जय श्री राधेकृष्ण !!! भारत के उत्तर प्रदेश के मथुरा ज़िले में वृंदावन नगर है जो धार्मिक एवं ऐतिहासिक दृष्टि से हिंदुओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। वृन्दावन के साथ भगवान श्रीकृष्ण के बाल्य काल जीवन की विभिन्न लीलाएं जुड़ी हुई हैं। वृंदावन नगर पूरी तरह कृष्णमय है और कृष्ण को सबसे अधिक प्रेम राधा जी से था। इस कारण वृंदावन में श्री राधारमण, श्री राधा दामोदर, राधा श्याम सुंदर, राधावल्लभ इत्यादि नामों के अनेक मंदिर हैं जो पूरी तरह से राधा जी और कृष्ण जी को समर्पित हैं।
वृंदावन में ठाकुर जी के सात मंदिर हैं और उन्हीं में से एक मंदिर श्री राधावल्लभ मंदिर है। वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर के समीप एक चट्टान पर राधा कृष्ण के पवित्र प्रेम के प्रतीक के रूप में यह मंदिर स्थित है। राधा और कृष्ण के मध्य में इतना प्रेम था की राधा में ही कृष्ण और कृष्ण में ही राधा का वास था। आध्यात्मिक दर्शन की इसी गहराई को समझने के लिए इस मंदिर में राधा जी की कोई मूर्ति नहीं है। यहां आने वाले भक्तगण कृष्ण में ही राधा जी के भी दर्शन करते हैं।
स्थानीय मान्यता है कि श्री राधावल्लभ केवल उन्हीं भक्तों को दर्शन देते हैं जिनका हृदय निर्मल हो तथा जिन्हें भगवान स्वयं दर्शन देना चाहते हों। राधावल्लभ की इच्छा के विरुद्ध कोई राधावल्लभ विग्रह के दर्शन नहीं कर सकता ।
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28 сен 2024