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दुनिया भर में अनेक महान् आत्माओं ने जन्म लिया है लेकिन श्रीकृष्ण पहली मनुष्य आत्मा थी जिसका जन्म दिन पूरा भारत में ही नहीं विदेशों में भी बड़े धूमधाम से मनाया जाता है वह भी व्रत के साथ जबकि घर में किसी के जन्म दिवस पर कोई व्रत नहीं रखता है क्योंकि श्री कृष्ण सर्व गुण संपन्न 16 कला सम्पूर्ण, संपूर्ण निर्विकारी, डबल ताजधारी,डबल अहिंसक मर्यादा पुरुषोत्तम सतयुग के प्रथम महाराजा थे। प्रत्येक व्यक्ति के प्रिय थे। क्योंकि वह मनुष्य आत्मा परमात्मा की प्रिय बना था जब परमात्मा इस भारत भूमि पर अवतरित होकर ज्ञान दिया था तब उसकी हर श्रीमत का पालन किया था और उस ज्ञान से श्री/श्रेष्ठ बना। लेकिन लेखक को परमात्मा का सत्य परिचय न होने के कारण निराकार परमात्मा शिव के बदले श्रीकृष्ण का नाम लिखने से ही गीता खंडित हो गयी जिस कारण आप जैसे अनेक लोगों का धंधा चल रहा है और मनुष्य कौरव बने हुए हैं। सतयुग सत का और कलयुग पाप का युग होता है इसलिए कहते हैं सत्यम शिवम सुंदरम। सत्य सुनाने वाला सिर्फ एक परमात्मा शिव है जोकि निराकार है। मनुष्य जन्म मरण में आने वाले प्राणी/जीवात्मा है जो कि अपने ही पूर्व जन्मों की कर्म कहानी भूल जाते हैं और परमात्मा जन्म मरण से न्यारा है सत्य बताने हेतु कलयुग अन्त में अवतरित होते हैं और प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा पूरी दुनिया में अपना ज्ञान ब्रह्माकुमारियों द्वारा पहुंचाते हैं इस तरह भारत विश्व गुरु बनता है और फिर से बन रही है अभी सत्य धर्म आदि सनातन देवी देवता धर्म की स्थापना प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा चल रही है जिसको आप लोग नहीं मानते हैं। अधर्म का विनाश और सत्य धर्म की स्थापना दोनों काम अभी तक चल रहे हैं। दुनिया वाले परमात्मा के सत्य परिचय से अनभिज्ञ हैं और जो जान पहचान चुके हैं आस्तिक बन गये है आप भी उस परमात्मा को और उसंकी लीला को जान कर धर्म स्थापना में सहयोग कर सकते हैं।
Yah vahi maryada purushotam Ram hai jisne Sita ki shuru se lekar last Tak durdarshan Rakhi jiske Raj mein ek Dhobi Apne daru pk apni gharwali ko Peet raha tha yah vahi maryadit RAM hai jo kisi ke havan ya Puja ya kuchh Sikh Lene per uski gardan uda dete Hain yah vahi maryada purushotam Shri Ram hai Jo Apne hi bhai ka vadh kar dete Hain yah vahi maryada purushotam Ram hai Jo ek abala nari ka junglon mein naak Kan ya uski ijjat se khelte Hain yah vahi maryadit Ram hai jisko aadambar ke madhyam se logon mein balatkari ko chamatkari ghoshit karne ki koshish agar unmen koi chamatkari gun hota to vah Ravan ko sudhar nahin sakte the kya Bhagwan Buddh ne Bina kisi hathiyaron ke ungali maar per Vijay prapt nahin ki thi.
Extremely inspiring for our Youths Even motivation to be responsible for our Society N Nation.Our Gurukul Education has been proved much more better than Modern Education System to be given Responsible,Devoted and Patriotic Youngsters. True Assets of Our Nation❤️🌷🌷🌷🌷🌷🌷
हल्ला बोल BHOLE जिन अंग्रेजों से BAPU ने BHARAT को आजाद कराया था, 🙏 नारा देकर अंग्रेजों BHARAT छोडो आज उसी BAPU के नाम को आजाद कराना है, BHARAT को अंग्रेजों BAPU छोडो,🔱 ❤️ 🙏 नारा देकर BHOLE हल्ला बोल ना है
सुप्रभात डाक्टर आयुषी राणा जी। आप एक डॉक्टर है और डाक्टर अपनी बुद्धि से मरीज को देखकर इलाज करता है। कहने का मतलब है कि वह लकीर का फकीर नहीं होता है। यदि आप वास्तविक रूप से जानना चाहते हैं कि हम कौन थे और अब क्या हो गये है और हमें कैसा होना चाहिए तो इस दुनिया में एक ऐसा विश्व विद्यालय है जो सृष्टि के आदि मध्य और अन्त का सत्य ज्ञान और ईश्वर का सत्य परिचय देता है उसका नाम है प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय जो भारत सरकार द्वारा रजिस्टर्ड है और इसमें जो टीचर्स है वे आप जैसी ही पढ़ीं लिखी महिलाएं हैं जिसमें डाक्टर और इंजीनियर मिलेगी और पूरे विश्व में ब्रह्म कुमारी बहने इस नारकीय सृष्टि को स्वर्गीय सृष्टि बनाने की सेवा कर रही है।