श्री रामभद्राचार्य जी ने पिछले दिनों आर्य समाज के संस्थापक व महानवेदोद्धारक महर्षि दयानंद सरस्वती जी के ऊपर यह आक्षेप लगाया था कि “महर्षि दयानंद सरस्वती जी ने महाभारत व रामायण को काल्पनिक ग्रंथ मानने की भूल की है„
व्यासपीठ से जिस प्रकार वर्तमान समय में झूठ के अंगार उगले जा रहे हैं यह विषय इस वक्तव्य से और भी चिंताजनक हो जाता है।
महर्षि दयानंद सरस्वती जी द्वारा रचित कालजयी ग्रंथ “सत्यार्थ प्रकाश” को संदर्भित करके अनेकों प्रमाण प्रस्तुत करके आक्षेप स्वामी जी को सत्य सुनने का प्रयास किया गया है।
श्री रामभद्राचार्य जी द्वारा महर्षि दयानंद पर मिथ्या आरोप आर्य समाज पर श्री रामभद्राचार्य जी का व्यर्थ प्रलाप
क्या आर्य समाज महाभारत को काल्पनिक मानता है
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23 сен 2024