दोस्ती की मिसाल, यह ऐतिहासिक इमारत बुन्देल शासकों द्वारा बनाई गई सबसे बेहतरीन इमारतों में से एक है। महल में आज भी कई सुन्दर और बेशकीमती मूर्तियां स्थापित हैं और महल के छत से नगर का खूबसूरत दृश्य देखने को मिलता है।
दतिया महल को कई अन्य नामों से भी जाना जाता है, जैसे सतखंडा महल, पुराना महल, बीर सिंह देव महल और गोविन्द महल। दतिया महल सात मंज़िला इमारत है, जिसके दो मंज़िल भूमि के नीचे स्थित हैं। महल का निर्माण किसी भी लकड़ी और लोहे के बिना, पत्थर और ईंटों द्वारा किया गया है। इसका मतलब यह पूरी सात मंज़िला इमारत बिना किसी धातु या लकड़ी के सहारे आज तक खड़ी है। दतिया महल कभी भी किसी शासक का निवास स्थल नहीं रहा। यह सुनने में आपको भले ही थोड़ा अजीब लग रहा होगा पर यह सच है, यहाँ तक कि राजा बीर सिंह देव भी यहाँ कभी नहीं रहे। वास्तव में यह महल जिनकी वजह से बनवाया गया था, यानि कि जहांगीर, वो भी कभी इस महल में नहीं आये थे। महल में लगभग 440 कमरे हैं और जगह-जगह पर आँगन हैं, इस महल को बनने में लगभग 9 साल का समय लगा था। दतिया महल भारत-इस्लामिक वास्तुकला का एक बेहतरीन उदाहरण है। मुग़लई और राजपूतानी शैली का मिश्रण, इस महल को शानदार दृश्य प्रदान करता है।
9 окт 2024