Тёмный

Sangat Ep.19 | Nasira Sharma on her Literature, Translation, Iran, Hijab & Taliban | Anjum Sharma 

Hindwi
Подписаться 30 тыс.
Просмотров 13 тыс.
50% 1

हिंदी साहित्य-संस्कृति-संसार के व्यक्तित्वों के वीडियो साक्षात्कार से जुड़ी सीरीज़ 'संगत' के उन्नीसवें एपिसोड में देखिए वरिष्ठ कथाकार-अनुवादक नासिरा शर्मा को। अस्सी के दशक में ईरान जब क्रांति से उबल रहा था, नासिरा शर्मा वहाँ मौजूद थीं और वहाँ रहते हुए उन्होंने शीर्ष ईरानी‌ नेताओं के इंटरव्यू किए। अंजुम शर्मा से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि क्यों ईरान की संस्कृति ने उन्हें इतना प्रभावित किया कि वह उनके लेखन में चला आया। स्त्रियों के मुद्दों पर उनका क्या सोचना है, साहित्य में आ रहे नए मुद्दों पर वह क्यों सवाल उठाती हैं, अनुवाद पर उन्होंने कैसे पकड़ हासिल की, हिजाब क्रांति पर उनका क्या कहना है, बच्चों के लिए लेखन उनके लिए ज़रूरी क्यों है, क्यों वह तालिबानियों से बात करना चाहती हैं, साहित्य अकादमी मिलने पर उन्हें किस बात का ऐतराज़ था, ऐसे तमाम सवालों के जवाब जानने के लिए देखिए‌ 'संगत' का यह एपिसोड।
Watch writer-translator Nasira Sharma in the nineteenth episode of 'Sangat'. Nasira Sharma interviewed top Iranian leaders when Iran was seething with revolution in the eighties. During a conversation with Anjum Sharma, she explained why the culture of Iran impressed him so much that it carried over into her writings. What is her take on women's issues? why does she question new issues coming up in literature? how did she get command on translation? what she think about hijab revolution, why writing for childrens is important to her, why she wanting to talk to the Taliban? what was her objection on Sahitya Akademi. To know the answers to all such questions, watch this episode of 'Sangat'.
संगत के अन्य एपिसोड्स देखने के लिए दिए गये लिंक पर जाएँ : • संगत
Hindwi channel is part of Hindwi.org website. The website is a initiative of Rekhta Foundation, dedicated to Hindi literature.
हिन्दवी के सोशल मीडिया चैनलों से जुड़िए :
Facebook : / hindwiofficial
Instagram : / hindwi_offi. .
Twitter : / hindwiofficial
Telegram : t.me/Hindwioff...
#sangat #nasirasharma #hindwi

Опубликовано:

 

9 сен 2024

Поделиться:

Ссылка:

Скачать:

Готовим ссылку...

Добавить в:

Мой плейлист
Посмотреть позже
Комментарии : 109   
@jeeteshwarisahu2165
@jeeteshwarisahu2165 Год назад
बहुत सुंदर और जरूरी बातचीत। एक लेखक को इतने धैर्य से और भाषा की फिजूलखर्ची से बचकर कम शब्दों में गहराई के साथ जवाब देते मैंने पहली बार सुना।
@jaishankartiwari1974
@jaishankartiwari1974 3 месяца назад
अंजुम जी आप बहुत अच्छा कार्य कर रहे हैं, बहुत बहुत साधुवाद सिलसिला कायम रहे यही कामना करता हूं
@abrarmalik8050
@abrarmalik8050 Год назад
नासिरा शर्मा जी का इंटरव्यू लाजवाब रहा और मुझे इस बात की बेहद ख़ुशी है कि यह मेरा ही डिज़ाइन किया हुआ ड्रेस है जो उन्होंने पहन रखा है।
@manishakulshreshtha1991
@manishakulshreshtha1991 Год назад
नासिरा जी में जो पारदर्शी दमदारी है वह क़ाबिले सैल्यूट है। मेरी बहुत प्रिय लेखिका हैं वे
@noorquamar9350
@noorquamar9350 Год назад
इंटरव्यू आकर्षक हैं, मैं इस इंटरव्यू का एक भी सेकंड मिस नहीं किया ❤
@aajsuniye
@aajsuniye Год назад
दीदी.....आप के लेखन की प्रसंशिका तो मैं ज़माने से हूँ।आपके विचारों से अभिभूत हूँ। बहुत बढ़िया साक्षात्कार...देख कर आपके प्रति और स्नेह उमड़ा। नमन आपको आपके विचारों को। यशस्वी रहें। ❤
@ambujtiwari3569
@ambujtiwari3569 Год назад
बहुत ही अच्छा साक्षात्कार 🙏🏻 आपने हमेशा की तरह अत्यंत स्पष्ट और सरलता से उत्तर दिया जो हमारे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है🙏🏻धन्यवाद मैम🙏🏻
@bhupendrasingh3521
@bhupendrasingh3521 Год назад
संगत में नासिरा शर्मा से लम्बी और रोचक बातचीत के लिए साधुवाद। ❤❤❤🎉
@dr.chaitalisinha6352
@dr.chaitalisinha6352 Год назад
बहुत गंभीर लेखिका हैं नासिरा मैंम l जे.एन.यू. में आपको बहुत क़रीब से सुना है l आपकी लेखनी की छाया आपके व्यक्तित्व में भी झलकता है l सादर प्रणाम l
@user-zn1ux2xu6p
@user-zn1ux2xu6p 11 месяцев назад
Chaitali ji kya aap mujhe apna contact no send kr skte hai mujhe naasira ji se milna hai
@divyashukla9101
@divyashukla9101 Год назад
एक ईमानदार और शानदार इंटरव्यू। आपा से बात करना उन्हें सुनना बहुत कुछ सीखना होता है । हम सौभाग्यशाली हैं हमें ये अवसर कई बार मिला
@ankitatiwari4398
@ankitatiwari4398 Год назад
वर्तमान महिला लेखिकाओं में सदैव से मेरी पसंदीदा रही है नासिरा शर्मा मैम अपने अलग व्यकित्व के कारण ❤😊❤
@user-wr7bi2ni8i
@user-wr7bi2ni8i 6 месяцев назад
बहुत ज़रूरी बात कही है नासिरा जी ने कि जब किसी समाज परिवार के स्वरूप के कालखण्ड को समझने में स्त्री लेखन ही उपयोगी होगा। वास्तव में लेखन का कोई एक ढांचा या क्षेत्र नहीं होना चाहिए । लेखन है कलात्मक है जड़ तक पहुंचाता है वह महत्त्वपूर्ण है।
@rashminagpal913
@rashminagpal913 Год назад
नसीरा मैम आपको जब भी सुनती हो आपसे एक aristocrat वाली feeling आती है । आपका बोलने का अंदाज आपको औरों से जुदा रखता है । आपके लिये दिल में respect पैदा होती है आप किसी लेखक की बुराई नहीं करती और सच है आज़ादी के मायने मानसिक आज़ादी से होते हैं ।आपकी बच्चों पर लिखी कहानी भी सुनी थी मैंने अपने ऑफिस के साथियों को भी सुनाई ।सबको बहुत अच्छी लगी थी । हम अपने आसपास पर तो कहानी लिखते हैं पर किसी और देश जाकर उनकी सभ्यता संस्कृति का अध्यन करना फिर लिखना ये मेरे लिए काफ़ी प्रेरणादायक है ।आपसे और भी सीखने को मिलेगा इसी आशा के साथ शुभकामनाएँ
