शुक्ल यजुर्वेद संहिता तृतीय अध्याय का सम्पूर्ण पाठ
शुक्ल यजुर्वेद के तृतीय अध्याय में 63 मंत्र हैं। जो अग्न्याधान , उपस्थान तथा चातुर्मास्य से संबंधित हैं।
चातुर्मास्य याग , सात हवीर्यागों में से एक हैं ,जो प्रत्येक वर्ष चार - चार मासों के अंतराल में अनुष्ठेय होता हैं।
2 окт 2020