लघुकथा- स्वीकार
कहानी और निर्माता- डा. डी. के. शर्मा
निर्देशन- वगीश के. झा
दीनानाथ और शकुन्तला का एक हंसता-खेलता परिवार है,वे अपने दोनों बच्चों राहुल और नेहा के साथ खुशहाल ज़िन्दगी जी रहे होते हैं| राहुल और मीरा का वैवाहिक जीवन खुशियों से भरा होता है लेकिन एक दिन अपने और मीरा का एच. आई. वी. पॉजिटिव होना दोनों को मायूस कर देता है| कहानी राहुल और मीरा के संबंधों की मिठास और एड्स जैसी बिमारियों के बारे में फैली भ्रांतियां दूर करती है| डा. डी. के. शर्मा की कहानी कहीं-न-कहीं इसी गूढ़ प्रश्न का हल तलाशती है कि क्या समाज और परिवार सिर्फ इस वजह से अपने बच्चों से दूर हो जाते हैं या फिर उन्हें स्वीकार करते हैं|
17 апр 2021