What’s hippie? A hippie is a term used to describe a cultural and social movement that emerged in the United States during the mid-1960s. Hippies rejected mainstream social norms, advocated for peace, love, and harmony, and promoted a countercultural lifestyle focused on personal freedom, communal living, and nonviolence.
Because Saif is not a megastar like them ....bollywood is famous only because of 3 khans srk,salman and aamir and Indian cinema has achieved its overseas market only due to these 3
@@msdian9799 You know about Amitabh right? Germany jao khud Jan jao. Tab khans nursery me rahe honge, lol. Khans me bhi SRK and Amir have some overseas following not all. Then there are guys like Amitabh Bachchan, Deepika Padukone etc aswell.
@@ameetbarot4270 I have not seen much movies from either of them. so I had no idea of it being a copied character. But i do believe it's cent percent possible bollywood would have copied it.
BISMILLAH = > अपने बनाने वाले को पहचानो इससे पहले की मौत आ जाए और तुम पछताते हुए रह जाओ , = > तुम्हारा दिल धड़क रहा तुम सांस ले रहे , मौत बुढ़ापा , क्या तुम यह रोक सकते हो ? इससे साबित होता है कि तुम पर तुम्हारी हुकूमत नहीं है उस अल्लाह की है जो सब कुछ बनाने वाला है , कुरान में एक आयत का महफूम है कि " उसकी शान यह है कि वह जब किसी चीज का इरादा करता है कह देता है के हो जा तो वह हो जाता है " = > जिसको अल्लाह के सिवा पूजा जाता है , अगर सभी एक साथ मिल भी जाए तो एक मक्खी नहीं बना सकते , अगर मक्खी उन पर बैठ जाए तो उसे उड़ा नहीं सकते , और मक्खी अगर उनसे छीन कर कुछ ले जाए तो उसे छुड़ा नहीं सकते , अगर गिर जाए तो उठ नहीं सकते , टूट जाए तो जुड़ नहीं सकते और कुछ बना नहीं सकते खुद बनाए जाते हैं । = > अल्लाह ना बीवी रखता है ना औलाद वह बेनियाज़ है , उसे किसी खाने पीने , औरत बच्चे की जरूरत नहीं , वह किसी चीज का मोहताज नहीं बल्कि सब उसके मोहताज है , अल्लाह को ना ऊंघ आती है ना नींद वह हमेशा हमेशा से जिंदा है और हमेशा हमेशा जिंदा रहेगा = > जिसने तुम्हें बनाया है गंदे पानी की कुछ बूंदों से ( मां बाप से ) फिर वो गंदा पानी उसने आंख कान नाक में हड्डियों नसों में , धड़कते दिल तुम्हारे सोचते दिमाग बोलती हुई जुबान में , बदल दिया बताओ कितनी बड़ी शान वाला है अल्लाह । क्या यह सब अपने आप ही बन गए ? क्या इन्होंने अपने आप ही आकार ले लिया ? या इनको तुमने बनाया है ? = > अगर तुमने अल्लाह के हुक्मो को झूठलाते हुए अपनी जिंदगी गुजारी और अपनी मनमानी चलाई तो तुम नाकाम हो जाओगे क्योंकि उस अल्लाह ने तुम्हें इसलिए पैदा किया है कि तुम उसके हुक्मो को मानो , उसके भेजे हुए पैगंबर यानी अवतार का कहा मानो क्योंकि यह दुनिया इम्तिहान है , इम्तिहान है इसका कि हम उसके हुक्म को मानते हैं या नहीं , बुराई को छोड़ते हैं अच्छाई पर चलते हैं या नहीं। 1) सबसे पहला अल्लाह का हुकुम यह है कि यकीन हो उस अल्लाह पर यानी कि अल्लाह के सिवा कोई दूसरा इबादत के लायक नहीं मोहम्मद सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम अल्लाह के बंदे आखरी पैगंबर रसूल है । 2) दूसरा हुकुम पांच वक्त की नमाज का है जिस ने जानबूझकर ये पांच वक्त की नमाज छोड़ी वो काफिर हो गया । = > ध्यान रखो कि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम एक मक्खी नहीं बना सकते वह मोहताज हैं । अवतार यानी पैगंबर की भी पूजा नहीं हो सकती पहले भी पैगंबर आए हैं और कुरान की तरह पहले भी किताबें उतरी हैं अल्लाह की तरफ से । एक आयत का मफुम है कि " ऐ पैगंबर अगर तुम वही ऐ इलाही के आने के बाद भी गैरों के रास्ते पर चलोगे तो तुमको हमारी पकड़ से बचाने वाला ना कोई दोस्त होगा ना कोई मददगार " एक और आयत का माफुम है कि " अगर यह पैगंबर हमारी निस्बत कोई झूठ बना लाते तो हम इनका दाहिना हाथ पकड़ लेते और इनकी रगे गर्दन काट डालते फिर हमको इससे कोई रोकने वाला ना होता . = > काफिर बना देता है यह कहना - या रसूल अल्लाह , या अली मदद , या मदद अली , या साबिर , या हुसैन कहना ,काफिर बना देता है। या का मतलब होता है पुकारना। जिसको मौत आ जाए उसको पुकारा नहीं जा सकता और अल्लाह हर जगह मौजूद है उसको पुकार सकते हैं । = ) मान लो अगर तुम्हारी मां जिंदा है तो तुम कहोगे या मां मुझे रोटी दे दो । तो मां तुम रोटी दे देगी ठीक है। अब मान लो तुम्हारी मां को मौत आ जाती है और अब तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद ना होगी अब अगर तुमने यह कहा या मां मुझे रोटी दे दो। तो तुम काफिर हो जाओगे क्योंकि तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद नहीं और अल्लाह हर जगह मौजूद है । तुम अल्लाह से कह सकते हो या अल्लाह मुझे रोटी दे दो मेरी मदद कीजिए या अल्लाह मुझ पर रहम फरमाए मैं माफी मांगता हूं या अल्लाह मुझे बख्श दीजिए । इसी वजह से , 1.) या रसूल अल्लाह कहना ,मौला अली , या अली ,भर दो झोली मेरी या मोहम्मद , या हुसैन , दरगाह पर कब्रों पर सजदा करना , जिसकी मौत हो चुकी है उसको या कहकर पुकारना काफिर बना देता है। मातम मनाना मोहर्रम को , यह हराम है और । जबकि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम पैगंबर ने यह सब चीजें नहीं बताई । = > कहीं भी किसी दरगाह पर जाकर सजदा ना करना दरगाह वालों से जाकर दुआएं ना मांगना उन्हें खुद मौत आ चुकी है वह खुद अल्लाह के मोहताज है जैसे कि तुम मोहताज हो अल्लाह के सिवा किसी से भी ना मांगना यहां तक के इंसानों के सामने भी ज्यादा गिड़गिड़ाना गिड़गिड़ाना कुफर की तरफ ले जाता है। SONG sunne ke bjaye Quran tarjume se padhe sune taqi tumhe pta chale us malik ne hukum kya bheja h . what will happen after death with you ? if you obey allah's order or disobey. and you can check my playlist full quran and SUBSCRIBE for more Check links about what is islam and who is ALLAH so plz minimum one time read Quran , it is a word of god , i promise you will know everything that you want,,..... ...
Saif Ali Khan is the most coolest Khan. He always gives funny n cool guy vibes in romantic comedies and villain vibes when he plays villain characters like landan Tyagi and tanahaji. Versatile Khan
"Meditation aur Hashish ke beech I had found Inner peace" Ahh lovely...she nailed it. In fact both of them are good. "I hate phone calls" is another smash.." Phone bech ke drugs khareedliye honge thum".😂
Why do I keep repeating this clip for more than 10 times... Definitely need Tabu in a similar savage role. She nailed the entire 5-10 mins she was in the movie.
Oh pls...acting as if ppl actually implement stuff frm movies in their real lives...nd indian damilybsystem is already f==ed up, there is no saving your mom from ur dads belt
LOL... To those saying SRK and Salman wouldn't play a father. You are factually incorrect. Both have played fathers before. Although, they have only played father to younger children and not adult children like Saif is doing in this movie!
BISMILLAH = > अपने बनाने वाले को पहचानो इससे पहले की मौत आ जाए और तुम पछताते हुए रह जाओ , = > तुम्हारा दिल धड़क रहा तुम सांस ले रहे , मौत बुढ़ापा , क्या तुम यह रोक सकते हो ? इससे साबित होता है कि तुम पर तुम्हारी हुकूमत नहीं है उस अल्लाह की है जो सब कुछ बनाने वाला है , कुरान में एक आयत का महफूम है कि " उसकी शान यह है कि वह जब किसी चीज का इरादा करता है कह देता है के हो जा तो वह हो जाता है " = > जिसको अल्लाह के सिवा पूजा जाता है , अगर सभी एक साथ मिल भी जाए तो एक मक्खी नहीं बना सकते , अगर मक्खी उन पर बैठ जाए तो उसे उड़ा नहीं सकते , और मक्खी अगर उनसे छीन कर कुछ ले जाए तो उसे छुड़ा नहीं सकते , अगर गिर जाए तो उठ नहीं सकते , टूट जाए तो जुड़ नहीं सकते और कुछ बना नहीं सकते खुद बनाए जाते हैं । = > अल्लाह ना बीवी रखता है ना औलाद वह बेनियाज़ है , उसे किसी खाने पीने , औरत बच्चे की