@pankajjain8233
@pankajjain8233 Год назад
आपका इंटरव्यू इस बार ऐसी बहुत सी बातें बता गया हूं जानता नही था पर जानना जरूर चाहता था। सवाल बहुत अच्छे से तैयार किए गए थे और उतने ही बेबाक जवाब भी थे। आपके उपन्यास हो या कहानी, सब जिंदगी से जुड़े हुए हैं इसलिए उनसे जुड़ना बहुत आसान होता है। लगता है कि ये अपने आसपास की ही कहानियां हैं, हमारे खुद के किस्से हैं। चाहे परिजात हो चाहे शाल्मली हो, चाहे कुइयांजान हो चाहे अल्फा बीटा गामा हो, हर उपन्यास और कहानी अपने आसपास की कहानी लगती है। जिन 3 उपन्यासों को मैं सबसे ज्यादा पसंद करता हूं वो हैं जिंदा मुहावरे, ठीकरे की मंगनी तथा बहिस्ते जेहरा। जिंदा मुहावरे आज तक पढ़ी पुस्तकों में मुझे सबसे ज्यादा पसंद है। जिंदा मुहावरे के सारे किरदार जिंदगी से उठाए गए हैं। निजाम, इमाम, सुंदर काकी, मंगरू काका, लच्छू, शमीमा, गोलू सब के सब अपने ही लगते हैं। विभाजन की त्रासदी को नासिरा खाला ने जिस तरह परिवार के स्तर पर दिखाया है, वह इस स्थिति ऐसा पहलू है जिस पर अक्सर ध्यान नहीं जाता। यहां देश के विभाजन के साथ एक परिवार भी विभाजित होता है और ये पारिवारिक विभाजन कई पीढ़ियों को ढोना पड़ता है। जिस निजाम का रहीमुद्दीन कई साल तक इंतजार करते रहे , घर से जाने पर जिस से नाराज रहे, उसके लिए ही आखिर में कहते हैं कि "आज कितन साल गुजर गए, मगर ओकी कोई खबर नहीं मिली, ज़िन्दा है, या...! हमार चल चलाव के दिन क़रीब आये गय हैं। तुम समझदार हो, आगा-पीछा सब समझत हो। अगर उ हरामखोर लौट आए, तो ओका हिस्सा दे दियो ।” “अब्बा, आप तो ओका 'आक' कर दिहे रहे, फिर आज हिस्से - बुक़रे की बा काहे उठात हो?” इमाम होठों-ही-होठों में हँसा ! “माँ-बाप का गुस्सा, बेटवा, असल मा पानी का बुलबुला होत है, फिर अब हम मौत की दहलीज पर खड़े होकर कउन-सा हिसाब निपटाएँ?” मैं मुंशी प्रेमचंद को उनके one liners के लिए बहुत पसंद करता हूं लेकिन आपके लेखन में भी ऐसे one liners बहुत है जो अचानक मन पर लगते हैं। “माँ-बाप का गुस्सा, बेटवा, असल मा पानी का बुलबुला होत है" बटवारा चाहे एक चूल्हे का ही क्यों न हो, हमारी सोच का हिस्सा नहीं बन सकता। कोई भी मानवीय घटना किसी कौम की सोच का हिस्सा बन जाती है। बरसों क्या सदियों उससे निकलना मुश्किल होता है। वक्त तो बादशाह के लिए भी नही रुकत ,भैया। मिट्टी की किस्म इंसान को इंसान से बांधती है, भले ही उसकी इंसानी हमदर्दी जापानी , चीनी, अफ्रीकी इंसान से हो। इस उपन्यास को सबसे पहले मैंने 1997 या 1998 में पढ़ा था। कई सालों तक इसकी फोटोकॉपी लेकर घूमता रहा क्यों कि ये मिल नही रहा था। आखिर एक दिन जाकर वाणी प्रकाशन में धरना दिया तब जाकर उन्होंने इसकी एक प्रति दी जो उनके display में लगी थी। कितनी बार पढ़ा इस उपन्यास को, आज याद नहीं है पर हर बार नया लगता है और हर बार पढ़कर रोया हूं। इस उपन्यास को लिखने के लिए आपका ताउम्र शुक्रगुजार रहूंगा। विभाजन की पीड़ा परिवार के स्तर तक रिस कर, वैयक्तिक होने के बाद भी बहुत व्यापक है।
@rekharajvanshi6661
@rekharajvanshi6661 Год назад
नासिरा जी का इंटरव्यू पूरा सुना, बहुत अच्छा लगा। उनके जीवन की कई नई बातों के बारे में ज्ञात हुआ। एक बेहद रोचक रचना यात्रा। अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर इतना कुछ लिख देना आसान नहीं है। उनका साहित्य मील का पत्थर है। बधाई 🎉
@NaseraSharma
@NaseraSharma Год назад
धन्यवाद अबरार!आपका हुनर लाजवाब है ।
@pallavimishra7948
@pallavimishra7948 Год назад
अंजुम शर्मा द्वारा लिया गया नासिरा शर्मा मैम का साक्षात्कार बहुत ही महत्वपूर्ण एवं सारगर्भित है। नासिरा जी ने अपने लेखन में परिवेशगत समस्याओं, सामाजिक रूढ़ियों, सांस्कृतिक पृष्ठभूमि, राजनीति तथा धार्मिक श्रृद्धा का चित्रण बहुत ही बारीकी से किया है। आप मानवीय संवेदनाओं से जुड़ी लेखिका है। आज का स्त्री-विमर्श साहित्य आप के लेखन के बिना अधूरा है।🙏🙏🙏🙏🙏🙂
@prakashchandra69
@prakashchandra69 Год назад
नासिरा जी ने दिलखुलास (मराठी शब्द) बातचीत की। वाह!
@mridulagarg1075
@mridulagarg1075 Год назад
कृष्णा सोबती को कभी किसी स्त्री लेखक का नाम लेते नहीं सुना। मुझसे अपने फेलो बनने पर बोलने का इसरार जरूर किया था और मैं बोली भी थी। उनका प्रचार प्रसार पर इख्तियार देखने लायक था। पर जरा सी भी आलोचना उन्हें सहन नहीं थी। उनसे बात करने में लुत्फ बहुत आता थे, बशर्ते उनकी बात से आप ठसके के साथ अपनी ना इत्तीफाकी जाहिर न करें। जो नहीं करते थे उनसे खुश रहती थीं। कमजोर को सहारा देती थीं, पर खुद पर भरोसा करने वालों से नाराज़ सी रहती थी।
@aadharshilanagaur
@aadharshilanagaur Год назад
हिंदवी चैनल ने हमे आपसे मिला दिया, मैं रचनाकार को विशेषतः गंभीर रचनाकार को ईश्वर के समकक्ष मानता हूं। नए विचार वृहद स्तर पर पढ़ने से बनते है,एक व्यक्ति सब नही पढ़ सकता,पर आप जैसे लेखकों को तो पढ़ ही सकता है।
@adeelrao7985
@adeelrao7985 Год назад
Nasira Sharma Ma'am is a living legend in Urdu literature. Her work in Urdu is extraordinary and her approach towards social elements is just amazing. I'm glad that I choose her as my topic of research in my Ph.D under supervision of Dr. Muhammad Khawar Nawazish, assosiate professor of BZU, Multan, Pakistan. I've learned a lot from you ma'am. The thing which astonishes me is your humbleness. The way you reply to people on personal basics is just amazing especially when you send your biodata and novels it really helped me in my research work. I look forward to learning more from you in future.
