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|| Tomb of Balban || इस कब्र से क्यों आती है खुशबू “कौन करता है यहां जिन्न की इबादत ?? 

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Tomb of Balban
The Tomb of Ghiyas ud din Balban is located in Mehrauli, New Delhi, India. Built in circa 1287 CE in rubble masonry, the tomb is a building of historical importance in the development of Indo-Islamic architecture, as it was here that first Islamic arch made its appearance in India,and according to many, the first Islamic dome as well, which however hasn't survived, making Alai Darwaza built in 1311 CE, in the nearby Qutb complex, the earliest surviving dome in India. Ghiyas ud din Balban (1200-1287) was a Turkic ruler of the Delhi Sultanate during the rule of Mamluk dynasty of Delhi (or Slave dynasty) from 1266 to 1287. He was one of the most prominent rulers of the Slave Dynasty. The tomb of Balban was discovered in the mid-20th century.
It is an imposing stone and masonry building, though lacking the splendid ornamentation to be seen in the tomb of his master, Iltutmish. The tomb is surrounded by the ruins of an extensive late-medieval settlement and it offers, from certain angles, a remarkable view of the Qutub Minar. To the east of Balban's tomb, lies a ruined rectangular structure said to be the grave of Khan Shahid, Balban's son, whose original name was Muhammad, who died fighting against the Mongols near Multan in 1285.
गयासुद्दीन बलबन इसका वास्तविक नाम बहाउदीबहाउद्दीन था।(1249- 1287) दिल्ली सल्तनत में ग़ुलाम वंश का एक शासक था। उसने सन् 1266 से 1286 तक राज्य किया।वो न्याय प्रिय शासक था।
गयासुद्दीन बलबन, जाति से इलबारी तुर्क था। उसकी जन्मतिथि का पता नहीं। उसका पिता उच्च श्रेणी का सरदार था। बाल्यकाल में ही मंगोलों ने उसे पकड़कर बगदाद के बाजार में दास के रूप में बेच दिया। भाग्यचक्र उसको भारतवर्ष लाया। सुलतान अल्तमश ने उस पर दया करके उसे मोल ले लिया। स्वामिभक्ति और सेवाभाव के फलस्वरूप वह निरंतर उन्नति करता गया, यहाँ तक कि सुलतान ने उसे चेहलगन के दल में सम्मिलित कर लिया। रज़िया के राज्यकाल में उसकी नियुक्ति अमीरे शिकार के पद पर हुई।
बहराम ने उसको रेवाड़ी तथा हांसी के क्षेत्र प्रदान किए , अमीर-ए-आखुर का पद दिया ।1245 ई. में मंगोलों से लोहा लेकर अपने सामरिक गुण का प्रमाण दिया। आगामी वर्ष जब नासिरुद्दीन महमूद सिंहासनारूढ़ हुआ तो उसने बलबन को मुख्य मंत्री( अमीर ए हाजिब) पद पर आसीन किया। 47 वर्ष तक उसने इस उत्तरदायित्व को निबाहा। इस अवधि में उसके समक्ष जटिल समस्याएँ प्रस्तुत हुईं तथा एक अवसर पर उसे अपमानित भी होना पड़ा, परंतु उसने न तो साहस ही छोड़ा और न दृढ़ संकल्प। वह निरंतर उन्नति की दिशा में ही अग्रसर रहा। उसने आंतरिक विद्रोहों का दमन किया और बाह्य आक्रमणों को असफल। सं. 1246 में दुआबे के हिंदू जमींदारों की उद्दंडता का दमन किया। तत्पश्चात् कालिंजर व कड़ा के प्रदेशों पर अधिकार जमाया। प्रसन्न होकर सं. 1249 ई. में सुल्तान ने अपनी पुत्री का विवाह उसके साथ किया और उसको नायब सुल्तान की उपाधि प्रदान की। सं. 1252 ई. में उसने ग्वालियर, चंदेरी और मालवा पर अभियान किए। प्रतिद्वंद्वियों की ईर्ष्या और द्वेष के कारण एक वर्ष तक वह पदच्युत रहा परंतु शासन व्यवस्था को बिगड़ती देखकर सुल्तान ने विवश होकर उसे बहाल कर दिया। दुबारा कार्यभार सँभालने के पश्चात् उसने उद्दंड अमीरों को नियंत्रित करने का प्रयास किया। सं. 1255 ई. में सुल्तान के सौतेले पिता कत्लुग खाँ के विद्रोह को दबाया। सं. 1257 ई. में मंगोलों के आक्रमण को रोका। सं. 1259 ई. में क्षेत्र के बागियों का नाश किया। 1260 ई. से लेकर 1266 ई. तक की उसकी कृतियों का इतिहास प्राप्त नहीं। उसने 47 वर्ष तक राज्य किया।
