काशी वैदिक पंडित ज्योतिषाचार्य पंडित अंकित व्यास
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पितृपक्ष में करें अपने पूर्वजों का उद्धार******
काशी नगरी मोक्ष की नगरी है। ऐसा शास्त्रों में वर्णित है यहां प्राण त्यागने वाले मनुष्यों को भगवान शिव मोक्ष प्रदान करते हैं, मगर जो लोग काशी से बाहर अकाल मौत के शिकार होते हैं, उनके मोक्ष के लिए यहां पर पिशाचमोचन कुण्ड ( विमल तीर्थ ) पर शास्त्रोक्त #त्रिपिंडी श्राद्ध किया जाता है।
#पितृ_पक्ष की शुरुआत मे #त्रिपिंडी श्राद्ध करने के लिए पिशाचमोचन कुण्ड पर लोगों का ताता लगा रहता है। काशी के अति प्राचीन पिशाच मोचन कुण्ड पर होने वाले त्रिपिंडी श्राद्ध के साथ पितरों को प्रेत बाधा और अकाल मृत्यु से मरने के बाद व्याधियों से मुक्ति मिल जाती है। इसीलिये पितृ पक्ष के दिनों पिशाच मोचन कुंड पर लोगों की भारी भीड़ उमड़ती है।
काशी में त्रिपिंडि श्राद्ध का विशेष महत्व ***
काशी पूरे विश्व में घाटों और तीर्थ के लिए जाना जाता है। 12 महीने चैत्र से फाल्गुन तक 15 -15 दिन का शुक्ल और कृष्ण पक्ष का होता है
जब कन्या राशि पर सूर्य आता है तब ******* आश्विन माष के कृष्ण पक्ष से शुरू होता है पितृपक्ष। जिसको कि पितरों की मुक्ति का 15 दिन माना जाता है। इन 15 दिनों के अंदर देश के विभिन्न तीर्थ स्थलों पर श्राद्ध और तर्पण का कार्य होता है। काशी के अति प्राचीन पिशाच मोचन कुण्ड पर #त्रिपिंडी श्राद्ध होता है जो पितरों को प्रेत बाधा और अकाल मृत्यु से मरने के बाद व्याधियों से मुक्ति दिलाता है। इस श्राद्ध कार्य में इस विमल तीर्थ पर संस्कृत के श्लोकों के साथ तीन मिटटी के कलश की स्थापना की जाती है। जो काले, लाल और सफेद झंडों से प्रतिकमान होते हैं। प्रेत बाधाएं तीन तरह की मानी जाती हैं। सात्विक, राजस, और तामस। इन तीनों बाधाओं से पितरों को मुक्ति दिलाने के लिए काले, लाल और सफेद झंडे लगाये जाते हैं। जिसको कि भगवन शंकर, ब्रह्मा, और विष्णु के प्रतीक के रूप में तर्पण और श्राद्ध का कार्य किया जाता है। ऐसी शास्त्रोक्त मान्यता है कि पिशाच मोचन पर श्राद्ध करना चाहिऐ #pisach #tripindi #mochan #viralvideo #काशी #त्रिपिंडी #पितृदोष #प्रेतबाधा #
20 сен 2024