@shivanshbhardwaj7352
@shivanshbhardwaj7352 Год назад
बहुत शानदार साक्षात्कार । बहुत कुछ जानने का अवसर मिला। । हिंदवी का बहुत धन्यवाद इस इंटरव्यू के लिए ।
@aloktheshayar
@aloktheshayar Год назад
नासिरा मैम, आपको सुनना कई किताबों को पढ़ने के बराबर है। आपसे एक मुलाक़ात के नक्श पत्थर पर लकीर की तरह स्मृति में जमे हैं। आप यूं ही लिखती रहें और नए दृष्टिकोण सामने रखती रहें। अंजुम जी ने इस साक्षात्कार के लिए काफ़ी मेहनत की है यह उनके सवालों से साफ़ ज़ाहिर है। बधाई।
@archanapainuly6067
@archanapainuly6067 Год назад
हमेशा की तरह प्रभावपूर्ण वक्तव्य। उनकी आवाज़ भी बहुत अच्छी है। नासिरा जी के उपन्यास काग़ज़ की नाव, पारिजात, कुँआजान मैंने पढ़े हैं। आजकल अल्फ़ा बीटा गामा पढ़ रही हूँ
@SunitaPrasad-xf9yu
@SunitaPrasad-xf9yu Год назад
Anjum you are genius 🙏🙏🙏🙏🙏
@SunitaPrasad-xf9yu
@SunitaPrasad-xf9yu Год назад
Aap Ko Aaj first time suna. Or batao hi accha laga. Aap hamesha swasth rahe. Sadhuwaad
@anjumkidwai
@anjumkidwai Год назад
آپ کو بار بار سنوں گی اور بہت ساری باتیں ایسی ہیں جو زندگی کا سبق دیتی ہیں ۔سچ اور جھوٹ کو پچھورنا پڑتا ہے ۔۔۔۔۔واہ کیا عمدہ بات کہی ہے ۔ کچھ ایسے کتابوں پر انعام ملا جس میں کوئی اسپارک نہیں ۔۔۔ آپ کا انگلینڈ اور ایران کا سفر ۔۔۔ہر بات نے بہت متاثر کیا ۔۔صحت مند رہیں شاد رہئیے
@kusumpandey8620
@kusumpandey8620 Год назад
अंजुम जी आपने नासिरा जी से वह स्मृतियां निकलवा ली जो कही शेयर न की।
@user-ve2lm4ys4e
@user-ve2lm4ys4e Год назад
नासिरा जी बेबाक, निर्भीक लेखिका रही हैं, उनके लिए कुछ भी लिखना सूरज को दीया दिखाना है। बहुत ज्ञानवर्धक साक्षात्कार।
@user-ve2lm4ys4e
@user-ve2lm4ys4e Год назад
नासिरा जी की संवादशैली, लहज़ा बाकमाल है। उन्हें पूरा युग हो गया लिखते हुए और उन विषयों पर लेखनी चलाई जिन पर कोई सामान्य लेखक कलम चलाने से पूर्व सौ बार सोचता है, धर्म और राजनीति। फिर क्या वज़ह रही कि उनके समकालीन समीक्षकों/आलोचकों और बड़े संस्थानों ने उन्हें नज़रअंदाज़ किया? उनकी बेजोड़ कृतियों को सम्मान का अधिकारी क्यों नहीं समझा गया? अंतर्राष्ट्रीय स्तर की पहचान की हकदार लेखिका के साथ जो हुआ वो न्यायसंगत तो नहीं। आपकी लेखनी की मैं मुरीद हूं, विषय वस्तु, शिल्प गठन सभी अनूठा है।
@dr.shakuntalasarupariya404
@dr.shakuntalasarupariya404 Год назад
दीदी कहानियों की दुनिया की आप सरताज़ हैं। इंसानियत,संवेदना , मोहब्बत और ख़ुलुस आपकी पहचान है। मेरा सौभाग्य है कि कोटा के कार्यक्रम में आप से मेरी मुलाकात हुई। आपके लेखकीय व्यक्तित्व व साहित्य पर मेरा कोई भी कथन आप की कामयाबी पर हस्ताक्षर करने जैसा है जो सही नहीं है। आप साहित्य क्षेत्र में शिखर पर हैं और रहेंगी भी। सादर प्रणाम
@vimaljha7297
@vimaljha7297 Год назад
नासिरा जी बड़ी लेखिका तो हैं ही संभवतः हिंदी की एकमात्र लेखिका हैं जिन्होंने ईरान-इराक‌ की यात्रा कर वहां के बारे में काफी सकारात्मक लेखन किया है। मेरी खुशकिस्मती रही कि मेरे आग्रह पर उन्होंने राष्ट्रीय सहारा, सहारा समय और दैनिक भास्कर के लिए ढेर सारा लेखन किया और हिंदी समाज को काफी जानकारियां उपलब्ध करायी।
@bhardwaazastrodevine
@bhardwaazastrodevine Год назад
नासिरा जी का एक साक्षात्कार मैंने भी लिया है। निःसंदेह वो हमारी हिन्दी की एक महान् विभूति हैं। साहित्य के क्षेत्र में इनका योगदान चिरस्मरणीय है।
@Neelniv
@Neelniv Год назад
आपा का अंदाज़ औऱ किस्से बहुत दिलकश होते है ।बहुत अच्छा लग रहा है उनको सुनना । बहुत अच्छा साक्षात्कार लिया आपने। बढ़ाए
@AbdulGaffar-px2es
@AbdulGaffar-px2es Год назад
नासिरा शर्मा उस लेखक का नाम है जो अपनी लेखनी में गिरह को नाख़ुन से नही दातों से खोलती हैं। एक ऐसी वाहिद साहित्यकार जो हिन्दी साहित्य को ईरानी संस्कृति से रूबरू कराती हैं। मेरे जैसे नए लिखने वालों को उंगली पकड़ कर चलना सिखाती हैं।
@vazdakhan9130
@vazdakhan9130 Год назад
अभी हाल ही में संगत में नासिरा शर्मा मैंम का इंटरव्यू सुना। अंजुम शर्मा के जितने दिलचस्प सवाल थे उतने ही शानदार नासिरा मैंम के ज़वाब । एक घंटे 44 मिनट का इंटरव्यू कब खत्म हुआ पता ही नहीं चला। फिर भी ऐसा लग रहा था , कुछ देर और बातचीत का यह दौर चलता, उनके जीवन और उनके लेखन के जुड़े कुछ और सवाल अंजुम पूछते । जैसा कि उन्होंने कहा भी कि समयाभाव के चलते बहुत से सवाल मैम से पूछने बाकी रह गए। मुझे लगता है मैम का एक interview session और होना चाहिए। इंटरव्यू सुनने के फौरन बाद नासिरा शर्मा मैम से अचानक ही लेकिन बहुत अच्छी मुलाकात हो गई। उनसे अनेक विषयों पर ढेर सारी गुफ्तगू हुई। कवि मित्र बीनू ने उनके लेखन को लेकर महत्तवपूर्ण बात-चीत की, जो u ट्यूब पर भी उपलब्ध है उसका लिंक शेयर कर रही हूं। ru-vid.com/video/%D0%B2%D0%B8%D0%B4%D0%B5%D0%BE-2xT-GRO6SkI.html बीनू और मैंने अपने अपने कविता संग्रह की प्रति क्रमशः "गुमनाम प्रेमिकाएं ", "ज़मीन पर गिरी प्रार्थना " और "खड़िया" उन्हें भेंट की। इस तरह हमारा वह दिन बहुत खास ,खूबसूरत और यादगार दिन बन गया।।।
@saritayadav5758
@saritayadav5758 Год назад
स्त्री की राजनीतिक भागीदारी के सम्बन्ध में मैम का लेखन निश्चय ही साहसपूर्ण और सराहनीय कार्य है।
@samirmahan2096
@samirmahan2096 Год назад
नमस्ते और धन्यवाद प्रिय श्री अंजाम। मेरे लिए यह सम्मान की बात है कि प्रिय सुश्री शर्मा ने मुझे उनकी कहानी की पुस्तकों का अनुवाद करने की अनुमति दी। मुझे आशा है कि वे सदैव स्वस्थ एवं प्रसन्न रहेंगे और एक दिन पूरा विश्व उनकी साहित्यिक कृतियों एवं मधुर अभिव्यक्ति से परिचित होगा।💎💎💎
@anjumzaman4332
@anjumzaman4332 Год назад
Creativity with a political social analysis , this is Nasera Sharma. 🌺 It’s always mind refreshing to hear her speak. I really congratulate her natural creativity. The interview was alittle long but worth watching. Anjum Sharma nicely brought to the viewers the more bold frank writer but I wish he would have given us more of her literary views as she has written extensively about Indian culture - politics - social aspects with a humane touch, which is encouraging for our Indian roots. Maybe in the second episode.
