प्रकाश मेहरा का बेहतरीन निर्देशन ❤❤अमिताभ बच्चन का लाजवाब अभिनय ❤❤ कादर खान साहब के दिल को छू लेने वाले यादगार संवाद ❤❤ 1984 में दिल्ली के डिलाइट सिनेमा हॉल में देखी दिवाली में पटाखे से हाथ जलने के कारण अमिताभ बच्चन ने फिल्म शराबी के अलावा फिल्म इंक़लाब में भी अपना हाथ रूमाल से धक कर रखते है जब सिनेमा हॉल में टिकट ब्लेकिंग के फाइट वाले सीन के समय
जानकारी के लिए धन्यवाद. महोदय मुझे लगता है के शराबी का एक और गीत.... मंजिले अपनी जगह रास्ते अपनी जगह.... की प्रेरणा ...हमसफर अब ये सफर कट जायेगा..से ली होगी
Rajnikant Sir was absolutely Right. Tohfa or Maqsad ko aaj kon dekhega. Lekin 1984 ki public ne inhe highest grossing films Bana diya. Aaj bhi vahiyat aur third class TV shows saalon tak TRP me top par rehte hai. Aur achche shows viewers na milne ki wajah se bandh ho jate hai.
Reason non availability of songs of Kishore Kumar. It is very difficult to think success of Amitabh and Prakash Mehra with out super duper songs of Kishore da