Beshak Allah Apko Ye tasveerein utarna apne adhe(Shirt/tshirt) kapde utarke band karne ki taufeek de.Internet pe Haram chezein na karne ki taufeek de....aur har halal cheez ki practice karne ki taufeek ata farmaye aur Apna asal naam ka istemal karne ki taufeek ata farmaye
Assalahmualikum masaallah bro love this vidio thank you so much. May Allah subhanatalah give you lots of barkat. Yes mashallah recordings is good thank you for not moving it so fast. Jjjkl
16:40 Allah behtar haal m sachai janta h par Tawaf Sirf Kaaba Sharif ka hota h ,kisi pir/sahaba k majar sharif p nahi ....Sunni musalman h ham itna kamzor aqeeda kese h ki ham tawaf kisi majar ka yakeen karlein?
SUBHAAN ALLAH ALRA TV CHANNEL VERY nice and true video channel hai insanoo ki bhalai ho rahi hai aap k har sawal ka jawab diya jata hai ALLAH ko apnay dil main basain sukriya ALLAH Hafiz ok thanks g
Assalamualaikum aapka bahut bahut Shukriya Dam Madar Beda Paar ka dargah dekhane ke liye aur unki history dikhane ke liye mashaallah bohath khoobsurat hai mr Khan apka shukriya dastagir ali baig
Aagar ye wali na Hote na toh Tum jise logo ko Khuda ka ba tak malum nahi Hota ,,,, Hum in ki izzat karte hai magna seraf Khuda se hai Tujhe nahi izzat Karni hai toh mat kar mat dekh Vedieo kyun dekh Raha hai Vahbi Aagrez ki Aulad fetne baaz
Mashallah Mujhe Ye bahoot Pasand Aiya Waha Ke Looag Aur Waha Kay Looago Ka Explanation Bahoot Acha Hai...Aur Eak Bath Ladies Ko Andar Aana Mana Hai...Warna Samne Walao Ko Mauqe Milte Alhe Sunnat Ul Jamath Ke Oopar Bolne Aise Hai Waise Hai ... Hindustan Ki Har Bargha Shareef Me Aise Hi Rules Lagana Chahiye .... ❤️
हमारे मआशरे में एक शिर्क देखने को मिलती है जो एक खास तबके के अंदर कुछ ज़्यादा ही है और वो है ... मज़ार पे कसरत के साथ जाना, वहां रौशनी करना, वहां सजदे करना और फिर मजार वालों से मन्नतें मांगना, उनसे अपने हाजतें बयान करना और उनके सामने झोली फैला कर माँगना जैसा के वो ही अल्लाह हों, फिर ,मन्नत पूरी हो जाने की सूरत में उनकी क़ब्र पे चादर चढ़ाना, वहाँ उन मज़ार वालों की तारीफ़ में कौवालियां पढ़ना वगैरह वैगरह.. ये कहाँ तक सही है और क़ुरआन और हदीस में इसका क्या हुक्म है ? जब आप उन लोगों से सवाल करें के क्यों आप क़ब्र वालों से, मजार वालों से मांगते हो तो ये कहते हैं के हम उनसे नहीं मांगते,हम तो उनको वसीला बनाते हैं के वो (क़ब्र वाले ) अल्लाह के नज़दीकी हैं इसलिए वो हमारी बात उन तक पहुंचाएंगे तो अल्लाह हमारी दुआ कुबूल करेगा. मगर अल्लाह फरमाता है : देखो, इबादत खालिस अल्लाह ही के लिए हैं और जिन लोगों ने उसके सिवा औलिया बनाए हैं वो कहते हैं के हम इनको इसलिए पूजते हैं की ये हमको अल्लाह के नज़दीकी मर्तबा तक हमारी सिफारिश कर दें, तो