हिमालय में आज भी हजारों ऐसे स्थान हैं जिनको देवी-देवताओं और तपस्वियों के रहने का स्थान माना गया है। हिमालय में जैन, बौद्ध और हिन्दू संतों के कई प्राचीन मठ और गुफाएं हैं। मान्यता है कि गुफाओं में आज भी कई ऐसे तपस्वी हैं, जो हजारों वर्षों से तपस्या कर रहे हैं। हिन्दुओं के दसनामी अखाड़े, नाथ संप्रदाय के सिद्धि योगियों के इतिहास में दर्ज है कि हिमालय में कौन-सा मठ कहां पर है और कितनी गुफाओं में संत विराजमान हैं।
प्राचीन काल में हिमालय में ही देवता रहते थे। यहीं पर ब्रह्मा, विष्णु और शिव का स्थान था और यहीं पर नंदनकानन वन में इंद्र का राज्य था। इंद्र के राज्य के पास ही गंधर्वों और यक्षों का भी राज्य था।
इन दुर्गम क्षेत्रों में स्थूल-शरीरधारी व्यक्ति सामान्यतया नहीं पहुंच पाते हैं। अपने श्रेष्ठ कर्मों के अनुसार सूक्ष्म-शरीरधारी आत्माएं यहां प्रवेश कर जाती हैं। जब भी पृथ्वी पर संकट आता है, नेक और श्रेष्ठ व्यक्तियों की सहायता करने के लिए वे पृथ्वी पर भी आती हैं। आध्यात्मिक शोधों के लिए, साधनाओं सूक्ष्म शरीरों को विशिष्ट स्थिति में बनाए रखने के लिए यह स्थान विशेष रूप से उपयुक्त है।
बद्रीनाथ धाम से चरणपदुका की ओर जाते हुए हनुमान मंदिर वाले बाबा ने मुझे 1100 rs चढ़ाने को कहा मैं पहले ही 100 rs thali me भेंट de chuki thi 1000 देने की आनाकानी करने पर मेरे बेटे को ही वही छोड़ jau esa बोले क्या उन्हें संत माना जाए
aah the orbs they have been seen all over the world and mostly at secluded places. does not matter what we call them, they are beings of higher consciousness.
अब तो भिखारियों ने भी गुफा खोदकर रहते हैं अपने आप कौ संत बोलते है और घर में उनके परिवार पल रहे हैं मंदिर समिति ध्यान दें महौल अछ्छा नहीं मुझे भी भी बद्रीनाथ में साधना करने का अवसर मिला मात्र गिनती के सच्चे साधकों के दर्शन हुआ❤❤❤
हरिद्वार में लक्सर रोड पर बाबा आसाम से हैं 20 साल से नहीं नहाये उनकी चमड़ी में कोई बदबू अथवा मैल नहीं आयू भी 30 वर्ष की महसूस होती है अति उत्तम खेचरी एक्सपर्ट है इन बाबा जी के विषय में मैं ज्यादा नहीं बोलूँगा❤❤❤
You are accusing Bhakti Siddhanta Saraswati thakur. You fool how many people have you preached and transformed their heart and made them chant Krishna's names. Just blabbering your big siddhanta doesn't work, go out and do something.
All points are accurate. Authority of bhaktisiddhanta is paramount. what he changed he changed. he is acharya he can do none are anything before such an authority
Complaint it to authorities out there...The Mandir Samiti and all....Har cheej m vikas vikas bolkar hagna mootna jaruri nahi hai...kuch jimmedari local logo aur authorities ki hoti hai ..har cheej m govt ko blame krte krte hi log ab apni moral duties bhool gaye h
Dhanyabad aapko didi, app Mere Smriti ko taza kar di. 2017 me souvagya hua tha waha Darshan ke, maharaj ji se bhi mulakat hua tha, bohot saral aur atithi-vatsal hai maharaj ji, pranam unke charno me