इस दुनिया में दो मार्ग हैं भक्ति मार्ग और दूसरा ज्ञान मार्ग।। भक्ति मार्ग में भक्त अन्धभक्त होता है जिसमें वह शास्त्रों का अध्धयन करता है और ज्ञान में भक्त एक भगवान को जान पहचान कर उसकी श्रीमत पर चलते हैं भक्ति में अनेक भगवान और अनेक गुरु होते हैं।। ज्ञान का सागर एक परमात्मा शिव है जोकि निराकार है और ब्रह्म विष्णु और महेश का भी रचेता है। आत्मा भी निराकार है। आप एक डाक्टर है और जीव विज्ञान की पढ़ाई कर चुकीं हैं जीव का मतलब होता है शरीर। जिस शरीर में आत्मा होती है उसे जीवात्मा कहते हैं जिसमें पशु पक्षी और मनुष्य आते हैं। लेकिन उस शरीर को चलाने वाली आत्मा होती है। लेकिन आत्मा अदृश्य होती है और शरीर दिखाई देता है। जीव विज्ञान दुनिया की हर यूनिवर्सिटी में पढ़ाया जाता है लेकिन आत्मविज्ञान की पढ़ाई किसी भी यूनिवर्सिटी में नहीं। इस तरह मनुष्य अपने आपको और उस परमात्मा को नहीं पहचान पाता है।परम+आत्मा - परमात्मा शब्द से ही स्पष्ट होता है कि परमात्मा का अपना शरीर नहीं होता है और जीवात्मा शब्द बताता है कि आत्मा का शरीर होता है। परमात्मा ज्ञान का सागर है उसे त्रिकाल दर्शी त्रिनेत्री पतित पावन कहते हैं। मनुष्य आत्माओं को सत्य सत्य ज्ञान देने के लिए अवतरित होते हैं। यह सृष्टि कलयुग में तमोगुणी तमो प्रधान हो गयी और और इसे सतोगुणी सतो प्रधान बनाने की शिक्षा देते हैं। मनुष्य अल्पज्ञ और जन्म मरण में आने वाले प्राणी/आत्माएं है जो अपने ही पूर्व जन्मों की कर्म कहानी को भूल जाते हैं याद दिलाना परमात्मा का काम है।आप सबकुछ जान सकतीं हैं।
दीदी बहुत बढ़िया कहा सभी लोग अभी तक कुंभकरिणी नींद में है इनको जगाना अभी तक असंभव सा प्रतीत हैं क्योंकि सब को पैसा चाहिए परिवार कल्याण छोटा परिवार ये सब अच्छा लगता हैं छोटा परिवार तो उन लोगों के लिए होता था जो नौकरी पैशा होते थे व्यापारी क्यों छोटा परिवार रखता हैं इनपर भी विचार कराइए आज के युग में जो बलशाली है उसका अस्तित्व खत्म है जैसे शेर और जो नंबर में ज्यादा हैं वही बलशाली हैं जैसे कुत्ते,बकरी आदि...
आज के शिक्षित और बुद्धिमान कहे जानेबाले हिन्दु का कर्म देखकर ईश्वर भि सोचता और हसता होगा।क्योकी इतना धर्मग्रन्थ और गुरुकुल दिया,बुद्धिमान आचार्य दिया फिर भि हिन्दु शास्त्र पद्धति छोडकर अपनी मनगढन्त कर्म को हि धर्म मान लिया।
वाकई बहुत सुस्त हो चुका है हिंदू लोग, और करण है स्वार्थी मतलबी लोभी हो जाना,आज के तारीख में ऐसा वक्तव्य सुनते ही नही है लोग और जो सुनते है वे पहले से जागृत है अब बताओ क्रांति आयेगा कैसे ,नींद ही नही टुटेगा तो जागेगा कैसे
Kya koi ram ka bhakt kisi muzrim ko to dand de sakta hai lekin kisi begunah ko dand de sakta hai kya aur aap se sawal hai modi ji aur yogi ji lagta hai ram bhakt ho sakte hain bhagwan ram ne Devi Sita ke liye poori Lanka jaladi lekin usi ram ka naam lene wale 56 inchi ram bhakt modi ji ne manipur me mahilaon par atyachar par doshiyon ki Lanka to chodo apna moonh tak nahi khola aur yogi ji ghar gira rahe hain to kya ghar me rahne wali bahen betiyan ko binal kasoor ke rula rahe hain kya raam aise the ya koi aadesh hai raam ka desh ki har beti ko ahsas dilado jo dard Sita Devi ko mila tha Sita Devi ka bhagwan ram se bichad kar unka sansar ujade gaya tha to kya sanatan dharm ke aadeshon ka palan karke desh ki poojniye Sita Devi samaan bharat ki har devi ko ujad kar sanatan dharm ka palan ho raha hai agar yehi dharm hai to fir paschataap mat karna ke poori duniya se sanatan dharm kyun ujad raha hai
राधा कृष्ण जी राम चन्द्र जी को तो हमें पढ़ाया ही नहीं जा रहा है। ग्रन्थों और वैद शास्त्रों को पढ़कर तो हम भटक रहे हैं। सन्त महापुरुषों को और सच्चाई को तो हम मानते नहीं। सत्यार्थ प्रकाश पढ लिया तो समाज बदल गया होता।
हम भारतीय सनातनी धर्म संप्रदाय में जन्मे लेकिन मनुवादियों ने और मतलबी लोगों ने मानव जाति को पीछे धकेल दिया है। यदि इस धरा धाम पर सन्त महापुरुषों का जन्म न लेते तो बता नहीं क्या हो जाता। हम राम जी को नहीं राजनीति के नर्क दल-दल में फंसते चले जा रहे हैं। बड़े चतुर होशियार भ्रष्ट अधिकारीयों और भ्रष्ट नेताओं ने मूल निवासियों को भुला दिया है।