जिन बातों में ये इख़्तेलाफ़ करते हैं अल्लाह उनमे इनका फैसला कर देगा, बेशक अल्लाह झूटे और नाशुक्रे लोगों को हिदायत नहीं देता. (सुरह जुमर, आयत नंबर 3) गौर करने की बात है की हमारी दुआओं को अल्लाह के सिवा कोई क़ुबूल करने वाला नहीं, बस अल्लाह ही हमारा माबूद है, फिर कुछ नाशुक्रे लोग अल्लाह को भूल कर उनके बनाए हुए इंसानो से फ़रियाद करते हैं और उनसे भी जो के क़ब्र के अंदर है अपनी हाजत बयान करते हैं जबकि अल्लाह फरमाता है: भला कौन बेक़रार की इल्तिजा क़ुबूल करता है, और कौन उसकी तकलीफ को दूर करता है,और कौन तुमको ज़मीन में जानशीन बनाता है, (ये सब कुछ अल्लाह करता है) तो क्या अल्लाह के सिवा कोई और भी माबूद है (हरगिज़ नहीं ) मगर तुम बहुत कम गौर करते हो. (सुरह अल-नमल , आयत नंबर 62) अल्लाह के सिवा कोई हमे नफा या नुक्सान पहुंचने वाला नहीं है, फिर क़बर वाले हमे क्या नफा पंहुचा सकते हैं, फिर कुछ नासमझ लोग क़ब्र वालों से ही उम्म्दी लगाए बैठे हैं और उन्ही से माँगना जायज़ समझते हैं जो की सरासर शिर्क है. अल्लाह फरमाता है: और ये के (ऐे मुहम्मद सब से) यकसू हो दीन-ए-इस्लाम की पैरवी किये जाओ, और मुशरिकों में से हरगिज़ न होना,और अल्लाह को छोड़ कर किसी ऐसी चीज़ को न पुकारना जो न तुम्हारा कुछ भला कर सके,और न कुछ बिगाड़ सके. अगर ऐसा करोगे तो ज़ालिमों में हो जाओगे. (सुरह युनूस, आयत 105-106) मरने के बाद सबका मामला अल्लाह के सुपुर्द होता है, वो हमे नहीं सुन सकते. उन तक जब हमारी आवाज़ ही नहीं पहुंच सकती तो फिर वो हमारी दुआओं के सिफारिशी कैसे बन जायेंगे. क़ुरआन में अल्लाह का फरमान है : और ये जिन्दे और मुर्दे बराबर नहीं हो सकते, अल्लाह जिसको चाहता है सुना देता है.और तुम इनको जो अपनी क़ब्रों में दफन हुए हैं इनको नहीं सुना सकते. (सुरह फातिर, आयत 22 ) ये क़ब्र वाले न तो हमे सुन सकते हैं और ही जवाब दे सकते हैं . गौर कीजिये क़ुरआन की इस आयत पे जिसमे अल्लाह फरमाता है: और उस शख्स से बढ़ कर कौन गुमराह हो सकता है जो ऐसे को पुकारे जो क़यामत तक उसे जवाब न दे, और उनको इनके पुकारने की ही खबर न हो. (सुरह अहकाफ, आयत नंबर 5) जो क़ब्रों में हैं, बेशक वो औलिया हों, पीर हों या पैगम्बर हों, ये भी हमारी तरह के ही मखलूक हैं जिन्हे अल्लाह ने पैदा किया. इन लोगों ने अपनी तरफ से किसी चीज़ की तख़लीक़ नहीं की फिर भी कुछ जाहिल लोग उनसे मदद की गुहार लगाते हैं . गौर कीजिये क़ुरआन की इस आयत पे जिसमे अल्लाह फरमाता है: और जिन लोगों को ये अल्लाह के सिवा पुकारते हैं वो कोई चीज़ भी तो पैदा नहीं कर सकते बल्कि खुद वो पैदा किये गए , बेजान लाशें हैं. इनको ये भी नहीं मालूम के ये कब उठाये जायेंगे. (सुरह नहल आयत नंबर 20-21) क़ब्रों पे मुजावर बन कर बैठने वाले वो लोग, जो क़ब्रों की पूजा करते हैं, क़ब्र वाले की इबादत करते हैं और ये समझते हैं की ये उनकी हाजते पूरी करेंगे, तो ये सच में अँधेरे में हैं और ये बदतरीन लोग हैं. और जिन लोगों ने क़ब्रों को सजदहगाह बन लिया है और उनपे माथा टेकते हैं और उनसे