अहंकार का पोषण करता है कहीं आपकी भक्ति जो की परम गौरव और परम सौभाग्य और परम शक्तिशाली है ,से ही मेरा अहंकार रावण की भांति ना बढ़ने लगे मेरी रक्षा करें। 🌹🙏🏻🌹
ओउम् ओउम् ओउम् ओउम् ओउम् नमो नारायण स्वामी जी भगवान कोटी कोटी नमन करते हैं जय श्री राम जय श्री कृष्णा हर हर महादेव जी ओम् बारम्बार साष्टांग दंडवत प्रणाम है 🎉🎉🎉🎉🎉 हें नाथ हम आपके हैं हमें बचालो ओउम्।
💖 પુજ્ય ભાઈ શ્રી 💖 શું આપની વાણી છે અને શું આપની શિવ ભક્તિ છે.... અત્યારે જ રુદ્રાસ્ટકમ સાંભળ્યો.. આપશ્રી ની સ્વર મીઠાશે ખબર નહીં કેમ પણ મને રડાવ્યો છે
||श्री रुद्राष्टकम|| हे भगवान ईशान को मेरा प्रणाम, ऐसे भगवान जो कि निर्वाण रूप हैं जो कि महान ॐ के दाता हैं, जो कि सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड में व्याप्त हैं, जो अपने आपको धारण किए हुए हैं, जिनके सामने गुण अवगुण का कोई महत्व नहीं, जिनका कोई विकल्प नहीं, जो निष्पक्ष हैं जिनका आकार आकाश के समान है जिसे मापा नहीं जा सकता उनकी में उपासना करता हूं। जिनका कोई आकार नहीं, जो ॐ के मूल हैं, जिनका कोई राज्य नहीं, जो गिरी के वासी हैं, जो कि सभी ज्ञान, शब्द से परे हैं, जो कि कैलाश के स्वामी हैं, जिनका रूप भयावह है, जो कि काल के स्वामी हैं, जो उदार एवं दयालु हैं, जो गुणों का खजाना हैं, जो पूरे संसार के परे हैं उनके सामने मैं नतमस्तक हूं। जो कि बर्फ के समान शील हैं, जिनका मुख सुंदर है, जो गौर रंग के हैं, जो गहन चिंतन में हैं, जो सभी प्राणियों के में हैं, जिनका वैभव अपार है, जिनकी देह सुंदर है, जिनके मस्तक पर तेज़ है, जिनकी जटाओं में लहराती गंगा हैं, जिनके चमकते हुए मस्तक पर चांद हैं और जिनके कंठ पर सर्प का वास है। जिनके कानों में बालियां हैं, जिनकी सुंदर भौंहे और बड़ी बड़ी आंखें हैं जिनके चेहरे पर सुख का भाव है, जिनके कंठ में विष का वास है जो दयालु हैं, जिनके वस्त्र शेर की खाल है, जिनके गले में मुंड कि माला है, ऐसे प्रिय शंकर पूरे संसार के नाथ है उनको में पूजता हूं। जो भयंकर हैं, जो परिपक्व साहसी हैं, जो श्रेष्ठ हैं, अखंड हैं जो अजन्मे हैं जो सहस्त्र सूर्य के समान प्रकाशमान हैं, जिनके पास त्रिशूल है जिनका कोई मूल नहीं जिनमें किसी भी मूल का नाश करने की शक्ति है ऐसे त्रिशूल धारी मां भगवती के पति को प्रेम से जीते जा सकते हैं उन्हें में वंदन करता हूं। जो काल के बंधे नहीं हैं, जो कल्याणकारी हैं, जो विनाशक भी हैं, जो हमेशा आशीर्वाद देते हैं और धर्म का साथ देते हैं, जो अधर्मी का नाश करते हैं, जो चित्त का आनंद हैं, जो जुनून हैं, जो मुझसे खुश रहें ऐसे भगवान जो कामदेव नाशी हैं उन्हें मेरा प्रणाम। जो यथावत नहीं हैं, ऐसे उमा पति के चरणों में कमल वंदन करता है, ऐसे भगवान को पूरे लोक के नर नारी पूजते हैं, जो सुख हैं, शांति हैं, जो सारे दुखो का नाश करते हैं, जो सभी जीवो में वास करते हैं। मैं कुछ नहीं जानता, ना योग, ना ध्यान, ऐसे देव के सामने मेरा मस्तक झुकता है, सभी सांसारिक कष्टों, दुख दर्द से मेरी रक्षा करें। मैं सदा ऐसे शिव शम्भु को प्रणाम करता हूं। इस रुद्राष्टकम को जो सच्चे भाव से पढ़ता है शम्भु नाथ उसकी सुनते हैं और आशीर्वाद देते हैं। महाकवि तुलसीदास जी का श्री रुद्राष्टकम समाप्त होता है। किसी भी त्रुटि के लिए क्षमाप्रथी हूं 🙏 ||ॐ नमः शिवाय||
shiv hi aagaz he , shiv hi ant he shiv hi anaadi, shiv hi anant he shiv hi shunya he, shiv hi purn he shiv hi "hari", "har-hari" me shiv he *****har har mahadev****** ***Gokulesh Maheshwari***
परम पूज्य गुरुदेव श्री औझा जी को कोटि कोटि प्रणाम। आपकी आवाज में जो जादू है शब्दों में नही बताया जाता हैं। आपके द्वारा सम्पूर्ण शिव माला को मेरा पूरा परिवार लगन से सुनते हैं।
भाइजी आपकी आवाज मे जादु हे ओर हम महादेव के ख्याल मे खो जाते है और ऐसे लगता हे हम महादेव के सामने बैठे हे और ये स्तुति सुन रहै हे सच मे बहुत ही अदभुत अविस्मरणीय हे ऐक सुनले भूल ही नही सकते आपको कोटि कोटि धन्यावाद महादेव आपका स्वास्थ्य हमेशा अच्छा बनाए रखे ओर महादेव के चरणो मे प्रणाम 🙏💐🙏💐🙏💐🙏💐🙏
जयशंकर की कोरोना महामारी से पहले मैंने रुद्राष्टकम और वेद सार शिव शिवस्थव् का पाठ शुरू किया था यकीन नहीं आ रहा भक्तों चारों तरफ से आल इस वेल की ध्वनि गूंज रही है सब कुछ ठीक है भोले बाबा की असीम कृपा है
Hi, please check out this RU-vid channel: @Sreenivas Ramakrishnan where he has done a great cover of The Rudrashtakam for charity! He works with the British Red Cross to raise money for COVID 19 by making covers. Please check it out and enjoy!