मंगोलों के आक्रमणों की रोकथाम करने के उद्देश्य से सीमांत क्षेत्र में सुदृढ़ दुर्गों का निर्माण किया और इन दुर्गों में साहसी योद्धाओं को नियुक्त किया। उसने मेवात, दोआब और कटेहर के विद्रोहियों को आतंकित किया। जब तुगरिल ने बंगाल में स्वतंत्रता की घोषणा कर दी तब सुल्तान ने स्वय वहाँ पहुँचकर निर्दयता से इस विद्रोह का दमन किया। साम्राज्य विस्तार करने की उसकी नीति न थी, इसके विपरीत उसका अडिग विश्वास साम्राज्य के संगठन में था। इस उद्देश्य की पूर्ति के हेतु के उसने उमराव वर्ग को अपने नियंत्रण में रखा एवं सुलतान के पद और प्रतिष्ठा को बनाया। उसका कहना था कि "सुल्तान का हृदय दैवी अनुकंपा की एक विशेष निधि है, इस कारण उसका अस्तित्व अद्वितीय है।" उसने सिजदा एवं पाबोस की पद्धति को चलाया। उसका व्यक्तित्व इतना प्रभावशाली था कि उसको देखते ही लाग संज्ञाहीन हो जाते थे। उसका भय व्यापक था। उसने सेना का भी सुधार किया, दुर्बल और वृद्ध सेनानायकों को हटाकर उनकी जगह वीर एवं साहसी जवानों को नियुक्त किया। वह तुर्क जाति के एकाधिकार का प्रतिपालक था, अत: उच्च पदों से अतुर्क लोगों को उसने हटा दिया।
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3 окт 2020

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Комментарии : 756   
@mrbahdur9522
@mrbahdur9522 3 года назад
जिन्न की इबादत नहीं हो सकती जिन्न की साधना हो सकती इबादत सीफॅ ईश्वर की होती है जिसने जिन्न और इंन्स को बनाया
@gauravkumar8469
@gauravkumar8469 3 года назад
चाहे ये लोग कही से भी आए हो लेकिन आज भी हिंदुत्व जीवित है हमें अपने पूर्वजों की महानता पर गर्व होना चाहिए ।
@faaiqaara560
@faaiqaara560 3 года назад
Shaheed ki maiyat aur qabr se khushbu aati hai. Woh jisse Allah raazi ho, jo Allah ki raah me mar gaya ho. Woh jannati hote hain
@fourstarup11apnasaharanpur71
@fourstarup11apnasaharanpur71 3 года назад
इबादत सिर्फ अल्लाह की की जाती है किसी जिन भूत की नही
@hashim4234
@hashim4234 Год назад
Gaysuddin ki wfat 1287 apne kaha 1187 😂😂
@purankumar2779
@purankumar2779 3 года назад
भाई आपकी प्रस्तुति ने मन को मोह लिया। मै अपने जमाने में इतिहास का छात्र रहा हूं फिर भी इतनी जानकारी नहीं थी जितनी आपने जानकारी दी है इसके लिए आप बधाई के पात्र हैं बहुत बहुत धन्यवाद् 🌷🌷🌷🌷
@afreenfatima8343
@afreenfatima8343 3 года назад
Ibadt sirf Allah ki
@roshanaraansari7425
@roshanaraansari7425 3 года назад
Agr aap ko bhi itar ki khusbu aarahi h to ye baat such hi hogi k safed kapdo me whan koi aata.aap whan raat me video shoot kre to such ka pta chal jayega 👍
@devdatt8556
@devdatt8556 2 года назад
आपका प्रेजेंटेशन अनूप सोनी की तरह है जो बहुत ही उम्दा है
@shardasoni5450
@shardasoni5450 Год назад
जिनो से सावधान
@arunseghal369
@arunseghal369 3 года назад
Back to old times. Sultan Balban was a strong sultan of Slave Dynasty. Good Job.
@abhishek_bareilly-up25
@abhishek_bareilly-up25 3 года назад
बलबन इतिहास में लौह रक्त की नीति के लिए याद किया जाता है एक दास होकर भी कुशल शासक था। 😍😍
@ravinderrawat6846
@ravinderrawat6846 3 года назад
History is the best subject
@salmabi4012
@salmabi4012 3 года назад
Bahot pasand aya
@SonuChoudhary-yj6qv
@SonuChoudhary-yj6qv 3 года назад
आप नई नई जानकारी देते हो बहुत ही अच्छा लगता है आपका जानकारी देना
@sameerbharat
@sameerbharat 3 года назад
शानदार जबरदस्त🌹🌹
@mhanifthakor689
@mhanifthakor689 3 года назад
शाह बलबन
@AshokKumar-tr6qu
@AshokKumar-tr6qu 3 года назад
Bahut achhi jankari aapne
@shreenkhan9889
@shreenkhan9889 3 года назад
Bhut achhi video hain
@mohibhanfi2238
@mohibhanfi2238 3 года назад
आप काम बहुत शानदार है ,आपको शानदार काम के लिए मुबारक़ बाद
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Склеил девушку-курьера ❤️
01:00
Китайка Шрек поймал Зайца😂😆
00:20