अक़ीदत रखते हैं ऐसे लोगों पे अल्लाह की फटकार है जैसा की अल्लाह के रसूल ﷺ की हदीस है के हज़रत अब्दुल्लाह बिन अब्बास रजि० से रिवायत है के जब आप सल० अलैहि० मर्ज़-ए-वफ़ात में मुब्तिला हुए तो आप अपनी चादर को बार बार अपने चेहरे पे डालते और कुछ अफाका होता तो चादर अपने चेहरे से हटा लेते. आप सल० अलैहि० ने उस इज़्तिराब-ओ-परेशानी की हालत में फ़रमाया : "यहूद-ओ-नसारा पे अल्लाह की फटकार जिन्होंने अपने नबियों की क़बर को सजदहगाह बन लिया" आप सल० अलैहि० ये फरमा कर उम्मत को ऐसे कामों से डराते थे. (सही बुखारी, हदीस नंबर 435-436)
Allah Hume Har Tarha ki Gumraahi Se Mahfooz rakhe ,,,,Aameen ,,,Bhai Hajj Mere Payare Nabi Sallahu Alaihi Wasallam ne Makkah Me Kaabe Shreef ki Tawaf ko hi kaha h ,ye nhi kaha ki agr waha jaa na sko to idhr udhar kahi b jaakr hajj krlo ,,,Nauzubillah
Aye allah apne habib ke sadke jo mere dil me hai use mera naseeb bna de paheli baar hazrab zinda shah baba se dua kre hai allah mera daman khushiyo se bhar de ameen summa ameen 🤲
سید بدیع الدین قُطب المدار رضی اللّٰہ تعالیٰ عنہ نے سرکار دوعالم صلی اللہ علیہ وسلم سے عالم رویا میں ملاقات کی سرکار دوعالم نے مدار العالمین کے سر پر اپنا دستِ مبارک رکھ کر دعا فرمائی اور جنّتی لباس پہنایا 7 یا 9 نوالے شیر برنج یعنی خیر کھلائی دم مدار بیڑا پار
हजरत बदीउद्दीन जिंदा शाह मदार के कई चिल्ला भारत के विभिन्न भागों में स्थित हैं। भक्तों का मानना है कि वे चिल्ला वे स्थान हैं जहाँ मदार शाह ने ध्यान लगाया था। ऐसा ही एक चिल्ला महाराष्ट्र के भंडारा जिले में है, जो अपनी विभिन्न चमत्कारी घटनाओं के लिए जाना जाता है। नईमी ने बताया कि दुनिया भर में उनके 1442 चिल्ला गाह हैं।
जितने भी आदमी यह वीडियो देखे हैं और कमेंट मेरा पढ़ रहे हैं मैं सभी से गुजारिश करता हूं कि मेरे कहने पर नहीं रसूलूअल्लाह और अल्लाह के कहने पर अपनी जिंदगी में एक बार कुरान शरीफ की तिलावत मानी के साथ पढ़िए अल्लाह और रसूल का वादा है कि आप हिदायत पे आ जाएंगे और आपको जन्नतुल फिरदौस मिलेगी।
Allah ka shkr hai k Allah ne mujhe shirk se mahfooz rakha aur aage bhi rakhe aameen Ya Allah mujhe aur TAMAM musalmanoun ko qabr parasti se bacha aameen Kitna jhoot bolra inhe jhoota Allah ise sirate mustaqeem ki Toufeeq ATA kare aameen
Firqa firqa nhi khele. Huzur sws se pehle ki ummaten firkonmei bat kar barbad ho gayin . Apne aap ko Allah swt k havale kar do aour pakka irada karo sahi raste ka.❤
Assalamu Alaikum meri shaadi ko 11 Sal ho gaye hain ab tak Koi Aulad Nahin Hai please bhai Mere Liye Dua kijiye Allah Afreen ko Naik Aulad se Nawaz De Ameen Summa Ameen bhai Aap Jo Bhi Dargah Jaaye Mere Liye Jarur Dua kijiye main bahut Pareshan hun bhai Duniya Walon ke Taron Se please please bhai mera naam likhkar Dua kijiye Jo Mera comment padh rahi hai please Mere Liye Dua kijiye Dua ki darkhaast😭😭😭😭😭🤲🤲🤲🤲🤲🤲🤲🤲🤲🤲🤲🤲🤲🤲🤲🤲🤲 Allah Hafiz
