ऐसे मिलेगा भगवान, अल्लाह, रब, God कुरआन मजीद, सूरः अश् शूरा-42 आयत नं. 2 में जैन, सीन, काफ, गीता अध्याय 17 श्लोक 23 के ओम्, तत्, सत् वाले ही सांकेतिक मंत्र (कलमा) हैं। इस तीन मंत्र के जाप से सब पाप नाश हो जाते हैं। कर्म का दंड समाप्त हो जाता है और पूर्ण परमात्मा (कादिर अल्लाह) की प्राप्ति होती है। - संत रामपाल जी महाराज
लख भर सुरा जुजहि, लखभर सावंत देह। लखभर यती जहान में, तव सतगुरु शरणा लेह।। अर्थ=लाखों बार शूरवीर योद्धा, लाखों बार सावंत देह (पुण्य आत्माए )यानी जिनके हाथ घुटनों के नीचे जाते हो । लखभर यती (ब्रह्मचारी) जीवन व्यतीत करने के बाद तब जाकर सच्चे सदगुरूजी की शरण मिलती है।
परमात्मा की पहचान उनके गुणों से, शक्ति से और सामर्थ्य से होती हैं। वेदों में वर्णित पूर्ण परमात्मा कविर्देव उच्चारण कविरदेव है। वेद जो पुर्ण परमात्मा की जानकारी, लीलाएं और विशिष्ठ पहचान बता रहे हैं वो सभी कबीर साहेब जी ने की है। सत साहेब 🙏😊
सतगुरू (तत्वदर्शी सन्त) की शरण में जाकर दीक्षा लेने से सर्व पाप कर्मों के कष्ट दूर हो जाते हैं। फिर न प्रेत बनते, न गधा, न बैल बनते हैं। सत्यलोक की प्राप्ति होती है जहां केवल सुख है, दुःख नहीं है।🔅सतगुरू (तत्वदर्शी सन्त) की शरण में जाकर दीक्षा लेने से सर्व पाप कर्मों के कष्ट दूर हो जाते हैं। फिर न प्रेत बनते, न गधा, न बैल बनते हैं। सत्यलोक की प्राप्ति होती है जहां केवल सुख है, दुःख नहीं है।
झाडा लगाने वाले सिक्ख नही हो सकते ओर जिसको अपने गुरु ग्रथ साहिब पर विश्वास नही अपने धर्म पर वह लानत है जो बार बार गुरु बदलते रहते है उनके ऊपर कैसे विश्वास करे
Jainism is totally false religion. There are so many unscientific things in Jainism. For example.. Earth if flat and dnt rotate First tirthankar height is 1.5 km Ther are jain temples in sun and moon Sun is nearer to earth than moon Moon has its own light Sun is cold but it's rays are hot... There two suns and moons rotating around earth. I can make big list of unscientific things from Jainism but I dnt have time.
Sat sahib ji bandi chhod bhaght Kabir sahib ji bandi chhod sant rampal Maharaj Ji ki jai ho shukriya guru ji blessings me and my family members shukrana g
#सच्चा_सतगुरु_कौन अधूरे गुरु शास्त्र विरुद्ध भक्ति व मंत्र बताते हैं जो गीता अ. 16 श्लोक 23 के अनुसार व्यर्थ है। पूर्ण गुरु Sant Rampal Ji Maharaj शास्त्र प्रमाणित भक्ति व मंत्र दीक्षा में देते हैं जिससे साधक की लाइलाज बीमारी भी ठीक हो जाती है तथा पूर्ण मोक्ष भी प्राप्त होता है।
Bijak original Granth only रामपाल कम्युनिटी को संदेश.. कबीर ब्रह्म ज्ञानी है वह कुछ भी कहें आप लोग उन्हें रामपाल का नौकर न कहें दास न कहें.! रामपाल ने गुरु क्यों किया? अगर वह भगवान है तो? ग्रंथों के अनुसार तो मैं भी भगवान हूं प्रमाण भी है स्पिरिचुअल सोसाइटी की किताब में! 1988 में नाम क्यों लिया ? पहले हिंदू भक्ति क्यों करते थे? संपूर्ण बीजक का ज्ञान क्यों नहीं देते? बाद में बने हुए पारिवारिक सांप्रदायिक बनाए हुए ग्रंथों कबीर सागर व कबीर मन्सूर की बात क्यों करते हैं? कभी अपने आप को दास कहते हैं? कभी भगवान? झूठ पर झूठ झूठ पर झूठ आपने प्रचार करना है तो करो सही से करो.. सतगुरु कबीर का बीजक कोई कहानी किस्सा नहीं दहकती आग है जिसमें किसी भी कूड़े कचरे रूपी अज्ञान का बच पाना असम्भव! विज्ञान व शास्त्रों के अनुसार सत्य को बताया है व ज्ञान से अनुभव की बातें तो की जा सकती हैं लेकिन विज्ञान और शास्त्रों की नहीं वह भी उन्हीं के ग्रन्थों से! कबीर बीजक ग्रन्थ पूरी दुनिया में अनोखा है अगर कहो कबीर झूठ बोलते हैं फिर तो कोई भी सच नहीं बोलता! कबीर सागर और कबीर मन्शूर दुनिया भर के दूसरे धर्मों की तरह बनावटी चमत्कारी किस्से हैं हां कहानी और चमत्कार चाहने वाली दुनिया को उसमें भी बहुत कुछ मिलेगा जो सच है। आज सभी धर्मों और संतों को चमत्कार में मढ़ दिया गया है लेकिन कबीर बीजक अभिलाष साहेब द्वारा हिंदी अनुवाद आज भी वैज्ञानिक है जिसमें कोई चमत्कार नहीं कोई धर्म नहीं सिर्फ सत्य है। भ्रम बढ़ा तिहूं लोक में भ्रम बढ़ा सब ठाओं। कहैं कबीर समझा के तुम बसे भ्रम के गांव।। बीजक महिमा: बीजक बित्त बतावै, जो बित गुप्ता होय। ऐसे शब्द बतावै जीव को, बूझै बिरला कोय॥ बीजक कहिये साख धन, धन का कहै संदेश। आतम धन जेहि ठौर है, बचन कबीर उपदेश॥ देखै बीजक हाथ लै, पावै धन तेहि शोध। याते बीजक नाम भौ, माया मन को बोध ॥ अस्ति आत्मा राम है, मन माया कृत नास्ति। याकी पारख लहै यथा, बीजक गुरुमुख आस्ति॥ सार शब्द टकसार है, बीजक याको नाम। गुरु की दया से परख भई, बचन कबीर तमाम॥ पाँच तत्त्व के भीतरे, गुप्त बस्तु अस्थान। बिरला मर्म कोइ पाइहैं, गुरु के शब्द प्रमान॥ कबीर बीजक : रमैनी, शब्द, ज्ञान चौतीसा, विप्रमतिसी, कहरा, बसन्त, चाचर, बेलि, बिरहुली, हिण्डोला, साखी व पंच ग्रंथि आदि अनुवादक एवं लेखक अभिलाष साहेब, गीता सार, महाभारत व वेद आदि ग्रंथों के अनुवादक। (आप इन्हें माने या न माने लेकिन एक बार अभिलाष साहेब का सरल अनुवाद कबीर बीजक पर विचार अवश्य पढ़ें या सुने बहुत मेहनत से पूरा जीवन लगाया है दो बार संशोधन भी किया है)