@premkumar-zl1ih
@premkumar-zl1ih Год назад
नासिरा जी से हुई आपकी बातचीत सुनकर अच्छा लगा। इतना और ऐसा अच्छा लगा कि मुझे नासिरा जी के साथ उनके घर पर उनके परिवार की उपस्थिति में एकदम अलग तरह के माहौल, अंदाज़ और ढंग से की गई कई घंटों तक लगातार चली वह चार दिन(एक दिन एएमयू गेस्ट हाउस में) की बातचीत याद आ गई। सचमुच जब कोई नासिरा शर्मा जितनी बड़ी शख्सियत- लेखिका अपने जीवन, मन, भाव, पात्रों सरोकारों के बारे में बताए तो वह पाठक, रचना और साहित्य की दृष्टि से विशिष्ट उपयोगी और मूल्यवान होगा ही होगा। नासिरा जी व्यक्ति और लेखन के साथ- पास होने के करीबी क्षणों में ऐसा एक अनुभव और अंदाज़ हो ही जाता है कि इस लेखिका के जीने - लिखने- सोचने का अंदाज़ और सोच का ढंग असाधारण अलग भी है एवं व्यापक और विराट भी । घंटों - घंटों लगातार चली उन चार बैठकों में देखे- सुने जाने वाले उन भिन्न सुखद, अधिकतम प्रामाणिक और बेहतरीन अनुभवों के एहसास भर पाठकों को कराने की अपनी छोटी सी ख्वाहिश और कोशिश के चलते ही 2011 में परमेश्वरी प्रकाशन यानी किताब घर से आई "ज़ने अजीब नासिरा शर्मा" शीर्षक से मेरी पुस्तक प्रकाशित हुई थी। बातचीत अंश - अंश अनेक पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई - खूब चर्चित - प्रशंसित होती रही। उसमें का काफ़ी कुछ हिस्सा गुजराती में अनूदित भी हुआ। बहुत सोच- विचार और विमर्श के बाद ही तय हुआ था पुस्तक का नाम देने के लिए नासिरा के पूर्व ज़ने अजीब जोड़ना। उनके द्वारा की गई एक यात्रा के दिनों में किसी रशियन लेखक ने उनकी तारीफ करते हुए उन्हें ज़ने अजीब कहा था। ज़ने अजीब यानि अनोखी औरत। निश्चय ही नासिरा जी अपने लेखन, विचार, दृष्टि, संस्कार, व्यवहार आदि स्तरों पर तो अपनी असाधारणता सिद्ध करती ही हैं। कई भाषाओं पर अपने अधिकार के चलते हिंदी, उर्दू ,अंग्रेजी, फारसी आदि में उन्होंने पत्रकार, रचनाकार के रूप में देश-विदेश के जनजीवन के तनावग्रस्त व चुनौतीपूर्ण स्थितियों के बारे में जो, जितना किया - लिखा है, वह भी उनके अनोखेपन को द्योतित - प्रमाणित करता है। साहित्य के लिए अपने जोश, जुनून, जज्बे और समर्पण को लेकर भी और ईरान, इराक, अफगानिस्तान, फिलिस्तीन आदि देशों में हुई भयंकर उथल-पुथल के दौर की वहां की ज्वलंत चिंताओं - समस्याओं से तमाम दुनिया को अवगत कराने के लिहाज़ से भी। तकनीकी दौर की आज की पीढ़ी के विश्वास कर सकने की तो उम्मीद भला यहां क्या करूं _ खुद भी उन दिनों और उस बातचीत को याद कर मुझे भी हैरानी होती है। बातों के बीच हैरानगी और चिंता तो खुद नासिरा जी ने भी कई बार व्यक्त की थी। हर बैठक में तकरीबन 50- 60 पृष्ठों का अनरुके, तेज़ - तेज़ लिखते जाना, फिर उस हाथ की लिखी सामग्री को दो बार और उससे भी अधिक पृष्ठों में लिखकर "ज़ने अजीब नासिरा शर्मा" की पांडुलिपि तैयार करना। लेकिन वह सब था बेहद सुखद, स्मरणीय और उपादेय।
@sushmagupta1481
@sushmagupta1481 Год назад
साहित्य में नासिरा दी का कद बहुत ऊंचा है। जितना विस्तृत काम उन्होने किया है वह दंग करता है। उनकी साफ़गोई दृढ़ता और उनका नज़रिया बेहद अलहदा है। उनमें एक अलग ही रॉयल टच है जो प्रेरणा देता है कि कैसे अपनी बात अपने पक्ष को लेकर आगे बढ़ना है। उनका बात करने लहज़ा भी कमाल का है। उनको पढ़ना खुद को समृद्ध करना है। यह साक्षात्कार बेहद शानदार है। नासिरा दी के काम के बारे में कितना कुछ जानने को मिला। खासकर जो काम उन्होंने बाहर के मुल्कों के ऊपर किया।
@Dp30-e1q
@Dp30-e1q 8 месяцев назад
नासिरा जी ने बेबाकी से साहित्य और जीवन से सम्बन्धित प्रश्नों का जवाब दिया। 'बावजूद' के साथ 'भी' का प्रयोग करना ठीक नहीं लगा क्योंकि वे पर्शियन की जानकार हैं।
@deepaksharma-pn5qn
@deepaksharma-pn5qn Год назад
Simply delightful seeing Nasira ji and listening to her in this interview..... Her answers are as fearless,as forthright and as sincere as her writings are. Behoving her stature of a major author of great repute. Congratulations, dear Nasira ji,for being the person that you are ❤❤❤❤ Deepak Sharma
@rudrajha-fb3pp
@rudrajha-fb3pp Год назад
बहुत सुंदर
@sushmamunindra8481
@sushmamunindra8481 Год назад
बहुत बढ़िया। नासिरा आपा के विचार बहुत सपष्ट और सुंदर होते हैं
@balrampn9739
@balrampn9739 Год назад
नासिरा जी का साक्षात्कार देखा। हम साथ सारिका के नव लेखन विशेषांक में छपे थे। उनको निरंतर लेखन में बड़ा और बड़ा होता देखता रहा लेकिन जो बातें उनके बारे में इस इंटरव्यू से जानी वह मुझे नहीं पता थी जिसके लिए आप दोनों को बधाई ।
@bachelorboys7268
@bachelorboys7268 Год назад
बहुत ही प्रभावशाली साक्षात्कार, अंजुम भाई। बहुत समृध्द हुआ। ये सिलसिला जारी रहे। 🌸
@bhikhabhaiamin8874
@bhikhabhaiamin8874 Год назад
संगत का ये इनटरवयु तीन दफा देखा अंजुम शमाँजी ने नसिराजीको बहोत पढा ओर समजा है तबही उतना बहेतरीन ईनटरवयु हो सका है.नसिराजीको सुनने का मोका पालनपुर,गुजरात में तीन दिन मीलाथा तब से हम समाज के प़श्रन के लिए अछे दोस्त बन गयें बात चीत होतीं रहती हे उनकी बातों मे कई कांनतीकारी मजबुत बातों हैं जब उन्होंने धार्मिक किताबों को गेलेरी में पटकदी ये लेखकका शब्द का आचरण है नसिराजी शब्द लीखती भी है ओर शब्द का आचरण भी करतीं हैं वो उनकी गंगा जमुना तहजीब ओर अखंड भारत की बात से हमें महेसुस होता है आपकी शेहत अछी रहे वौ हम उम्मीद करते हैं.....भीखाभाई अमीन गांधीनगर गुजरात
