महल जैसे घर आज वीरान हैं पठाली के आंगन बियावान हैं मेरे अपनों चले आओ फिर गांव में बस तुम्हारे लिये हम जिये गांव में। कम लोग हम रह गये गांव में गुजरते हैं दिन दर्द की छाँव में।
कुमाटी जैसी कई ' बाखलिया कुमाऊ की विरासत को सजोये हुए है इन बाखलियो की वर्तमान स्थिति को देखकर निराशा हो रही है। बाकि आपके प्रयासो की बहुत सराहने करते है धन्यवाद ...
इन सुन्दर बाखलियों और घर पहाड के खेत खलिहानों को दिखाने के लिये Fellow Traveller द्वारा बहुत परिश्रम किया गया है और उम्मीद है कि उत्तराखण्ड में एक सकारात्मक परिणाम जरूर आयेगा । बाखलियों एवं पटांगणों का उदेदश्य बहुत सहयोगात्मक , सौहाद्रपूर्ण और रचनात्मक होता है जो समय के साथ कम हो रहा है। धन्यवाद ।😊😊
Apne gaon apni pitra bhumi se judav or pyar to hota hai bhale hi koi kabhi na gaya ho apne gaon par ye apki kathin mehnat hi hai Jo apni mitti se apni pitra bhumi se hum logo ko jodne ka kaam kar rahe ho ap sir bahut bahut dhanyavad aapka
बहुत सुन्दर सर वैसे तो मे पिथौरागढ़ से हु लास्ट हफ्ते में भी ढोकाने वाटर फाल गया था सब बाहर के लोगो वहा गन्दगी कर रखी है में बिना नहाये वापस आया क्या करें ❓गांव बहुत सुन्दर है में भी यहाँ जरूर जाऊंगा समय निकाल कर मे यही कॉटेज में जॉब करता हु शीतला में कभी यहाँ आना होगा तो जरूर संपर्क करें जय हो 🙏🙏🌹👌
Kitna acha time tha wo 💯👏 pensa Kam tha lekin apas m miljul kr rhte thay 😌 or aaj sabkuch h lekin apas ka Meljol kahin kho gya h 🥺 log ek dusare ko pahchante hi nhi 🤨😣😣💔
कृप्या करके , उत्तराखण्ड के लोगों के गाँवों के खाली मकान यूँ Social media पर न दिखायें , इस तरह दिखाने से बाहर के लोग आकृर्षित होते है और इन खाली मकानो में कब्जा करने की या फिर इन्हे Sale करने की फिराक में रहते है , उत्तराखण्ड को बाहरी लोगों से बचाने में अपना योगदान दे , उत्तराखण्ड को दूसरा दिल्ली शहर न बनने दें ।
Uttrakhand walon ke ghar,jangal,jameen pr ghuspaithiyon ki najar hai, aaj tum gharon ki repair nahi kar rahe ho kuch varshon baad gaon k rahoge na shahar ke