दरबार सावरिया, ऐसो सजो प्यारो, दयालु आप को सेवा में सावरिया, सगला खड़ा डिगे, हुकम बस आप को सेवा में थारी म्हणे आज बिछ जणू हे, थारे कोल निभानु हे कीर्तन की है रात... कीर्तन की है तैयारी, कीर्तन करा जमकर, प्रभु क्यु देर करो वादों थारो दाता, कीर्तन में आने को, घणी मत देर करो भजनासु ठाणे म्हणे आज रिझाणु है, थारे कोल निभानु हे कीर्तन की है रात... जो कुछ बनो म्हासु, अर्पण परभू सारो, प्रभु स्वीकार करो नादाँ सु गलती होती ही आई है, ब्रभु मत ध्यान धरो नंदू सावरिया थानों दास पुरानो है, थारे कोल निभानु हे
पलकें ही पलकें बिछायेंगे, जिस दिन श्याम प्यारे घर आयेंगे,॥ हम तो हैं कान्हां के जन्मों से दीवाने रे॥ मीठे-मीठे भजन सुनाएंगे, जिस दिन श्याम…. घर का कोना-कोना, मैंने फूलों से सजाया, बन्दरवार बन्धार्इ, घी का दीप जलाया, प्रेमीजनों को बुलाएंगे, जिस दिन श्याम…. गंगाजल की झारी, प्रभु के चरण पखारूँ भोग लगाऊं लाड़ लगाऊं, आरती उतारूं खुशबू ही खुशबू उड़ायेंगे, जिस दिन श्याम... अब तो लग्न एक ही मोहन, प्रेम सुधा बरसादे जन्म-जन्म की मैली चादर, अपने रंग रंगा दे, जीवन को जीवन बनायेंगे, जिस दिन श्याम... नटवर नागर नन्द का लाला, मुरली मधुर बजावे, नन्दू प्रेमी नाच नाचकर, गिरधर को रिझावे, नैनों से नैना मिलायेंगे, जिस दिन श्याम...