बिहार में भागलपुर के सटे मुंगेर ज़िले का कल्याणपुर बस्ती। पर्यावरण और समाज के लिए कल्याणकारी कार्यों में जुटी हुई है। वहां कोरोना संक्रमण के दोनों लहर में भी कोई असर नहीं हुआ। वजह, इलाकाई पर्यावरण की शुद्धता को लेकर अनोखी पहल है। जो पिछले 5 वर्षों से अनवरत जारी है। ठीक बरसात के बाद भगवती माँ दुर्गा के प्रांगण में दीपोत्सव मनाया जाता है। कल्याणपुर गांव के सटे पतित पाविनी गंगा मैया की भव्य महाआरती की जाती है। उसका भव्य नजारा देख सकते हैं। दीपोत्सव में घी और तिल के तेल से दीप का प्रज्वलन किया जाता है। 357 साल पुरानी भगवती माँ दुर्गा के प्रांगण में इस बार 5 लाख दीपक का प्रज्वलन किया गया है। कल्याणपुर गांव के ग्रामीण एवम आयोजक डॉक्टर नीतीश दुबे बताते हैं कि बरसात के बाद दीपोत्सव का एक बड़ा फायदा देखने को मिला है। जो भी मानव स्वास्थ्य के लिए शत्रु कीट हवा में पनपता है, उसका विनाश हो जाता है। उसके अलावा दीपोत्सव के आयोजन में समाज का भरपूर सहयोग रहता है। दीपोत्सव की रात सम्पूर्ण गांव के लोग महाभण्डारा में ही प्रसाद ग्रहण करते हैं। कल्याणपुर गांव की सामाजिक एकता व भाईचारे को लेकर मुंगेर रेंज के डीआईजी श्री पंकज सिन्हा भी कहते हैं कि इस गांव की कहानी प्रेरणादायी है। सपरिवार पधारे डीआईजी साहब कहते हैं कि बिहार में इस तरीके की महाआरती और दीपोत्सव को पहली बार देखने का मौका मिला है। पर्यावरण और समाज के लिये हितकर है। आयोजक डॉक्टर नीतीश दुबे बताते हैं कि जो उन्हें समाज से मिला है, उसे उसी समाज को सुपुर्द कर रहे हैं। अपील भी कर रहे हैं कि जो लोग सक्षम हैं उन्हें भी समरस समाज के लिए आगे आना चाहिए।
16 сен 2024