@atiyakidwai8111
@atiyakidwai8111 Год назад
So bold and powerful. Nasira as usual. From her heart to our hearts
@kiransrivastava6416
@kiransrivastava6416 Год назад
गंगा जमुनी तहज़ीब की सशक्त हस्ताक्षर एक बड़े कद बड़े नाम वाली नासिरा शर्मा का यह साक्षात्कार वास्तव में साफ़गोई, बेबाक़ी और ईमानदारी से भरा है गुणवत्तापरक ज्ञानवर्धक और अद्भुत है ।इस साक्षात्कार से रूबरु कराने के लिए और महत्वपूर्ण प्रश्नों के लिए अंजुम जी को साधुवाद!!🌺और हिंदवी का कोटिशः धन्यवाद 🙏समयाभाव के चलते औरत के लिए औरत,पारिजात,अक्षयवट,राष्ट्र और मुसलमान आदि पर बातचीत नहीं हो पायी नासिरा जी का लेखन है ही इतना गंभीर और व्यापक जिसके लिए मात्र कुछ घंटे पर्याप्त नहीं है।नासिरा जी की “दूसरा ताजमहल”पर लिखी मेरी समीक्षा हंस में प्रकाशित हुई थी।साहित्य अकादमी प्राप्त “पारिजात”उपन्यास पर “बाज़ारवाद बनाम पारिजात”शीर्षक से मेरा समीक्षात्मक लेख वागर्थ में प्रकाशित हुआ था।कुछ उपन्यासों को समेटकर विशेष रूप से शाल्मली उपन्यास पर डेढ़ घंटे का मेरा व्याख्यान भी व्याख्यान माला के अंतर्गत आभासीय मंच से हुआ था।नासिरा दी आपको इतना पढ़ने और लिखने के बावजूद लगता है जैसे समुद्र की एक बूंद मात्र ही कर पायी हूँ।इतना ही कहूंगी कि आपका लेखन हो या साक्षात्कार,केवल वर्तमान ही नहीं बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी मील का पत्थर है ।आपके लेखन का अंदाज और ईमानदारी आपको सबसे अलग और खास बनाता है ।मेरी मंगलकामना है नासिरा दी कि प्रेम, संवेदना और इंसानियत से भरी कलम की स्याही कभी न सूखे✍️✍️✍️✍️🙏🙏💐🌺🌹
@meenaparjapatii
@meenaparjapatii Год назад
आपको सुनती हूं या आपके वक्त के किसी लेखक को सुनती या पढ़ती हूं तो कल्पनाओं में डूब जाती हूँ। आपके व्यक्तित्व में जो सादगी, बौद्धिकता और सादापन दिखता है उसे जैसे मैं हमेशा पाना चाहती रही हूँ, पर शायद बाजारवाद की होड़ में पड़ कर भटक जाती हूँ। पर सच में इस साक्षात्कार में आपने जितने सधे लहजे में पत्रकार के सवालों के जवाब दिए वो वाकई काबिले तारीफ हैं और आपने ये बहुत ज़रूरी बात कही कि संपादकों के साथ लेखकों के रिश्ते अब पहले जैसे नहीं रहे हैं और शायद यही वजह है कि पढ़ने-लिखने की दुनिया थोड़ी सिमटने लगी है और खबर की भागमभाग में ठोस खबर या विचार हम तक नहीं पहुंच पाता या हम उस तक नहीं पहुंच पाते।
@user-et2xl5lk1h
@user-et2xl5lk1h Год назад
दी, संगत पर आपकी बातचीत पर सोचती रही कि समय का अभाव रहा और अंजुम जी से बहुत कुछ पूछने से रह गया। पारिजात और कुइयाँजान का उल्लेखभर हो सका। अपने काम के दौरान आपसे संपर्क बना रहा और आपका मित्रवत् व्यवहार तथा सहज प्रेम भाव से दिया मार्गदर्शन मेरी स्मृति में सदा रहेंगे। महरुख को जन्म देने वाली नासिरा जी स्त्रियों से कैसे दूरी बना सकती हैं ? एक और ज़रूरी पुस्तक ‘राष्ट्र और मुसलमान’ पर बात होती तो अच्छा रहता। इस पुस्तक में एक अध्याय स्त्री भाषा पर भी है, जो उनकी इतिहास की समझ और स्त्रियों के प्रति संवेदनशीलता को दर्शाता है। बात के केंद्र में बहिश्ते ज़हरा ही अधिक रहा। औरत के लिए औरत स्त्री मुक्ति और सरोकारों पर केंद्रित बेहतरीन पुस्तक है। यह एक संयत लेखक की संयत बातचीत थी। अंजुम के सवाल लेखक से सीधे टकराते हैं। नासिरा जी ज़हीन लेखक हैं। बेबाक़ी से उन्होंने इस बातचीत को साधा।
@hindavinama9441
@hindavinama9441 Год назад
नासिरा मैम को सुनना और पढ़ना हमेशा इल्म के सागर में गोते लगाने जैसा होता है। ज़ाहिर सी बात है ईरान और मिडिल ईस्ट की सियासत और साहित्य पर आपसे बेहतर और किसी से बात नहीं की जा सकती लेकिन इसके साथ ये भी सच है कि ईरान के अलावा और भी बहुत कुछ जिसके बारे में उनसे बात की जानी चाहिए। नासिरा मैम उन पहली साहित्यकारों में से हैं जो अपने आप को किसी दरबे में बंद न देखकर साहित्य की मुख्य धारा में देखना चाहती हैं। (इसका ये मतलब बिलकुल भी नहीं है वो महिला विमर्श से खुद को दूर कर रही हों।) इस बातचीत में भी बड़ी खूबी के साथ नासिरा मैम से ईरान के पहलू पर बात हुई लेकिन ये देखकर अजीब भी लगा कि नासिरा मैम का जितना काम ईरान पर है उतना ही काम अफगानिस्तान पर भी है, लेकिन इसके बावजूद अफगानिस्तान पर कोई बात हुई ही नहीं। (अक्सर लोग न जाने क्यों उनसे अफगानिस्तान पर बात करने बचते हैं।) साथ ही इस बात का बड़ा अफसोस भी हुआ कि हमारा आज का समय जो आज़ाद भारत के इतिहास का सबसे ज्यादा विचलित करने वाला समय है, एक ऐसा समय कि जब सियासत में साहित्य की दखलंदाजी प्रत्यक्ष रूप में वाजिब हो जाती है। जब जबरदस्ती कलम पर सियासी पहरे बिठाए जा रहे हों, ऐसे समय में क्या ये जरूरी नहीं था कि कुछ सवाल आज के हालात पर किए जाते ? ईरान के खुमैनी पर तो खूब बात हुई, जो होनी भी चाहिए। लेकिन जो खुमैनी भारत में आ गया है इसपर कब बात होगी ? क्या इसके चले जाने का इंतजार है ? क्या अभी इस बात का इंतजार हो रहा है कि ये चला जाए और खतरे टल जाएं तब बात की जाएगी ? खैर, इस डर से सिर्फ रेखता ही नहीं बल्कि बहुत सी पत्रिकाएं भी फलिज ज़दा हो गईं हैं। आज के समय में सभी सियासी साहित्य से बचना चाह रही हैं । ऐसे सेंसरशिप के दौर में समय से होड़' लेने की ताक़त बहुत कम लोगों में होती है। अगर नासिरा मैम से मौजूदा सियासी मुद्दों पर सवाल किए जाते तो वो पूरी ईमानदारी और बहादुरी से जवाब ज़रूर देती। 0:01
