एक वर्ष पश्चात फिर से टीका टिप्पणी कर रहा हूँ भगवान! मुझे मांगणियारों की कला बहुत ही अच्छी लगती है! राणा लंगा मांगणियारों की कला वाकई हमारी संस्कृति की शान है! मेरा मानना है कि मांगणियारों की कला बगैर संगीत अधुरा सा लगता है! कोटि-कोटि नमन करता हूँ 👏👏 ~एक बहरूपिया