पैलाग घण्टाकर्ण देवा ! मैं कुमाऊँ का रहने वाला हूँ बहुत आस्था सुनी है विश्वाश है काफी लोकदेवताओं पर दाज़यु! सराहनीय कार्य किया है आपने! किसी कोने छोर पर होकर कुमाऊं में अपने मित्रों को बताएंगे घण्टाकर्ण देवता की कहानी !
सबसे पहेले मै आप लोगो ते तह दिल से धन्यवाद करदु की आप लोगो ने हमारे रिती रिवाजों से जुडे अपनी एक छोटी सी रिल्स बनाई है बहुत ही सुंदर बनाई है आज डाकर हर कीसी की समज मै नही आता है पर समजने वाला समज ही जाता है मै चाहात हु की इस रिल्स को आगे भी पाट 2 मै भी बनाया जाए ओर यै रिल्स कीसी भी व्यक्ति को अचानक कही पर मीले तो उसका सम्मान करना चाहिए ना की अपमान सुपर
जय हो देव भूमि उत्तराखंड ,जय घंडियाल देवता कहीं ना कहीं किसी भी जगह से देवताओं की कोई न कोई कहानियां बहुत अच्छी होती ।इस वीडियो में एक चीज अच्छी दिखाई गई है ,की किसी के घर में पुत्र होने पर उसके पिता की टोपी , पाग पर दुरूप एक प्रकार का घास लगाया जाता है ।ये हमारे रवाई में भी होता है ,हमें गर्व होना चाहिए अपनी देव भूमि पर जय हिन्द जय भारत जय उत्ताखंड ।