@rajeevsri423
@rajeevsri423 Год назад
नासिरा शर्मा एक मेहनती लेखिका हैं काश वे एक कलाकार भी होतीं !
@imranaqadeer7817
@imranaqadeer7817 Год назад
As usual clear and powerful and a very honest interview.
@user-rg1mz5jx5y
@user-rg1mz5jx5y Год назад
درود بر شما . شما که با امدنتان پیش ما اسرای ایران خاطره خوبی بجا گذاشتید
@NaseraSharma
@NaseraSharma Год назад
Thanks
@pravasinimahakud1523
@pravasinimahakud1523 Год назад
Wonderful interview. Kai baar padh Chuki hun. Dil ko chhu gayee
@salmansaeed6448
@salmansaeed6448 Год назад
"A good writer is first of all an enchanter". Nasira Ma'am - is a charismatic writer which touches Human science, like the sculptor who make sculptures. a writer who know "ART OF CLEAR WRITING", a writer like a saint with high degree of PURITY in her writing, a describer which give characterization of her stories like a prism reflecting light. A good human being. A vibrant personality. A treasure to preserve.
@Aman-et3rq
@Aman-et3rq Год назад
"दुनिया की परवाह तो मैंने किसी भी इन्सानी रिश्ते में नहीं की।" ❤ पिछले वर्ष ही शाए हुई किताब 'अल्फा बीटा गामा' पढ़ी थी, बहुत पसन्द आयी थी और मेरे घर में मेरी माँ ने भी वह किताब पढ़ी और उनको बहुत पसन्द आयी थी, उसके बाद से ही यह योजना थी कि नासिरा जी का लिखा और पढ़ना है, और उनके लिए साक्षात्कार अगर पुस्तकाकार उपलब्ध हों तो उन्हें तो अवश्य ही पढ़ना है। इस बातचीत के बाद इच्छा और प्रबल हो गयी है। नासिरा जी को सुनने से अपनी तंगनज़री कम हुई। ऐसे बहुत कम लोग होते हैं जिनको सुनकर सोचने का दायरा बढ़े, नासिरा जी आप उनमें एक हैं। आनन्द आ गया।
@Kavitabykumud
@Kavitabykumud Год назад
अंजुम जी ये बहुप्रतीक्षित साक्षात्कार था शानदार रहा आपा की तो मैं फैन हूं ही आप दोनों को शुभकामनाएं
@rakshageeta5512
@rakshageeta5512 Год назад
बहुत बढ़िया साक्षात्कार ❤
@PraveenKumar-pg2wx
@PraveenKumar-pg2wx Год назад
बहुत प्रभावी संवाद।
@samar8307
@samar8307 Год назад
Brilliant interview.
@MamtaYadav-vh3wi
@MamtaYadav-vh3wi Год назад
Ek prabhaw Purna vicharo ki abhivyakti,,bahut achche vichar aur Aaj ke samay me bahut relevant
@user-il5cj2cv1r
@user-il5cj2cv1r Год назад
Good, Informative 👍
@wafahabib5183
@wafahabib5183 Год назад
Very informative interview. It's very influential to know that she had interviews with so many great people whom it was difficult to reach.
@arunnaithani5299
@arunnaithani5299 Год назад
बेबाक। मार्गदर्शक। गंगा-जमुना संस्कृति का पोषक।
@sareesanskritibysalmasulta7457
Nasira Sharma is a born romantic with a fire in her belly . What a deadly combination Nasira ‘s passion for justice & equality & her revolt against injustice simmers through her writings be it prose or poetry Nasira’s versatility is all encompassing & i wish her many milestones 💕💕💕
@harishsamyak2413
@harishsamyak2413 Год назад
मैंने नासिरा जी की कोई रचना नही पढ़ी । पर ये साक्षात्कार देख सुन कर लगा कि हिंदी की किताब उर्दू की किताब से संवाद कर रही है ।
@simiabbas5449
@simiabbas5449 Год назад
In this interview there are many sayings about Iran but it would be better if it had a talk on Indian politics & Afghanistan ....I expect that Nasira Ma'am should be interviewed again...which only focuses on Indian politics & Afghanistan
@abrarmalik8050
@abrarmalik8050 Год назад
😊Very good interview. Very very good. 👌
@qamaralamalig
@qamaralamalig Год назад
a wonderful conversation
@scotfreo2475
@scotfreo2475 Год назад
Apologies my written Hindi is not good. But I am well versed and can speak Hindi. So post watching the interview on your channel. I feel it's so relevnt to our current times. In times when facts History and more is being convoluted purely in a naive headonistic manner. This exchange of views questions and answers are upliftings. Specially at a time when individuality is being scorned upon. Trust the need of honest transparent writing and simple speech is understood.
@abhavishwakarma2117
@abhavishwakarma2117 Год назад
अति सुंदर साक्षात्कार
@maheshpunetha5522
@maheshpunetha5522 Год назад
सचमुच मजबूत प्रश्न
@Neelniv
@Neelniv Год назад
बधाई आपको*
@gurindersinghkalsi5955
@gurindersinghkalsi5955 Год назад
Very nice interview with her. I have seen all the interviews in Sangat. Congratulations.
