ॐ
जो भी द्वारे पे तेरे आया है,
तूने अपना उसे बनाया है,
कल तलक ख़ाक था जमीं पर जो,
आज वो आसमाँ पे छाया हैं ।
उसने ही पायी मंज़िले मक़सूद,
जिसने सजदे में सर झुकाया हैं,
तूने अपना उसे बनाया है,
जो भी द्वारे पे तेरे आया है ॥
तेरी शमा से हुआ रोशन जहां,
जिसे दिल में तूने जलाया हैं,
तूने अपना उसे बनाया हैं,
जो भी द्वारे पे तेरे आया है ॥
तेरी नज़रों से जो मिली है नज़र,
उस नज़र से नज़र तू आया हैं,
तूने अपना उसे बनाया है,
जो भी द्वारे पे तेरे आया है,
ज़िन्दगी धूप तुम घना साया,
तुमको देखा तो ये ख़्याल आया ॥
तुम चले जाओगे तो सोचेंगे,
हमने क्या खोया हमने क्या पाया,
ज़िन्दगी धूप तुम घना साया,
तुमको देखा तो ये ख़्याल आया ॥
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5 июн 2024