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टेसू-झांझी का विवाह
टेसू-झांझी का विवाह, शरद पूर्णिमा के दिन मनाया जाने वाला एक त्योहार है:
इस दिन, छोटे-छोटे बच्चे और बच्चियां तीन खपच्चियों पर टेसू का शीश बनाकर टोलियों में घर-घर घूमकर पैसे मांगते हैं
छोटी लड़कियां एक छेदों वाली छोटी मटकी में दिया दीपक जलाकर टेसू की पत्नी झांझी के नाम पर पैसे मांगती हैं.
टेसू का ढांचा बांस की तीन लकड़ियों को जोड़कर बनाया गया स्टैंड होता है
टेसू को जनश्रुति एक प्राचीन वीर के रूप में स्मरण करती है
टेसू-झांझी के विवाह के बाद ही शादी-विवाह शुरू होते हैं, ऐसा माना जाता है.
23 окт 2024