@pandepragya30
@pandepragya30 Год назад
आपा की बातें जिंदगी से आंख मिलाती हैं। वे सच्ची जमीन से बात करती है। आपका लहजा और आपका बयान बेहद सच्चा है। हम दुहरा कर सुन रहे हैं। कुछ बातें कि आज के साहित्य के देह विमर्श पर बहुत से लोग आपसे इत्तेफ़ाक रखेंगे। ये बात भी मानीखेज है कि लोग स्त्री लेखन में घर को खोजेंगे। अंजुम जी तारीफ के काबिल हैं ।उनके ज़रिए आपा से इतनी बातें हम तक पहुंच पहुंच रही हैं।
@nahida_zaman
@nahida_zaman Год назад
Verry informative interview We known many things from this program. She is a good writer ❤❤
@azranaqvi6757
@azranaqvi6757 Год назад
Bohat khoob
@amanhabibuzzaman5843
@amanhabibuzzaman5843 Год назад
Salute to nasera sharma as a freelance journalist. Anjum ji had good questions but why did'nt he asked any questions on afghanistan like when she meet Ex prime minister Hikmat Yaar that time he was very important mujahidin leader in 1987.
@quaisarzaman
@quaisarzaman Год назад
ناصرہ آپا کا بے حد عمدہ انٹرویو ، بہت کھلی فضا میں بات چیت اچھا لگا ، لیکن کچھ ادھورے پن کا احساس ہوا ، میرا خیال ہے کہ سنگت پر ایک اور ایپی سوڈ ہونا چاہئے ، ان کے ناول ، بہشت زہرا اور زندہ محاورے دو اہم ناول ہیں ، جسے اردو اور ہندی کے قارئین نے پسند تو کیا لیکن ان پر لکھا نہیں گیا ، افسوس ہے ! مجھے اُمید ہے کہ سنگت پر ایک اور ایپی سوڈ ہونا چاہئے اور خصوصی طور پر ناولوں کے حوالے سے گفتگو ہو !
@zeenatkazmi4368
@zeenatkazmi4368 Год назад
Bohot malimaati interview. Zeenat Kazmi , Prayagraj
@Kavitabykumud
@Kavitabykumud Год назад
अब उष किरण खान दी का भी साक्षात्कार कर ही लीजिए
@Abhishek__644
@Abhishek__644 Год назад
@rohitkannaujiya9316
@rohitkannaujiya9316 Год назад
❤❤😊🙏
@Sardar_Mureed
@Sardar_Mureed Год назад
Things got tensed at 20:40 😅
@ujjwaljha6702
@ujjwaljha6702 Год назад
क्या हम अगले एपिसोड्स में गीतांजलि श्री जी को देख सकते है
@prathambhayana9912
@prathambhayana9912 Год назад
Aapse har baar kuch na kuch seekhne ko milta hai apko yaad hai maine alpha beta gama ke liye poster bnaya tha.
@user-bp7cs6by5q
@user-bp7cs6by5q Год назад
वाह, प्यारा है।💐
@mushtaq5227
@mushtaq5227 Год назад
Khandani puss manzar- Walid prof.syed zamin Ali marhoom taluqdar mustafabad , district rae barely k farzand thay aur allahabad University k Urdu department k founder thay ,bahan mansoora aligarh University mein history ki prof. Thi aur kaee kitabon ki musannif , bhaee mazhar Haider marhoom journalist thay ,Lazmi tha k nasersh Sharma ko bhi writer aur journalist hona tha-mushtaq Reza -lucknow
@mahabirsingh8334
@mahabirsingh8334 Год назад
🔙
@mushtaq5227
@mushtaq5227 Год назад
Ek misra-woh kahen aur suna karay koee taweel interview hai adab aur culture ki kafi maloomat huee jahan tak aurton k lekhan ka talluq hai quratul en ki tahreeren safsuthri hain magar unki tanqeed huee k woh nostalgic hain jiska jawab unhone Diya tha k adab cricket ki commentary nahi ho sakta wajeda tabssum ko salah di thi k woh fahashi na likha karen ,ismat chughtaee k lehaf afsana fohosh tha magar ek interview mein unhone inkshaf Kiya k afsane ka kirdar jab ek party mein mila toh usney kaha k usney shadi kar Li hai yani afsana ek Haqeeqat tha ,Amrita preetam bhi controversial thi magar maha devi Verma ka jawab nahi,Iran ko bhi discuss Kiya hai iss barey mein likhna asan nahi hai kyonk yeh mulk 45 sal se international conspiracy ka shikar Raha hai imam khomeni k aney se pahley yeh us k jal mein phansa tha wahan night clubs hotey thay jo Islam k khilaf thay,1980 mein us ki shae pe Iraq ne Iran pe hamla kar diya yeh Jung 8 chali us aur Europe Iraq k sath thay,abadan refinery tabah kar di gayee thi,akhir mein Iran kamzor ho gaya tha ,phir Saddam ne sar uthaya aur unka khatma Kiya Gaya,gulf war k baad maghreb media ne kaha tha ab Iran is khittay mein taqat baney ga jo sahii hua,Iran ek rational mulk hai tareekh gawah hai Kashmir maslay pe Iran ne india ko support Kiya hai,Aaj Iran pe economic sanction hain phir bhi 25 may ko usney kamyabi se ballistic missile ka tajurba Kiya hai jo 2000 km tak mar kar sakta hai neserah Sharma k liye ek paigham-Allah karey zor-e-qalam aur zyada-mushtaq Reza -lucknow
@qamaralamalig
@qamaralamalig Год назад
ایران اور فارسی زبان سے متعلق پر مغز گفتگو۔۔۔
@TheRajni56
@TheRajni56 Год назад
नासिरा शर्मा दीदी का रेख़ता फाउंडेशन द्वारा लिया गया दिलचस्प और ज्ञानवर्धक साक्षात्कार देखने सुअवसर मिला/ अंजुम शर्मा ने निहायत अनौपचारिक ढंग से नासिरा जी के जीवन के विभिन्न पहलुओं से हमें अवगत कराया/ अलाहाबाद से जुड़ी नासिरा जी की खूबसूरत यादें, जड़ों से जुड़ाव, कुछ अधूरी हसरतें, अछूते पहलू, इंग्लैंड प्रवास और इसका उनके जीवन पर प्रभाव, उनके सहचर डॉ. शर्मा का जीवन के हर कदम पर मूक समर्थन व् प्रोत्साहन, ईरान प्रवास दौरान क्रांति का नासिरा जी के लेखन पर प्रभाव, साम्प्रदायिकता से ऊपर उठ कर रफूगर का किरदार निभाते हुए. सद्भाव व् भाईचारे का सन्देश देती , एक कुशल लेखिका व् अनुवादिका के रूप में विश्व व्यापी पहचान, आप इंटरव्यू देखना शुरू कीजिये और अन्तः तक बस देखते ही जाईये।
