❤7अक्टूम्बर2023.❤/ॐ नमः भगवते वाशुदेवाय सर्वम ही ब्रह्म ही वाशुदेव कृष्ण ही हैं वहीं तत्व से सबकुच्छ सच्चिदानंद स्वरुप ही प्रमतत्व ही हैं ॐ ही ब्रह्म ही हैं।❤❤❤।
मै भी भगवान् को कुछ भी नहीं मागती की तना भी दुख आय या हो बस उनकी सेवा करतीं हु जीतनी मुझ से होतीं हैं🌹 मै माँ जगदबा भवानी दक्षिणेश्वरी काली की और महादेव की भक्ति करती हु🌹नमस्कार गुरु जी🌹 धन्यवाद 🌹👌👌👌👌👌🌹🙏🌹🙏🌹🙏
जय जय प्रभु श्री राम प्रभु आप को सादर प्रणाम होवे अयोध्या वासी रामनारायण ७०वरषीय। बाबा तुलसीदास *भूमि परत भा ढाबर पानी** जिमि जीवही माया लपटानी। काल कर्म स्वभाव गुण केरा* फिरत सदा माया कर फेरा** निष्काम भाव होना बहुत ही कठिन है क्योंकि यह संसार मे भ्रमित कर देता है बाबा तुलसीदास, बाबा कबीर बाबा नानक देव आज इतने बड़े देश में कहा बन पाया इतने बड़े देश प्रदेश में जय प्रभु करूणा निधान।
Jay shree garuda Ram sukh dass G ko koti koti naman 🙏jay shree Ram Jay shree Ram Jay shree Ram Jay shree Ram Jay shree Ram Jay shree Ram Jay shree Ram Jay shree Ram
परमात्मा का सभी जगह पर स्थित होने के कारण ही हम सभी को अपने होने का अनुभव होता है। हमें सभी प्रकार का अनुभव परमात्मा के कारण होता है लेकिन हम उसे अपना अनुभव मानकर स्वतंत्र रूप से कर्म करने लगते हैं और मोहित होकर इस भयंकर संसार रूपी जाल में फंस जाते हैं। यही ईश्वर की लीला है जिसे हर कोई समझ नहीं पाता।🙏 है नाथ। कृपा ही केवलम।🙏
हमारे हिन्दू समाज में जब भी सतसंग होता है तो मुस्लिम शब्द जरुर जोडा जाता है क्या इसके बिना कथा, सतसंग, भजन अधूरा माना जाता है जब पुरे समाज की बात कह दी गई फिर इन बिधर्मीयो का नाम लेना सही है क्या