thankyou very much mam, aap jis tarah se line by line samjhate hue story batati hai bahut ache se dictate karti hai. ache se samajh aa jata hai. aapka bahut bahut dhanyawaad. 🙏
किसी एक के गाने उठाकर लिख देना यह कहां की समझदारी है मैं भी ठाकुर हूं मेरे गांव में 1920 से आज तक सबके लिए चाहे वह किसी भी जाति का हो कुआं है तालाब है फल के बगीचे हैं खेत हैं शादी विवाह में पैसों से मदद लकड़ियों की मदद तमाम दवाइयों की मदद लेकिन ठाकुरों के इस व्यवहार को ना देखते हुए ऐसी कहानियां लिखकर मैं बुरा बनाने का काम किया गया अगर ठाकुर इतने बुरे होते तो आज भी उतने बुरे होते उस महिला ने एक बार ठाकुर से मांग के देखा होता