manoj sir jaha aap jaate hai waha chhha jate hai bhagwan kare aap ki har manokamna puran ho dhanyawad. Jai chhati mata har manokamna purn kare. Jai hind . Jai bhart. (Jai bhajapa Tay Bhajpa.)
🚩🕉🙏: *छठ पर्व महत्व और फल प्रकृति के प्रति प्रेम और आस्था सद्भाव* *दुनिया का इकलौता ऐसा पावन पर्व जिसकी महत्ता दिन ब दिन बढ़ती जा रही है*।आज ये पर्व हिंदुस्तान ,मलेशिया के अलावे लंदन,अमेरिका में भी बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है। *ये छठ पूजा जरुरी है* *धर्म के लिए नहीं*, *अपितु*.. हम-आप सभी के लिए जो अपनी जड़ों से कट रहे हैं । अपनी परंपरा, सभ्यता,संस्कृति, परिवार से दूर होते जा रहे है। *ये छठ जरुरी है* उन बेटों के लिए जिनके घर आने का ये बहाना है । *ये छठ जरुरी है* उस माँ के लिए जिन्हें अपनी संतान को देखे महीनों हो जाते हैं, उस परिवार के लिये जो आज टुकड़ो में बंट गया है । *ये छठ जरुरी है* उस आजकल की नई बहु/पुतोहु के लिए जिन्हें नहीं पता कि दो कमरों से बड़ा भी घर होता है । *ये छठ जरुरी है* उनके लिए जिन्होंने नदियों को सिर्फ किताबों में ही देखा है । *ये छठ जरुरी है* उस परंपरा को ज़िंदा रखने के लिए जो समानता की वकालत करता है । *ये छठ जरुरी है* जो बताता है कि बिना पुरोहित/ब्राह्मण भी पूजा हो सकती है । *ये छठ जरुरी है* जो सिर्फ उगते सूरज को ही नहीं डूबते सूरज को भी प्रणाम करना सिखाता है । *ये छठ जरुरी है* गागर , निम्बू और सुथनी जैसे फलों को जिन्दा रखने के लिए । *ये छठ जरुरी है* सूप और दउरा को बनाने वालों के लिए, ये बताने के लिए कि, इस समाज में उनका भी महत्व है । *ये छठ जरुरी है* उन दंभी पुरुषों के लिए जो नारी को कमज़ोर समझते हैं । *ये छठ जरुरी है* भारतीयों के योगदान और हिन्दुओ के सम्मान के लिए । *ये छठ जरुरी है* सांस्कृतिक विरासत और आस्था को बनाये रखने के लिए । *ये छठ जरुरी है* परिवार तथा समाज में एकता एवं एकरूपता के लिए । II संयमित एवं संतुलित व्यवहार =सुखमय जीवन का आधार II जय छठी मैया छठ पर्व के महत्व और परिवार को एकता में बाधक के सूत्र को समझ ही कुछ जानकारियां हैं जो सभी मित्रों के साथ साझा किए सभी का मित्र अजय कुमार द्विवेदी।। यह त्योहार हमें आस्था भाव भगवान के प्रति प्रकृति के प्रति जल थल नभ के प्रति भगवान सूर्य के प्रति चंद्रमा के प्रति बताते हैं की हमें इनका आदर करना चाहिए सम्मान करना चाहिए इनका हम नित दिन उत दोहन करते हैं तो हमें कुछ न कुछ आभार प्रकट करना चाहिए नहीं तो देश के बड़े बड़े अर्थशास्त्री लगे रह गए प्रकृति के आगे घुटने टेक देते हैं और हजारों करोड़ लोगों की आस्था का प्रमाण है कि जिस प्रदूषण से दिल्ली की जनता त्राहिमाम कर रही थी एक क्षण में ही बारिश होती है और प्रदूषण गायब होता है यह समझने की जरूरत है बाकी भगवान ही मालिक है🙏🕉🚩