साहब, ये कल अब धीरे धीरे शादियों से गुम होती जा रही है, जो भारतीय बाहर चले जाते है वो इन्हें वहां बुला रहे है। यहां लोग सिर्फ डीजे में नाच रहे है। आप जैसे लोगो को प्रणाम है को इस कला को जीवित रखे हुए है। 🙏🏻🙏🏻
फ़िल्म अनोखी रात का मुकेश जी का गाया हुआ गीत ओह रे ताल मिले नदी के जल में, बैंड मास्टर और पूरी टीम ने बहुत अच्छा प्रस्तुत किया है और पीस भी बिलकुल ओरिजनल बजाए हैं
यह मेरा मनपसंद गीत है आपने मधुर tune में सुना कर दिल खुश कर दिया। मौके पर मैं होता तो आपको खूब सम्मानित करता। कभी मौका मिला तो खूब सम्मानित करुगा यह tune दुबारा सुन कर। लक्खा जी का रिस्पॉन्स सही नही लगा। जबरदस्त धुन बजाई। कभी जीवन में इनसे सुनने का मौका चाहूंगा
Unbelievably beautiful kya he baat hai Aap sub ki; simply amazing and awesome! I am absolutely delighted to see that your whole family is a part of it and doing a fantastic job ❤❤❤