इस पृथ्वी को हम इंसान अपना घर कहते हैं. लेकिन हम इसे जितना लूट रहे हैं, ऐसा पहले कभी नहीं हुआ. अर्थ ओवर शूट डे इसी की तरफ इशारा करता है. इसके तहत यह हिसाब लगाया जाता है कि किसी देश को जितने संसाधन आम तौर पर एक साल में खर्च करने चाहिए, वह उन्हें कितना जल्दी खत्म कर लेता है. ग्लोबल फुटप्रिंट नाम का एनजीओ इसका अनुमान लगाता है, जिसका कहना है कि साल दर साल स्थिति खराब होती जा रही है. संसाधनों की हमारी भूख और उनका इस्तेमाल बढ़ता ही जा रहा है.
#dwhindi #EarthOvershootDay
30 июл 2022