बहुत अच्छा लगा महाराज जी। मैं आपको इतना पसंद नहीं करता था राम मंदिर के बारे में जब आपने बोला था । पर आज आपके प्रति मेरा श्रद्धा बढ़ गया क्योंकि आपने राधा रानी के बारे में इतना सुंदर व्याख्या की है
मित्र,यह महाराज शंकराचार्यजी है...आचार्य पद पर विराजमान है...यह सिर्फ शास्त्रों से ही चलते है...दुनिया इधर की उधर हो जाये पर जो शास्त्रों में लिखा है उसी पर ही कायम रहते है...राममंदिर के बारे में उन्होंने जो कहा वह शास्त्र पद्धति से ही कहा है...इनकी बात समझने के लिए उतने level की बुद्धि भी चाहिए...वो बुद्धि हम जैसे सामान्य इंसानों के पास नही होती है.. इसलिए राममंदिर के बारे में इन्होंने जो बोला है उसमें तुम अपना मन निराश मत करो।
@@janakd21आपने बिल्कुल सही कहा मित्र। किसी भी व्यक्ति को अच्छे से जाने बिना उन पर गलत धारणा बना रखना बहुत पाप है। आपकी बातों से बहुतसंतुष्टि मिली हमें। बहुत बहुत धन्यवाद आपको 🙏🙏
हर हर महादेव हर हर महादेव हर हर महादेव हर हर महादेव हर हर महादेव हर हर महादेव हर हर महादेव हर हर महादेव हर हर महादेव हर हर महादेव हर हर महादेव हर हर महादेव हर हर महादेव हर हर महादेव हर हर महादेव
Mai bhi unn Agyaniyo mai that... Jo Radha ji ko bus kahani maanta that.. ... Parbhu ke ashirwaad se aaj ye satya jaan paya... RADHA RANI MUJH agyani ko maaf kar digiega..... Hari bol
Radha Rani ki charcha keval rasik sant hi karte hai.....rasik sant matlab Radha Rani ki Sehchari.....jinn mei lesh matra bhi sansar ki vansa naa ho🙏 Tab kahi jaakar wo Sehchari bhav ko prapt kar sakta hai.....Dwandatit shtithi...... Maya prapanch se rahit🙏 Shree Harivansh 🙏
@@shayaridilse786 apna ishta aur guru hi parbhram hai.... Par doosre ka ishta bhi apne ishta ka hi swaroop hai..... Ye hi sanatani ka saar hai. Ye samman rakhna chahiye doosee ke ishta ke liye bhi . Aur un swaroopo se apne ishta ko prapta karne ka aashirvaad mangna chahiye
राधा जी के विषय में प्रमाण सहित और इतने सुंदर तरीके से वर्णन करके आपने शंकराचार्य पद की गरिमा को आम हिंदू के हृदय में और मजबूती प्रदान की है। आपके श्री चरणों में कोटि कोटि प्रणाम करता हूं
सत्य सनातन वैदिक धर्म की जय 🚩 परमधर्माधीश उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य श्री स्वामी जी महाराज को मेरा शत-शत नमन🙏💐 आचार्य जी अनेकों प्रवचन सुनने के पश्चात भी मुझे जीव और जीवात्मा का अर्थ स्पष्ट नहीं है आपसे करबद्ध प्रार्थना है कि इनका अर्थ और भेद समझाने की कृपा करें।🙏
पूज्य गुरुदेव श्री शंकराचार्य भगवान ने भी ब्रम्हवैवर्त पुराण के प्रकृति खंड के 48 अध्याय को स्पष्ट कर दिया । हमारी महारानी प्रिया जी श्री राधा रानी जी मेरे प्रभु की आह्लादिनी शक्ति है , मेरे कृष्ण को मोहने वाली मदनमोहनमोहिनी श्यामा जी प्राण शक्ति हैं । फिर भी कुछ लोग उन्हें समझ नहीं पा रहें हैं । आदरणीय प्रदीप मिश्रा जी निवेदन है कि आप इसपर विचार करेंगे । बाकि सब श्री कृष्ण की मर्जी 💐💐💐💐💐