दीदी चरन स्पर्श 🙏🚩आपके भाषण सुन कर जोश आता है पर घर माता पिता रोक देते है....में कट्टर सनातनी हु... आर्य समाज का बहुत सम्मान करता हु...आप कुछ मार्गदर्शन कीजिए दीदी...हम राष्ट्र को बदल सकते है बस की मार्गदर्शन की जरूरत है 😊
जगत् गुरु का अर्थ है जिसे सब संसार मानै राम भद्राचार्य क्या जगत् गुरु कहलाने योग्य है जिन्हें अपने क्षेत्र में ही कुछ लोग नहीं मानते ये कैसे जगत् गुरु हैं जिन्हें महापुरुषों के जीवन चरित्र को पढा ही नहीं। जगत् गुरु कहलाने योग्य कोई है तो वह है स्वामी दयानन्द सरस्वती।। आर्य पुत्र।।
हमारे मन में बहुत सी शंकाएं, प्रश्न, उठते रहते है और उनका समाधान भी नहीं मिलता और महावयक्तित्वों के विचार पढ़ते सुनते रहते हैं व्याप्त देश स्तरीय, समाज स्तरीय और धर्म स्तरीय समस्याओं का सामुहिक समाधान भी निकल नहीं पाता। ऐसे में योग ऋषि रामदेव, दीदी मां साध्वी ऋतम्भरा व डाक्टर आयुषि राणा के विचारों के आगे निरूत्तर हो जाते हैं। इसका कारण शायद यह है कि जो आपके विचार है उनको आपने जीया है और जो हमारे प्रश्न है उनके समाधान की तरफ हम चलने में असमर्थ रहे हैं। धन्य हो आप सब। काश् नई पीढ़ी आपसे सीखे, आपसे विचार विमर्श करे और अपनी उठने वाली समस्याओं अर्थात प्रश्नों का समाधान स्वयं करे परिणामस्वरूप एक ऐसी चेन चलने लगे जो समाधान पर समाधान करती चली जाए।
आर्य समाज शुद्ध देशी घी के समान है जो सत्य सनातन वैदिक धर्म का यथार्थ रूप दर्शाता है। अन्य जितने भी मत समप्रदाय महजब आदि कैसे हैं जैसे डालडा क्यों कि डालडा की अनेक किस्म है जिसमें पशुओं की चर्बी भी होती है लेकिन देशी घी केवल दूध से ही बनता है।। डालडा खाने वाले कभी सत्य नहीं बोल सकते। और देशी घी को भी डालडा बता देते हैं। यही भ्रष्टाचार है जो देश के लिए खतरा है। जय सत्य सनातन वैदिक धर्म।। ओउम् शान्तिः शान्तिः शान्तिः।।
सत्य सनातन वैदिक धर्म का यथार्थ ज्ञान चर्चा और सत्य स्वरूप आर्य समाज में मिलता है। तदर्थ आर्य विद्वान और विदुषी बहिनों को हार्दिक धन्यवाद।। सादर नमस्ते।। आर्य पुत्र।।
गुरु सब के लिए है। महर्षि दयानन्द सरस्वती जी महाराज के विचार ही सर्व मान्य है। पढने का अधिकार सब के लिए। मानव बनने का अधिकार सब को है। बहिन आयुषी राणा जी को धन्यवाद सादर नमस्ते।। आर्य पुत्र।।
विदुषी बहिन आयुषी राणा सही कह रही है प्रत्येक हिन्दू स्थान के नागरिक को सत्य सनातन वैदिक धर्म का सत्य स्वरूप समझना चाहिए। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीरामचंद्र और योगेश्वर श्रीकृष्ण भगवान् के जीवन चरित्र प्रेरणा दायक है।
आर्य समाज के प्रचार प्रसार में कार्य रत डा अयुषी राणा जी को बहुत बहुत धन्यवाद। वौदिक विश्व कर्मा भगवान् की जय।। सत्य सनातन वैदिक धर्म की जय।। ओउम्।। आर्य पुत्र।।