#Nehru #IndiraGandhi #Mayawati
एक कवि ने जब नेहरू, इंदिरा से लेकर मायावती और बाल ठाकरे के नाक में किया दम. उस कवि का नाम है -नागार्जुन। जनकवि नागार्जुन की इन कविताओं ने उड़ाई थी राजनीतिक धुरंधरों की नींद।
नागार्जुन हिंदी के प्रख्यात प्रगतिशील कवि और कथाकार हैं. हिंदी, मैथिली, संस्कृत और बांग्ला भाषा में उन्होंने कविताएं लिखीं.
जनता मुझसे पूछ रही है क्या बतलाऊं जन कवि हूं मैं साफ कहूंगा क्यों हकलाऊं ये पंक्तियां सही मायनों में जन कवि बाबा नागार्जुन की पहचान हैं। साफगोई और जन सरोकार के मुद्दों की मुखरता से तरफदारी उनकी विशेषता रही। अपने समय की हर महत्वपूर्ण घटनाओं पर प्रहार करती कवितायें लिखने वाले बाबा नागार्जुन एक ऐसी हरफनमौला शख्सियत थे जिन्होंने साहित्य की अनेक विधाओं और भाषाओं में लेखन के साथ-साथ जनान्दोलनों में भी बढ़-चढ़कर भाग लिया और कुशासन के खिलाफ तनकर खड़े रहे।
कविता 1 - आओ रानी हम धोएंगे पालकी, यही हुई है राय जवाहरलाल की Jawaharlal Nehru
कविता 2 : इन्दु जी क्या हुआ आपको Indira Gandhi
कविता 3 : बाल ठाकरे Bal Thackeray and Shiv Sena
कविता 4: मायावती Mayawati and KanshiRam
नागार्जुन हिंदी के प्रख्यात प्रगतिशील कवि और कथाकार हैं. हिंदी, मैथिली, संस्कृत और बांग्ला भाषा में उन्होंने कविताएं लिखीं. वीडियो में जो कुछ भी कहा गया है यह पब्लिक प्लेटफॉर्म पर कई जगह उपलब्ध है।
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24 май 2024