@savitanagar1377
@savitanagar1377 Год назад
हिंदवी द्वारा लिया गया आपका यह इंटरव्यू सुना और आपके साहित्यिक जीवन के कई पहलुओं को और करीब से जाना l कई वर्षों पहले इसी तरह मैं भी आप का साक्षात्कार लेने आई थी दूरदर्शन के लिए की जाने वाली 'शख्सियत' नाम की सीरीज के लिए और फिर एक और बार आदरणीय श्री अमृतलाल नागर जी पर बनने वाली मेरी फ़िल्म के लिए आपका एक और साक्षात्कार l आपकी सुंदर लेखनी और आपके उपन्यास 'ठीकरे की मंगनी' ने मुझे आप से जोड़ा था l आपको सुनने और जानने के बाद जाना कि किस तरह आपने कड़ी मेहनत और इंसानियत से भरे आपके जज्बे के साथ साहित्यिक जगत में अपनी पहचान बनाई l अपनी लेखनी के माध्यम से बड़ी बहादुरी के साथ आपने स्त्री जाति के कई पहलुओं और सामाजिक रूढ़ियों के कई बंधनों को तोड़कर अपनी लेखनी से एक नई तस्वीर समाज के सामने पेश की l इंटरव्यू के बीच में जिस तरह आपने आदरणीय श्री अमृतलाल नागर जी का भी जिक्र किया सुनकर बहुत अच्छा लगा l ईश्वर से प्रार्थना है कि आपकी कलम इसी तरह निरंतर समाज को नई दिशा दिखाती रहे l
@user-et2xl5lk1h
@user-et2xl5lk1h Год назад
दी, संगत पर आपकी बातचीत पर सोचती रही कि समय का अभाव रहा और अंजुम जी से बहुत कुछ पूछने से रह गया। पारिजात और कुइयाँजान का उल्लेखभर हो सका। अपने काम के दौरान आपसे संपर्क बना रहा और आपका मित्रवत् व्यवहार तथा सहज प्रेम भाव से दिया मार्गदर्शन मेरी स्मृति में सदा रहेंगे। महरुख को जन्म देने वाली नासिरा जी स्त्रियों से कैसे दूरी बना सकती हैं ? एक और ज़रूरी पुस्तक ‘राष्ट्र और मुसलमान’ पर बात होती तो अच्छा रहता। इस पुस्तक में एक अध्याय स्त्री भाषा पर भी है, जो उनकी इतिहास की समझ और स्त्रियों के प्रति संवेदनशीलता को दर्शाता है। बात के केंद्र में बहिश्ते ज़हरा ही अधिक रहा। औरत के लिए औरत स्त्री मुक्ति और सरोकारों पर केंद्रित बेहतरीन पुस्तक है। यह एक संयत लेखक की संयत बातचीत थी। अंजुम के सवाल लेखक से सीधे टकराते हैं। नासिरा जी ज़हीन लेखक हैं। बेबाक़ी से उन्होंने इस बातचीत को साधा।
@user-et2xl5lk1h
@user-et2xl5lk1h Год назад
दी, संगत पर आपकी बातचीत पर सोचती रही कि समय का अभाव रहा और अंजुम जी से बहुत कुछ पूछने से रह गया। पारिजात और कुइयाँजान का उल्लेखभर हो सका। अपने काम के दौरान आपसे संपर्क बना रहा और आपका मित्रवत् व्यवहार तथा सहज प्रेम भाव से दिया मार्गदर्शन मेरी स्मृति में सदा रहेंगे। महरुख को जन्म देने वाली नासिरा जी स्त्रियों से कैसे दूरी बना सकती हैं ? एक और ज़रूरी पुस्तक ‘राष्ट्र और मुसलमान’ पर बात होती तो अच्छा रहता। इस पुस्तक में एक अध्याय स्त्री भाषा पर भी है, जो उनकी इतिहास की समझ और स्त्रियों के प्रति संवेदनशीलता को दर्शाता है। बात के केंद्र में बहिश्ते ज़हरा ही अधिक रहा। औरत के लिए औरत स्त्री मुक्ति और सरोकारों पर केंद्रित बेहतरीन पुस्तक है। यह एक संयत लेखक की संयत बातचीत थी। अंजुम के सवाल लेखक से सीधे टकराते हैं। नासिरा जी ज़हीन लेखक हैं। बेबाक़ी से उन्होंने इस बातचीत को साधा।
@user-et2xl5lk1h
@user-et2xl5lk1h Год назад
दी, संगत पर आपकी बातचीत पर सोचती रही कि समय का अभाव रहा और अंजुम जी से बहुत कुछ पूछने से रह गया। पारिजात और कुइयाँजान का उल्लेखभर हो सका। अपने काम के दौरान आपसे संपर्क बना रहा और आपका मित्रवत् व्यवहार तथा सहज प्रेम भाव से दिया मार्गदर्शन मेरी स्मृति में सदा रहेंगे। महरुख को जन्म देने वाली नासिरा जी स्त्रियों से कैसे दूरी बना सकती हैं ? एक और ज़रूरी पुस्तक ‘राष्ट्र और मुसलमान’ पर बात होती तो अच्छा रहता। इस पुस्तक में एक अध्याय स्त्री भाषा पर भी है, जो उनकी इतिहास की समझ और स्त्रियों के प्रति संवेदनशीलता को दर्शाता है। बात के केंद्र में बहिश्ते ज़हरा ही अधिक रहा। औरत के लिए औरत स्त्री मुक्ति और सरोकारों पर केंद्रित बेहतरीन पुस्तक है। यह एक संयत लेखक की संयत बातचीत थी। अंजुम के सवाल लेखक से सीधे टकराते हैं। नासिरा जी ज़हीन लेखक हैं। बेबाक़ी से उन्होंने इस बातचीत को साधा।
@user-et2xl5lk1h
@user-et2xl5lk1h Год назад
दी, संगत पर आपकी बातचीत पर सोचती रही कि समय का अभाव रहा और अंजुम जी से बहुत कुछ पूछने से रह गया। पारिजात और कुइयाँजान का उल्लेखभर हो सका। अपने काम के दौरान आपसे संपर्क बना रहा और आपका मित्रवत् व्यवहार तथा सहज प्रेम भाव से दिया मार्गदर्शन मेरी स्मृति में सदा रहेंगे। महरुख को जन्म देने वाली नासिरा जी स्त्रियों से कैसे दूरी बना सकती हैं ? एक और ज़रूरी पुस्तक ‘राष्ट्र और मुसलमान’ पर बात होती तो अच्छा रहता। इस पुस्तक में एक अध्याय स्त्री भाषा पर भी है, जो उनकी इतिहास की समझ और स्त्रियों के प्रति संवेदनशीलता को दर्शाता है। बात के केंद्र में बहिश्ते ज़हरा ही अधिक रहा। औरत के लिए औरत स्त्री मुक्ति और सरोकारों पर केंद्रित बेहतरीन पुस्तक है। यह एक संयत लेखक की संयत बातचीत थी। अंजुम के सवाल लेखक से सीधे टकराते हैं। नासिरा जी ज़हीन लेखक हैं। बेबाक़ी से उन्होंने इस बातचीत को साधा।
Далее
Мой телеграмм: v1ann
00:14
Просмотров 30 тыс.
Shakhsiyat with Nasera Sharma
25:50
Просмотров 10 тыс.
Dr Nasira Sharma
23:54
Просмотров 867
Nasira Sharma | Kitab Ki Duniya
23:36
Просмотров 3,5 тыс.
Мой телеграмм: v1ann
00:14
Просмотров 30 тыс.