Beta Allah se Na umeed mat hona. Dunya waloon ki parwa na karna. Jab bhi mango dil she mango.. Hamara accha our bura , Allah khoob janta hai. Allah ki har Raza se razi raho. Meethi chees pyare Nabi ko bahoot pasand thi. Har peer me din , meethi chees/kheer paka ke gareeb bacchoon ko takseem karo. Miya Bivi har din khoosi se our pyar se rahna. Miya Bivi har din aik hi bartan me khana kahiye. Insa Allah sadi ke 12 years main Aap ko Allah be caheto naik aoulad hogi Aameen. Har rather
हमारे मआशरे में एक शिर्क देखने को मिलती है जो एक खास तबके के अंदर कुछ ज़्यादा ही है और वो है ... मज़ार पे कसरत के साथ जाना, वहां रौशनी करना, वहां सजदे करना और फिर मजार वालों से मन्नतें मांगना, उनसे अपने हाजतें बयान करना और उनके सामने झोली फैला कर माँगना जैसा के वो ही अल्लाह हों, फिर ,मन्नत पूरी हो जाने की सूरत में उनकी क़ब्र पे चादर चढ़ाना, वहाँ उन मज़ार वालों की तारीफ़ में कौवालियां पढ़ना वगैरह वैगरह.. ये कहाँ तक सही है और क़ुरआन और हदीस में इसका क्या हुक्म है ? जब आप उन लोगों से सवाल करें के क्यों आप क़ब्र वालों से, मजार वालों से मांगते हो तो ये कहते हैं के हम उनसे नहीं मांगते,हम तो उनको वसीला बनाते हैं के वो (क़ब्र वाले ) अल्लाह के नज़दीकी हैं इसलिए वो हमारी बात उन तक पहुंचाएंगे तो अल्लाह हमारी दुआ कुबूल करेगा. मगर अल्लाह फरमाता है : देखो, इबादत खालिस अल्लाह ही के लिए हैं और जिन लोगों ने उसके सिवा औलिया बनाए हैं वो कहते हैं के हम इनको इसलिए पूजते हैं की ये हमको अल्लाह के नज़दीकी मर्तबा तक हमारी सिफारिश कर दें, तो जिन बातों में ये इख़्तेलाफ़ करते हैं अल्लाह उनमे इनका फैसला कर देगा, बेशक अल्लाह झूटे और नाशुक्रे लोगों को हिदायत नहीं देता. (सुरह जुमर, आयत नंबर 3) गौर करने की बात है की हमारी दुआओं को अल्लाह के सिवा कोई क़ुबूल करने वाला नहीं, बस अल्लाह ही हमारा माबूद है, फिर कुछ नाशुक्रे लोग अल्लाह को भूल कर उनके बनाए हुए इंसानो से फ़रियाद करते हैं और उनसे भी जो के क़ब्र के अंदर है अपनी हाजत बयान करते हैं जबकि अल्लाह फरमाता है: भला कौन बेक़रार की इल्तिजा क़ुबूल करता है, और कौन उसकी तकलीफ को दूर करता है,और कौन तुमको ज़मीन में जानशीन बनाता है, (ये सब कुछ अल्लाह करता है) तो क्या अल्लाह के सिवा कोई और भी माबूद है (हरगिज़ नहीं ) मगर तुम बहुत कम गौर करते हो. (सुरह अल-नमल , आयत नंबर 62) अल्लाह के सिवा कोई हमे नफा या नुक्सान पहुंचने वाला नहीं है, फिर क़बर वाले हमे क्या नफा पंहुचा सकते हैं, फिर कुछ नासमझ लोग क़ब्र वालों से ही उम्म्दी लगाए बैठे हैं और उन्ही से माँगना जायज़ समझते हैं जो की सरासर शिर्क है. अल्लाह फरमाता है: और ये के (ऐे मुहम्मद सब से) यकसू हो दीन-ए-इस्लाम की पैरवी किये जाओ, और मुशरिकों में से हरगिज़ न होना,और अल्लाह को छोड़ कर किसी ऐसी चीज़ को न पुकारना जो न तुम्हारा कुछ भला कर सके,और न कुछ बिगाड़ सके. अगर ऐसा करोगे तो ज़ालिमों में हो जाओगे. (सुरह युनूस, आयत 105-106) मरने के बाद सबका मामला अल्लाह के सुपुर्द होता है, वो हमे नहीं सुन सकते. उन तक जब हमारी आवाज़ ही नहीं पहुंच सकती तो फिर वो हमारी दुआओं के सिफारिशी कैसे बन जायेंगे. क़ुरआन में अल्लाह का फरमान है : और ये जिन्दे और मुर्दे बराबर नहीं हो सकते, अल्लाह जिसको चाहता है सुना देता है.और तुम इनको जो अपनी क़ब्रों में दफन हुए हैं इनको नहीं सुना सकते. (सुरह फातिर, आयत 22 ) ये क़ब्र वाले न तो हमे सुन सकते हैं और ही जवाब दे सकते हैं . गौर कीजिये क़ुरआन की इस आयत पे जिसमे अल्लाह फरमाता है: और उस शख्स से बढ़ कर कौन गुमराह हो सकता है जो ऐसे को पुकारे जो क़यामत तक उसे जवाब न दे, और उनको इनके पुकारने की ही खबर न हो. (सुरह अहकाफ, आयत नंबर 5) जो क़ब्रों में हैं, बेशक वो औलिया हों, पीर हों या पैगम्बर हों, ये भी हमारी तरह के ही मखलूक हैं जिन्हे अल्लाह ने पैदा किया. इन लोगों ने अपनी तरफ से किसी चीज़ की तख़लीक़ नहीं की फिर भी कुछ जाहिल लोग उनसे मदद की गुहार लगाते हैं . गौर कीजिये क़ुरआन की इस आयत पे जिसमे अल्लाह फरमाता है: और जिन लोगों को ये अल्लाह के सिवा पुकारते हैं वो कोई चीज़ भी तो पैदा नहीं कर सकते बल्कि खुद वो पैदा किये गए , बेजान लाशें हैं. इनको ये भी नहीं मालूम के ये कब उठाये जायेंगे. (सुरह नहल आयत नंबर 20-21) क़ब्रों पे मुजावर बन कर बैठने वाले वो लोग, जो क़ब्रों की पूजा करते हैं, क़ब्र वाले की इबादत करते हैं और ये समझते हैं की ये उनकी हाजते पूरी करेंगे, तो ये सच में अँधेरे में हैं और ये बदतरीन लोग हैं. और जिन लोगों ने क़ब्रों को सजदहगाह बन लिया है और उनपे माथा टेकते हैं और उनसे अक़ीदत रखते हैं ऐसे लोगों पे अल्लाह की फटकार है जैसा की अल्लाह के रसूल ﷺ की हदीस है के हज़रत अब्दुल्लाह बिन अब्बास रजि० से रिवायत है के जब आप सल० अलैहि० मर्ज़-ए-वफ़ात में मुब्तिला हुए तो आप अपनी चादर को बार बार अपने चेहरे पे डालते और कुछ अफाका होता तो चादर अपने चेहरे से हटा लेते. आप सल० अलैहि० ने उस इज़्तिराब-ओ-परेशानी की हालत में फ़रमाया : "यहूद-ओ-नसारा पे अल्लाह की फटकार जिन्होंने अपने नबियों की क़बर को सजदहगाह बन लिया" आप सल० अलैहि० ये फरमा कर उम्मत को ऐसे कामों से डराते थे. (सही बुखारी, हदीस नंबर 435-436)
Mare dada ke roje ko dhekta rhu tune kya banya banane wale mare daada ka roja bss es ko ji bhar ke dhekta rhu or bss mare umar uhi puri ho jaaye bss y he khwis h mari
Allah ke Rasool ke alawah muje kisi ke sadqe ko zarurat nhi ! Allah pak hume nabi e pak Muhammad Mustafa saw ke tufail e sadke muaaf kre aur hamari magfirat farmaye ! Aur kufr se bachaye
Ya baba sahab is duniya me jitne oliya wali or kutub huve hai un sab ka wasta aapko mera selection karwa do or home district allot karwa do or additional ko valid karwa do ameen