• बजरंग बाण | पाठ करै बज...
बजरंग बाण | पाठ करै बजरंग बाण की हनुमत रक्षा करै प्राण की | जय श्री हनुमान | तिलक प्रस्तुति 🙏 भक्त को भगवान से और जिज्ञासु को ज्ञान से जोड़ने वाला एक अनोखा अनुभव। तिलक प्रस्तुत करते हैं दिव्य भूमि भारत के प्रसिद्ध धार्मिक स्थानों के अलौकिक दर्शन। दिव्य स्थलों की तीर्थ यात्रा और संपूर्ण भागवत दर्शन का आनंद। दर्शन दो भगवान!
Watch the video song of ''Darshan Do Bhagwaan'' here - • दर्शन दो भगवान | Darsh...
Watch the Story Of "Raakshas Raaja Chol ka vaaraah bhagavaan ne kiya vadh" now!
राजा चोल गाए के दूध ना देने की बात का पता लागेने के लिए जब अगले दिन जाता है तो गाय फिर से गाएँ विष्णु जी को दूध पिलाने के लिए जाने लगती है तो राजा का सेवक उसके पीछे जाता है और देखता है की गाएँ एक स्थान पर खड़ी है और उसका दूध अपने आप निकल रहा है। राजा को सेवक सारी बात बताता है तो राजा अगले दिन सेवक के साथ गाएँ का पीछा करते हुए वहाँ पहुँच जाते हैं और यह सेब देख कर हैरान हो जाता है। राजा इस बात का पता लगाने के लिए की यह सब क्यों हो रहा है तो राजा अपनी तलवार से ज़मीन में वर करता है तो विष्णु जी को तलवार लगती हैं। ब्रह्म जी राजा चोल को बताते हैं की उसने विष्णु जी पर वार किया है। ब्रह्मा जी राजा चोल को बताते हैं की तुमने राक्षस कर्म किया है इसलिए तुम राक्षस बन जाओगे। राजा क्षमा माँगता है लेकिन ब्रह्म जी उसे दंड के रूप में राक्षस बना देते हैं। राक्षस बनते ही राजा चोल प्रजा पर आक्रमण कर देते है। राज का सेवक रानी को सब कुछ बताता है तो रानी राजा राक्षस राजा चोल को रोकने आती है। राक्षस चोल जब रानी की बात नहीं मानता तो रानी अग्नि से अपने प्राण त्याग देती हैं। राक्षस चोल प्रजा पर हमला करते हुए आगे बढ़ता है और उसे रोकने के लिए वाराह भगवान सामने आते हैं और उसे चेतावनी देते हैं की वो ऐसा ना करे लेकिन राक्षस योनि में होने के कारण राजा चोल उनकी एक नहीं सुनता और उन पर हमला कर देते हैं। वाराह भगवान राजा चोल का वध कर देते हैं। बहुत समय बीतने के बाद नारद जी ब्रह्मा जी के पास आते हैं की विष्णु जी अभी तक गुफा से बाहर नहीं आए हैं तो ब्रह्मा जी बताते है की आकाश राज के रूप में राजा चोल का जनम होगा और उनकी पत्नी सुनंदा ने चंद्रिका रूप में जनम लिया है और वो इस जनम में भी पति पत्नी हैं। राजा आकाश राज और रानी चंद्रिका संतान प्राप्ति के लिए यज्ञ करते हैं। यज्ञ देवता प्रकट होते हैं और उन्हें संतान प्राप्ति का वरदान देते हैं। यज्ञ देवता राजा को धरती से अन्न उगाने के लिए कहते हैं। आकाश राज जैसे ही भूमि पर हल चलाते हैं तो उन्हें भूमि से एक कन्या प्रकट होती है जिसे राजा रानी अपने साथ अपने राजमहल में ले जाते हैं। नारद मुनि जी उन्हें बताते हैं कि उनके घर में माता लक्ष्मी ने जनम लिया है। आकाश राज नारद मुनि को उनका नामकरण करने को कहते हैं तो नारद जी उनका नाम पद्मा रखते हैं। राजा अपने घर में जन्मी कन्या की ख़ुशियाँ मनाते है।
Subscribe to Tilak for more devotional contents - bit.ly/SubscribeTilak
Watch all episodes of Ramanand Sagar's Jai Mahalaxmi here - bit.ly/JaiMahalaxmi
Watch all episodes of Ramanand Sagar's Jai Ganga Maiya here - bit.ly/JaiGangaMaiyaHindi
Jai Maha Lakshmi presented Tirupati, Balaji and Padmavati for the first time on the small screen. It created a mass frenzy all over India, particularly in southern region where Tirupati Balaji is the most worshipped and revered deity. “JAI MAHA LAKSHMI“ began the chapters of Tirupati Balaji from its genesis. Bhrigu Rishi is assigned the task of finding who is the supreme, having all the three virtues (Trigun) among the Trinity (Brahma, Vishnu and Mahesh). After a lot of search and disappointments, Bhrigu Rishi is convinced that Vishnu is the Supreme and is touched by the Lord’s concern even after insulting him by a purposely designed kick in the Lord’s chest. Lakshmi asks the Lord to punish the Sage. “I cannot harm one who is my guest.” Said the Lord. Considering this an affront to Her dignity, Lakshmi disappears from Ksheer Sagar and descends on today’s Kolhapur as Karveer Maa Lakshmi.
Later, Lakshmi is pleaded and pleased and She reappears as Padmavati and joins Her husband, who are worshipped and revered as Tirupati Balaji over the years to present.
In association with Divo - our RU-vid Partner
#JaiMahalaxmi #JaiMahalaxmionRU-vid
17 апр 2022