कर मन वा संतो री सेवा जिनके और भरोसा नहीं है जपे निरंजन देवा=कर मन.....
निष्कामी निर्लोभी कहिए निर्मल नाम उपासा
वा संतो रा दर्शन करिए मिटे काल का पासा..
शील संतोष दया घट माही राम नाम का लेवा
जीवत मुक्त फिरे जग माहीं अलुज्यो ने सालुजेवा....
जिनके चरण कमल रज बंछत गंगा जमना रेवा
सुंदरदास उना का दर्शन मिलवे अलख अभैवा
कर मन वा संतो री सेवा.......
11 окт 2024