कहानी
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कबीर साहेब जी और हनुमान जी की ज्ञान गोष्ठी। हनुमान बने कबीर के शिष्य। Kabir Aur Hanuman Ki goshtil
@saveraanand
ब्योराः-प्रिय दर्शकों नमस्कार। आज के इस इस वीडियो हम सब जानेंगे कि हनुमान जी कबीर साहेब जी के शरण में कैसे आए। तो संपूर्ण जानकारी के लिए कृप्या इस वीडियो को पूरा जरुर देखिए धन्यवाद ।। यह कहानी है त्रेता युग की। जब श्री राम, लक्ष्मण और सीता जी का वनवास हुआ था। बनवास के अन्तिम वर्ष में सीता जी को रावण ने हरण कर लिया था। श्री राम ने सुग्रीव से मित्रता किया। और सुग्रीव और वानर सेना की सहायता से सीता जी की खोज सुरू हुई। दक्षिण दिशा में गए हुए सेना मे हनुमान जी जामवन्त जी और अन्य वानर सेना थे। हनुमान जी ने श्री लंका में जाकर सीता जी का पता लगाया। सीता जी से भेट किया, और श्री राम जी के द्वारा दिया गया मुद्रिका, सीता जी को दिया। सीता जी ने मुद्रिका को देखकर विश्वास किया की हनुमान ने सचमुच में राम दूत है। उसके बाद हनुमान ने फल खाए, और श्री लंका दहन किया। वापस आते समय हनुमान जी ने सीता जी से अपनी निशानी मांगी। ताकि यह प्रमाणित हो सके कि। हनुमान जी को सीता जी से भेट हुई थी। सीता जी ने हनुमान को अपना एक कंगन दिया था।
और सीता जी बोली कि यह कंगन श्री राम जी को दिखा देना। यह कंगन देखकर श्री राम जी ने अवस्य पहचान लेंगे। जब वे सीता जी का पता लगा कर, सीता जी से कंगन निशानी के रूप मे लेकर, लंका से वापिस चल दिए।
हनुमान जी आए कबीर साहेब के शरण में हनुमान बने कबीर साहेब के शिष्य कबीर हनुमान की ज्ञान गोष्ठी त्रेता में कबीर के शिष्य बने हनुमान
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20 июн 2024