Sita's Choice: The Ultimate Test of Love&Valor|सीता स्वयंवर special 2024|Navyuvak Ramleela Committee
सीतास्वयंवर special 2024|Ramleela Day-3|Navyuvak ramleela committee|Faridabad|World's best Ramleela
सीता स्वयंवर की कहानी, वाल्मीकि रामायण और रामचरितमानस के बालकांड में मिलती है. सीता स्वयंवर की कहानी में, राजा जनक ने अपनी बेटी सीता के विवाह के लिए स्वयंवर आयोजित किया था. स्वयंवर में शर्त रखी गई थी कि जो भी व्यक्ति भगवान शिव के धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाएगा, उसी से सीता का विवाह होगा. इस स्वयंवर में कई बड़े-बड़े राजाओं और राजकुमारों ने हिस्सा लिया था. इस स्वयंवर में अयोध्या के राजा दशरथ के पुत्र श्रीराम और लंकापति रावण भी शामिल थे. वहां मौजूद कोई भी राजा उस धनुष को हिला नहीं सका. तब गुरु की आज्ञा से श्रीराम ने धनुष उठाकर प्रत्यंचा चढ़ाई और धनुष टूट गया. धनुष टूटने के बाद पंडाल में जय श्री राम के जयघोष लगे और श्रीराम और सीता का विवाह सम्पन्न हो गया. सीता स्वयंवर की प्रथा, प्राचीनकाल से भारत में थी. इस प्रथा के तहत, कन्या को अपने अनुकूल वर चुनने का अधिकार था.
8 окт 2024