जरूरत नहीं , वह किसी चीज का मोहताज नहीं बल्कि सब उसके मोहताज है , अल्लाह को ना ऊंघ आती है ना नींद वह हमेशा हमेशा से जिंदा है और हमेशा हमेशा जिंदा रहेगा = > जिसने तुम्हें बनाया है गंदे पानी की कुछ बूंदों से ( मां बाप से ) फिर वो गंदा पानी उसने आंख कान नाक में हड्डियों नसों में , धड़कते दिल तुम्हारे सोचते दिमाग बोलती हुई जुबान में , बदल दिया बताओ कितनी बड़ी शान वाला है अल्लाह । क्या यह सब अपने आप ही बन गए ? क्या इन्होंने अपने आप ही आकार ले लिया ? या इनको तुमने बनाया है ? = > अगर तुमने अल्लाह के हुक्मो को झूठलाते हुए अपनी जिंदगी गुजारी और अपनी मनमानी चलाई तो तुम नाकाम हो जाओगे क्योंकि उस अल्लाह ने तुम्हें इसलिए पैदा किया है कि तुम उसके हुक्मो को मानो , उसके भेजे हुए पैगंबर यानी अवतार का कहा मानो क्योंकि यह दुनिया इम्तिहान है , इम्तिहान है इसका कि हम उसके हुक्म को मानते हैं या नहीं , बुराई को छोड़ते हैं अच्छाई पर चलते हैं या नहीं। 1) सबसे पहला अल्लाह का हुकुम यह है कि यकीन हो उस अल्लाह पर यानी कि अल्लाह के सिवा कोई दूसरा इबादत के लायक नहीं मोहम्मद सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम अल्लाह के बंदे आखरी पैगंबर रसूल है । 2) दूसरा हुकुम पांच वक्त की नमाज का है जिस ने जानबूझकर ये पांच वक्त की नमाज छोड़ी वो काफिर हो गया । = > ध्यान रखो कि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम एक मक्खी नहीं बना सकते वह मोहताज हैं । अवतार यानी पैगंबर की भी पूजा नहीं हो सकती पहले भी पैगंबर आए हैं और कुरान की तरह पहले भी किताबें उतरी हैं अल्लाह की तरफ से । एक आयत का मफुम है कि " ऐ पैगंबर अगर तुम वही ऐ इलाही के आने के बाद भी गैरों के रास्ते पर चलोगे तो तुमको हमारी पकड़ से बचाने वाला ना कोई दोस्त होगा ना कोई मददगार " एक और आयत का माफुम है कि " अगर यह पैगंबर हमारी निस्बत कोई झूठ बना लाते तो हम इनका दाहिना हाथ पकड़ लेते और इनकी रगे गर्दन काट डालते फिर हमको इससे कोई रोकने वाला ना होता . = > काफिर बना देता है यह कहना - या रसूल अल्लाह , या अली मदद , या मदद अली , या साबिर , या हुसैन कहना ,काफिर बना देता है। या का मतलब होता है पुकारना। जिसको मौत आ जाए उसको पुकारा नहीं जा सकता और अल्लाह हर जगह मौजूद है उसको पुकार सकते हैं । = ) मान लो अगर तुम्हारी मां जिंदा है तो तुम कहोगे या मां मुझे रोटी दे दो । तो मां तुम रोटी दे देगी ठीक है। अब मान लो तुम्हारी मां को मौत आ जाती है और अब तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद ना होगी अब अगर तुमने यह कहा या मां मुझे रोटी दे दो। तो तुम काफिर हो जाओगे क्योंकि तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद नहीं और अल्लाह हर जगह मौजूद है । तुम अल्लाह से कह सकते हो या अल्लाह मुझे रोटी दे दो मेरी मदद कीजिए या अल्लाह मुझ पर रहम फरमाए मैं माफी मांगता हूं या अल्लाह मुझे बख्श दीजिए । इसी वजह से , 1.) या रसूल अल्लाह कहना ,मौला अली , या अली ,भर दो झोली मेरी या मोहम्मद , या हुसैन , दरगाह पर कब्रों पर सजदा करना , जिसकी मौत हो चुकी है उसको या कहकर पुकारना काफिर बना देता है। मातम मनाना मोहर्रम को , यह हराम है और । जबकि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम पैगंबर ने यह सब चीजें नहीं बताई । = > कहीं भी किसी दरगाह पर जाकर सजदा ना करना दरगाह वालों से जाकर दुआएं ना मांगना उन्हें खुद मौत आ चुकी है वह खुद अल्लाह के मोहताज है जैसे कि तुम मोहताज हो अल्लाह के सिवा किसी से भी ना मांगना यहां तक के इंसानों के सामने भी ज्यादा गिड़गिड़ाना गिड़गिड़ाना कुफर की तरफ ले जाता है। SONG sunne ke bjaye Quran tarjume se padhe sune taqi tumhe pta chale us malik ne hukum kya bheja h . what will happen after death with you ? if you obey allah's order or disobey. and you can check my playlist full quran and SUBSCRIBE for more Check links about what is islam and who is ALLAH so plz minimum one time read Quran , it is a word of god , i promise you will know everything that you want,,..,.,,,